अलीगढ़: जिले के खैर थाना क्षेत्र में पुलिस ने चोरी के आरोप में चार युवक पकड़े थे. पकड़े गए चार युवकों में से दो युवकों ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. युवक और उसका परिवार खैर विधानसभा से बीजेपी विधायक अनूप वाल्मीकि के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचा. युवकों ने झूठे चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर थर्ड डिग्री का आरोप लगाया है. पीड़ित को जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.
थाना खैर कस्बे में 23 सितंबर की रात को जनसेवा केंद्र में हुई चोरी की घटना के आरोप में इलाका पुलिस ने चार युवकों को पकड़ा था, जिसमें जांच पड़ताल के बाद जितेंद्र पुत्र रामवीर और संजय को छोड़ दिया. आरोप है कि गांव के प्रधान संजय दिवाकर के कहने पर पुलिस ने दोबारा से इन दोनों को पकड़ लिया और उनके साथ जमकर मारपीट की, जिसमें जितेंद्र का कान का पर्दा फट गया और संजय के हाथ में फैक्चर हो गया है.
शनिवार को पीड़ित के साथ पहुंचे खैर विधानसभा से बीजेपी विधायक अनूप वाल्मीकि ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की हैं. पीड़ित जितेंद्र ने बताया एक जन सेवा केंद्र में चोरी हुई थी. उसके शक के दायरे में हमको पुलिस पकड़ कर ले गई थी. बाद में हमको निर्दोष मानकर छोड़ दिया. गांव के प्रधान के कहने पर पुलिस ने दोबारा से हमको पकड़ लिया. पुलिस ने हमारी ऐसी पिटाई की है मेरे कान का पर्दा भी फट गया है. कान में से ब्लड निकल रहा है. जो घटना में नामजद था उसको पुलिस ने हाथ भी नहीं लगाया.
बीजेपी विधायक अनूप बाल्मीकि ने कहा कि क्षेत्र में दो दिन पहले एक चोरी की घटना हुई, उसी संदर्भ में करीब 6 लड़कों पर शक किया गया था, जिसमें 4 लड़कों को पुलिस ने उठा लिया. पुलिस ने जांच की. इस जांच में सोफा चौकी इंचार्ज, एक दरोगा और खैर कोतवाली के इंस्पेक्टर आरके सिंह थे. तीनों अधिकारियों ने उसमें लगभग विवेचना की और अपनी विवेचना में एक दिन पहले दो लोगों को निर्दोष मानकर छोड़ दिया, जिन्हें अधिकारियों ने निर्दोष माना फिर दोबारा उन्हें पकड़ लिया.
अनूप बाल्मीकि ने कहा कि इस सिलसिले में यह लोग शनिवार को मेरे पास आए थे. उसी संदर्भ में मैंने इंस्पेक्टर से बात की. इंस्पेक्टर साहब ने हमको भरोसा दिया है. इन लोगों का इंवॉल्वमेंट नहीं है, तो मैं इन लोगों को छोड़ रहा हूं. फिर भी वह नहीं छोड़े. उन्होंने कहा हम छोड़ेंगे पर 151 की कार्रवाई करेंगे. मैंने कहा एक तरफ आप निर्दोष मान रहे हो एक तरफ 151 की कार्रवाई कर रहे हो. यह गलत है. मेरे टेलीफोन के बावजूद भी जिस तरह लोग बता रहे हैं इनके साथ मारपीट की गई. इसमें एक का कान का पर्दा फट गया, ब्लड निकल रहा है. दूसरे के हाथ में फैक्चर है. मैं उसी संदर्भ में आया हूं. मेरी आईजी से बात भी हुई. यह लगभग सभी अधिकारियों के संज्ञान में हैं. हमारी उसमें मांग है जिन अधिकारियों ने उनके साथ बर्बरता तरीके से मारपीट की है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो.