अलीगढ़: जिले स्थित जेएन मेडिकल कॉलेज का सिक्योरिटी स्टाफ स्ट्राइक पर चला गया है. सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है और न ही पिछले चाल सालों से सही समय पर सैलरी दी गई है. कोरोना काल में भी सुरक्षाकर्मियों ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई, लेकिन इसके बावजूद उनसे दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है. सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि मांगें पूरी न होने तक हम लोग हड़ताल पर ही रहेंगे.
'जॉब लेटर की मांग'
ट्रामा सेंटर में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती लायल टेक कंपनी के जरिए की गई है. बताया जा रहा है कि मेडिकल के ट्रामा सेंटर सिक्योरिटी का टेंडर अब दूसरी कंपनी का होने जा रहा है. इसी के बाद से सुरक्षाकर्मियों के वेतन में कटौती की बात सामने आ रही है, जिसको लेकर सुरक्षा कर्मियों में रोष है. सुरक्षाकर्मी पुरानी सैलरी पर ही काम करने की मांग कर रहे हैं. सुरक्षाकर्मी जैद ने बताया कि कर्मचारियों के साथ कोई एग्रीमेंट साइन नहीं किया गया है, इसलिए अब सुरक्षाकर्मियों को जॉब लेटर भी चाहिए.
'चार महीने से नहीं मिला वेतन'
सुरक्षा कर्मी बिलाल अहमद ने बताया कि मेडिकल में सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी निभाते हैं, लेकिन 4 महीने से वेतन नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि जिस तरीके से प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को सुविधाएं मिलती हैं. उस तरीके की सुविधाएं हम लोगों को नहीं मिल पा रही हैं. सिक्योरिटीकर्मी बिलाल ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर एक पत्र मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एएमयू के रजिस्ट्रार को भेजा है.
'हक की लड़ाई लड़ रहे हैं'
महिला सुरक्षाकर्मी हिना ने बताया कि हमें हमारा हक नहीं मिल रहा है. पिछले 4 साल से समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. वहीं पूरा वेतन भी नहीं मिलता है. सुरक्षा कर्मी जैद ने बताया कि चार साल पहले सैलरी 6,777 रुपये थी और अब 16,000 रुपये हो गई है. नई कंपनी को टेंडर दिए जाने की कवायद से सुरक्षा कर्मियों की सैलरी आधी दिये जाने की बात सामने आ रही है. मेडिकल स्टॉफ सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी दूसरी कंपनी के लोगों को काम नहीं करने देंगे.