अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. तारीक मंसूर के खिलाफ अब एएमयू के पूर्व छात्रों और शहरवासियों ने मोर्चा खोल दिया है. पूर्व छात्रों ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही उनके समय में हुई नियुक्तियों की जांच की मांग की जा रही है. इन्हीं मांगों को लेकर पूर्व छात्रों ने मंगलवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया (Signature campaign by AMU alumni).
एएमयू के पूर्व छात्रों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी तक सिग्नेचर कैंपेन जारी रहेगा. एएमयू के पूर्व छात्र डॉ. निशिथ ने आरोप लगाया कि एएमयू के वीसी प्रो. तारीक मंसूर के समय में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर अपने बेटे, बहू, भांजी और परिवार के कई लोगों को यूनिवर्सिटी में नौकरी के साथ लाभ पहुंचाया है. इसके साथ ही उन्होंने एएमयू की जमीनों को मनमाने तरीके से अपने रिश्तेदारों को बेच दिया. पूर् छात्रों ने आरोप लगाया है कि वीसी ने एएमयू की जमीन अपने भांजे को बेच दी, जिसके बाद उन्होंने इसमें अपना एक स्कूल खोला है. उन्होंने वाइस चांसलर के समय में हुई नियुक्तियों और खरीद फरोख्त की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. एएमयू के पूर्व छात्र और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता डॉ निशित ने कहा कि एएमयू में हिंदुओं की अनदेखी की जा रही है. देश के बटवारे की नींव रखने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम कांफ्रेंस का यूनिवर्सिटी में प्रजेंटेशन किया जा रहा है, जिसे बंद किया जाना चाहिए. इसके साथ एएमयू एक्ट में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि यहां लगातार हिंदुओं की अनदेखी की जाती है और भर्तियों में योग्य होने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाती. उन्होंने कहा कि इसी मांग के साथ उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाया है, जिसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा.
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