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टीबी रोगियों की एक्टिव केस फाइडिंग के लिए टीम गठित

यूपी के अलीगढ़ जिले में क्षय रोग के उपचार लिए 400 लोगों की टीम गठित हुई. टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के अन्तर्गत 03 जनवरी से दस दिन के लिए टीबी के संबंध में एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाया जायेगा. क्षय रोगियों की जांच और उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है.

डाक्टरों का मीट आयोजन.
डाक्टरों का मीट आयोजन.
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Published : Jan 2, 2021, 10:58 PM IST

अलीगढ़: जिले में क्षय रोग के उपचार लिए 400 लोगों की टीम गठित की हुई. टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के अन्तर्गत 03 जनवरी से दस दिन के लिए टीबी के संबंध में एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाया जायेगा. वर्ष 2019 में 15 हजार 535 क्षयरोग के मरीज चिन्हित किये गये थे. वर्ष 2019 में कुल 89 प्रतिशत रोगियों को टीबी मुक्त किया गया. टीबी एक्टिव केस फाइडिंग अभियान के लिए 320 टीम गठित की गई है. 80 सुपरवाइजर और 19 नोडल अधिकारी 3 जनवरी से जुटेंगे. इस संबंध में मुख्य चिकित्सा ने होटल आर्चिड ब्लू में शनिवार को डाक्टरों की मीट का आयोजन किया.


कोरोना काल में क्षय रोग सेवा हुई प्रभावित

जिले में 2020 में टीबी के 148 क्षय रोगी चिन्हित किये गये. कोरोना काल में क्षय रोग की सेवाएं भी प्रभावित हुई है. प्रदेश भर में क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन में निरतंर गिरावट दर्ज की गई. अलीगढ़ भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां गत वर्षों की तुलना में क्षय रोगियों के चिन्हिकरण में गिरावट आई है. इसी को ध्यान में रखते हुए. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज से टीबी हारेगा- देश जीतेगा अभियान की शुरुआत की. जिसके तहत शुरू हुए प्रथम चरण में जिला कारागार एवं छर्रा स्थित वृद्धावस्था केंद्र और नवोदय विद्यालय में लगभग 3 हजार 650 लोगों की टीबी और कोविड कि स्क्रीनिंग की गई. जिसमें से 94 लोगों को टीबी के लक्षण मिलने पर जांच हुई.

टीबी के साथ कोरोना की भी जांच

जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि ऐसे लोग जो समूह में रहते हैं. उन लोगों में टीबी के साथ ही कोरोना पाए जाने के चांस ज्यादा रहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में ये अभियान चलाया जा रहा. जिससे टीबी और कोविड के मरीजों को खोज कर उनका इलाज और ध्यान रखा जा सके. इसके बाद ही वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.

जिले में 400 की टीम करेंगी जांच

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने जिले की जनता से अपील किए कि स्वास्थ्य विभाग टीम का सहयोग करें. कल से शुरू हो रहे कार्यक्रम में जिले की 20 प्रतिशत आबादी लगभग 8 लाख 40 हजार की टीबी और कोरोना की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिसके तहत समस्त ब्लॉक (चंडौस छोड़कर) समस्त शहरी क्षेत्र में होगा. जिसके तहत 80 सुपरवाइजर के अंतर्गत 400 टीम कार्य करेंगी और उनके मानिटरिंग हेतु 19 चिकित्सा अधिकारी रहेंगे. कार्यक्रम में आइएमए अध्यक्ष और सचिव डॉ. विपिन गुप्ता और डॉ. भारत वार्ष्णेय ने एक्टिव केस फाइंडिंग में आइएमए का पूर्ण सहयोग रहेगा. लक्ष्मी वेलफेयर सोसायटी से डॉ. विभव वार्ष्णेय द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग के समर्थन में सोसाइटी की तरफ से 50 होर्डिंग लगवाए जा रहे हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ सके.

क्षय रोग का उपचार पूर्णतया नि:शुल्क

क्षय रोग जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो. तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराएं. जिले में क्षय रोगियों की जांच और उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है. उसके अलावा इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का भी प्रावधान है.

अलीगढ़: जिले में क्षय रोग के उपचार लिए 400 लोगों की टीम गठित की हुई. टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के अन्तर्गत 03 जनवरी से दस दिन के लिए टीबी के संबंध में एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाया जायेगा. वर्ष 2019 में 15 हजार 535 क्षयरोग के मरीज चिन्हित किये गये थे. वर्ष 2019 में कुल 89 प्रतिशत रोगियों को टीबी मुक्त किया गया. टीबी एक्टिव केस फाइडिंग अभियान के लिए 320 टीम गठित की गई है. 80 सुपरवाइजर और 19 नोडल अधिकारी 3 जनवरी से जुटेंगे. इस संबंध में मुख्य चिकित्सा ने होटल आर्चिड ब्लू में शनिवार को डाक्टरों की मीट का आयोजन किया.


कोरोना काल में क्षय रोग सेवा हुई प्रभावित

जिले में 2020 में टीबी के 148 क्षय रोगी चिन्हित किये गये. कोरोना काल में क्षय रोग की सेवाएं भी प्रभावित हुई है. प्रदेश भर में क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन में निरतंर गिरावट दर्ज की गई. अलीगढ़ भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां गत वर्षों की तुलना में क्षय रोगियों के चिन्हिकरण में गिरावट आई है. इसी को ध्यान में रखते हुए. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज से टीबी हारेगा- देश जीतेगा अभियान की शुरुआत की. जिसके तहत शुरू हुए प्रथम चरण में जिला कारागार एवं छर्रा स्थित वृद्धावस्था केंद्र और नवोदय विद्यालय में लगभग 3 हजार 650 लोगों की टीबी और कोविड कि स्क्रीनिंग की गई. जिसमें से 94 लोगों को टीबी के लक्षण मिलने पर जांच हुई.

टीबी के साथ कोरोना की भी जांच

जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि ऐसे लोग जो समूह में रहते हैं. उन लोगों में टीबी के साथ ही कोरोना पाए जाने के चांस ज्यादा रहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में ये अभियान चलाया जा रहा. जिससे टीबी और कोविड के मरीजों को खोज कर उनका इलाज और ध्यान रखा जा सके. इसके बाद ही वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.

जिले में 400 की टीम करेंगी जांच

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने जिले की जनता से अपील किए कि स्वास्थ्य विभाग टीम का सहयोग करें. कल से शुरू हो रहे कार्यक्रम में जिले की 20 प्रतिशत आबादी लगभग 8 लाख 40 हजार की टीबी और कोरोना की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिसके तहत समस्त ब्लॉक (चंडौस छोड़कर) समस्त शहरी क्षेत्र में होगा. जिसके तहत 80 सुपरवाइजर के अंतर्गत 400 टीम कार्य करेंगी और उनके मानिटरिंग हेतु 19 चिकित्सा अधिकारी रहेंगे. कार्यक्रम में आइएमए अध्यक्ष और सचिव डॉ. विपिन गुप्ता और डॉ. भारत वार्ष्णेय ने एक्टिव केस फाइंडिंग में आइएमए का पूर्ण सहयोग रहेगा. लक्ष्मी वेलफेयर सोसायटी से डॉ. विभव वार्ष्णेय द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग के समर्थन में सोसाइटी की तरफ से 50 होर्डिंग लगवाए जा रहे हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ सके.

क्षय रोग का उपचार पूर्णतया नि:शुल्क

क्षय रोग जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो. तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराएं. जिले में क्षय रोगियों की जांच और उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है. उसके अलावा इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का भी प्रावधान है.

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