अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में छात्र अब सनातन धर्म की भी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगें. इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट में यह कोर्स शुरू किया जाएगा. अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट में कोर्स शुरू करने का उद्देश्य विद्यार्थियों को सभी मजहबों की शिक्षाओं से रूबरू कराना है. इसलिए एएमयू के इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट ने नया कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है.
कंपैरेटिव रिलिजन नाम से शुरू होने वाले कोर्स के जरिए विद्यार्थियों को सनातन धर्म की पढ़ाई कराई जाएगी. साथ ही अन्य धर्मों के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा. इस्लामिक स्टडी विभाग की तरफ से बताया गया है कि कोर्स अगले शैक्षिक सत्र से शुरू कर दिया जाएगा. बोर्ड ऑफ स्टडीज और एकेडमिक काउंसिल में चर्चा हो चुकी है. बस इस कोर्स पर मुहर लगना बाकी है.
दरअसल, एएमयू के शताब्दी वर्ष समारोह के तहत वर्चुअल समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामिक हिस्ट्री विभाग की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि विदेशी छात्रों को भारत की संस्कृति से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय रूबरू कराता है. प्रधानमंत्री की तारीफ के बाद इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट के शिक्षक और यहां पढ़ने वाले छात्र काफी गदगद थे. एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा था कि एएमयू ने पिछले सौ सालों में दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को मजबूत किया है. उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर जो यहां रिसर्च होती है. वह समूचे इस्लामिक देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा प्रदान करती है.
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में करीब एक हजार विदेशी छात्र पढ़ते हैं. ऐसे में एएमयू की जिम्मेदारी बनती है कि हमारे देश में जो अच्छी संस्कृति है उससे विदेशों तक पहचान बनाई जाए. क्योंकि एएमयू के स्तर से जो बातें कहीं जाती हैं या जो बातें सुनाई जाती हैं उसके आधार पर राष्ट्र के तौर पर भारत की पहचान के रूप में देखा जाता है.
पढ़ेंः इस्लामिक स्टेट के हिमायती दो साहित्यकारों की किताबें AMU ने कोर्स से हटाई
इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद इस्माइल ने बताया कि विभाग में अब कंपैरेटिव रिलिजन कोर्स शुरू किया जा रहा है. इस कोर्स के जरिए ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएट के विद्यार्थियों को सनातन धर्म अन्य धर्मों का ज्ञान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए सत्र से कोर्स को लागू किया जाएगा. सनातन धर्म के छात्रों को पुराण, वेद, रामायण, गीता, मनुस्मृति के बारे में बताया जाएगा. साथ ही बौद्ध, जैन और सिख धर्म भी पढ़ाया जाएगा. इस्लामिक स्टडीज डिपार्टमेंट में देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशों के छात्र यहां शिक्षा लेते हैं. ईरान, थाईलैंड, बांग्लादेश व सेंट्रल एशिया के 10 से अधिक छात्र अभी यहां पढ़ रहे हैं. वहीं, डिपार्टमेंट में करीब 70,000 से अधिक किताबें भी हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप