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अलीगढ़: जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, छह मरीजों की मौत

सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे एन मेडिकल में इमरजेंसी सेवा ठप हो गई है. वहीं इलाज के अभाव में अब तक छह मरीज दम तोड़ चुके हैं.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को रही परेशानी.
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Published : Jun 20, 2019, 11:21 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे एन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. इससे इमरजेंसी के साथ ही ट्रामा सेंटर की सेवाएं ठप हो गई हैं. बता दें कि जूनियर डॉक्टर सातवां वेतन आयोग लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को रही परेशानी.

क्या है पूरा मामला

  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन पिछले डेढ़ साल से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन एएमयू प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
  • जूनियर डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से चिकित्सा सेवा ठप हो गई है.
  • इलाज के अभाव में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.
  • सैकड़ों लोगों को बिना इलाज के मेडिकल कॉलेज से वापस लौटना पड़ रहा है.
  • सामूहिक अवकाश का गुरुवार को तीसरा दिन है.
  • कुलपति तारीख मंसूर ने जूनियर डॉक्टरों से परेशान रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वापस काम पर आने की अपील की है.

इमरजेंसी सेवा बंद करने के लिए जूनियर डॉक्टर नहीं बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है. जे एन मेडिकल कॉलेज में 350 कंसल्टेंट, 150 इंटर्न, 90 एसआर और 500 से अधिक नर्सिंग स्टाफ हैं. इलाज के अभाव में हो रही मौतों के लिए मेडिकल प्रशासन जिम्मेदार है.
-डॉक्टर अब्दुल्ला आजमी, अध्यक्ष, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन

बढ़ाया जाएगा सामूहिक अवकाश

  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में सामूहिक अवकाश को बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है.
  • रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी मिल चुके हैं.

रेजिडेंट डॉक्टर सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस दिशा में यूजीसी को खत लिखा है. यूजीसी भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में है. सातवें वेतन के पैकेज को लेकर विश्वविद्यालय पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन फाइनेंस का मामला है. विश्वविद्यालय जूनियर डॉक्टरों की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रही है.
-साफे किदवई, मेंबर इंचार्ज, जनसंपर्क विभाग, एएमयू

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे एन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. इससे इमरजेंसी के साथ ही ट्रामा सेंटर की सेवाएं ठप हो गई हैं. बता दें कि जूनियर डॉक्टर सातवां वेतन आयोग लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को रही परेशानी.

क्या है पूरा मामला

  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन पिछले डेढ़ साल से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन एएमयू प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
  • जूनियर डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से चिकित्सा सेवा ठप हो गई है.
  • इलाज के अभाव में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.
  • सैकड़ों लोगों को बिना इलाज के मेडिकल कॉलेज से वापस लौटना पड़ रहा है.
  • सामूहिक अवकाश का गुरुवार को तीसरा दिन है.
  • कुलपति तारीख मंसूर ने जूनियर डॉक्टरों से परेशान रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वापस काम पर आने की अपील की है.

इमरजेंसी सेवा बंद करने के लिए जूनियर डॉक्टर नहीं बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है. जे एन मेडिकल कॉलेज में 350 कंसल्टेंट, 150 इंटर्न, 90 एसआर और 500 से अधिक नर्सिंग स्टाफ हैं. इलाज के अभाव में हो रही मौतों के लिए मेडिकल प्रशासन जिम्मेदार है.
-डॉक्टर अब्दुल्ला आजमी, अध्यक्ष, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन

बढ़ाया जाएगा सामूहिक अवकाश

  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में सामूहिक अवकाश को बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है.
  • रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी मिल चुके हैं.

रेजिडेंट डॉक्टर सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस दिशा में यूजीसी को खत लिखा है. यूजीसी भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में है. सातवें वेतन के पैकेज को लेकर विश्वविद्यालय पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन फाइनेंस का मामला है. विश्वविद्यालय जूनियर डॉक्टरों की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रही है.
-साफे किदवई, मेंबर इंचार्ज, जनसंपर्क विभाग, एएमयू

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे एन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले जाने से इमरजेंसी व ट्रामा सेंटर की सेवाएं ठप हो गई हैं. जूनियर डॉक्टर सातवां पे कमीशन लागू करने की मांग कर रहे हैं . रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन पिछले डेढ़ साल से इसकी मांग कर रहे हैं .लेकिन एएमयू इंतजामियां के ध्यान नहीं देने पर जूनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से चिकित्सा सेवा ठप हो गई है .इलाज के अभाव में अब तक आधा दर्जन लोग दम तोड़ चुके हैं. तो वहीं सैकड़ों लोगों को बिना इलाज के मेडिकल कॉलेज से वापस लौटा दिया जा रहा है. सामूहिक अवकाश का तीसरा दिन है .इस बीच कुलपति तारीख मनसूर ने जूनियर डॉक्टरों से परेशान रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वापस काम पर आने की अपील की है.


Body:वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अब्दुल्ला आजमी ने कहा कि इमरजेंसी सेवा बंद करने के लिए जूनियर डॉक्टर नहीं बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है. उन्होंने बताया कि जे एन मेडिकल कॉलेज में 350 कंसलटेंट, 150 इंटर्न ,90 एसआर, और 500 से अधिक नर्सिंग स्टाफ है . इलाज के अभाव में हो रही मौतों के लिए मेडिकल प्रशासन जिम्मेदार है.

वही हसीन अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा पर जेएन मेडिकल कॉलेज लाए थे. लेकिन इलाज के अभाव में वापस लौटना पड़ा . इस तरह कई मरीज बिना इलाज के वापस लौटाये जा रहे हैं.


Conclusion:वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में सामूहिक अवकाश को बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है. रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी मिल चुके हैं. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज साफे किदवई ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर सातवां वेतन की मांग कर रहे हैं. इस दिशा में यूजीसी को खत लिखा है . यूजीसी भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में है. सातवें वेतन के पैकेज को लेकर विश्वविद्यालय पूरी कोशिश कर रहा है. लेकिन फाइनेंस का मामला है. विश्वविद्यालय जूनियर डॉक्टरों की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रही है .

बाइट: हसीन, तीमारदार
बाइट: डॉ अब्दुल्लाह आज़मी , अध्यक्ष ,रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन
बाइट: साफे किदवई, मेंबर इंचार्ज ,जनसंपर्क विभाग, एएमयू

आलोक सिंह, अलीगढ़
98378 30535
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