अलीगढ़ : अलीगढ़ के सर्किट हाउस में सोमवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हमारे लोगों को सम्मान दें. सपा के साथ गठबंधन या फिर विलय का विकल्प खुला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन जरूरी है और इसे लेकर ही वह सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं. उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत के सवाल पर कहा कि राजनीति में हमेशा संभावनाएं और सम्मान के दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं और जो दरवाजे खुले रखता है सफलता भी उसी को मिलती है.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के 2022 के विधानसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने के दावे को लेकर उन्होंने कहा कि यह फैसला जनता करेगी. वहीं, मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रचार कार्यक्रमों में साथ देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नेता जी के साथ काम किया है. हमने उनके त्याग और संघर्ष से सीखा है. हमने भी त्याग किया है. परिवार में नेताजी बड़े हैं और नेताजी का सम्मान सभी करते हैं. हम उनकी बात मानते हैं और वह भी हमारी बात मानेंगे.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव से हमने गठबंधन का प्रयास किया है और प्राथमिकता भी दी है. साथ ही समान विचारधारा वाली छोटी पार्टियों और सेकुलर पार्टियों से गठबंधन का प्रयास भी कर रहे है. एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से गठबंधन कर सरकार बनाएंगे. फिलहाल प्राथमिकता सपा के साथ जाने की है. कहा कि सपा में हमारे लोगों का सम्मान होना चाहिए, जो चुनाव जीतने वाले लोग हैं उनको समायोजित करना होगा. इसके बाद उन्होंने अपने सम्मान की बात कही.
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यह भी कहा कि 40-45 साल नेता जी मुलायम सिंह यादव के साथ काम किया है. सपा को बुलंदियों तक पहुंचाया. प्रदेश में सरकार भी बनवाई. केंद्र में भी सरकार में रहे और जनता के वायदे भी पूरे किए. उन्होंने कहा कि यूपी के कोने-कोने में सड़कें बनवाईं हैं. पांच सालों में भाजपा सरकार ने बिजली और सड़क को लेकर काम नहीं किया. जो सड़कें हमने बनवाई उस पर भी गड्ढे हो गए हैं.
महंगाई का असर सीधे जनता पर पड़ रहा है. भाजपा के मंत्री सत्ता के मद में हैं. महंगाई के मुद्दे पर वह बोले कि सरकार की गलत नीतियों और फैसलों के कारण आम आदमी परेशान है. पेट्रोल, डीजल, गैस और बिजली के दाम बढ़ गए हैं. वहीं, अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना के देश की आजादी में योगदान देने वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा कि वह अशफाक उल्ला खान, एपीजे अब्दुल कलाम, अब्दुल हमीद को जानते हैं, जिन्ना को नहीं जानते. उन्होंने कहा कि यह सवाल भतीजे से ही पूछिए.
भाजपा द्वारा सपा को परिवारवाद का बढ़ावा देने के आरोप पर उन्होंने कहा कि हमने परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया. हमने मेहनत की और 42 साल मेहनत करने के बाद एमएलए बने. किसान का बेटा किसान बनेगा. उन्होंने कहा कि राजनीति में जो काम करेगा, आगे बढ़ेगा.