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बेसिक स्कूल में बंट रहे कच्चे चावल और पानी जैसी सब्जी पर हंगामा, बीएसए ने दिए जांच के आदेश

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रही हैं. वहीं अकराबाद के सरकारी विद्यालय में मध्यान भोजन में कच्चे चावल व पानी की तरह सब्जी बांटकर छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस तरह के खाने का छात्र-छात्राओं ने हंगामा खड़ा करते हुए खाना खाने से बीमार होने की आशंका भी जताई और खाने के लिए घर चले गए.

बेसिक स्कूल में बंट रहे कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी पर हंगामा
बेसिक स्कूल में बंट रहे कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी पर हंगामा
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Published : Sep 11, 2021, 10:35 PM IST

अलीगढ़ : जिले में बेसिक स्कूल में मिड डे मिल में बड़ी खामियां मिल रही है. जिले के ब्लाक अकराबाद में कम्पोजिट विद्यालय में छात्रों के दोपहर के भोजन में कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी बनने पर छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में हंगामा कर दिया. अभिभावकों की शिकायत पर विद्यालय में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक का विवाद सामने आया. ग्राम प्रधान पति ने दोनों पक्षों की बात सुनकर अध्यापकों के विवाद को सुलझाने का प्रयास किया.

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रही हैं. वहीं अकराबाद के सरकारी विद्यालय में मध्यान भोजन में कच्चे चावल व पानी की तरह सब्जी बांटकर छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस तरह के खाने का छात्र-छात्राओं ने हंगामा खड़ा करते हुए खाना खाने से बीमार होने की आशंका भी जताई और खाने के लिए घर चले गए.

बेसिक स्कूल में बंट रहे कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी पर हंगामा

इस बात की जानकारी जब अभिभावकों को हुई तो विद्यालय पहुंच कर प्रधानाध्यापक नीता रानी से शिकायत की. जिसके बाद अध्यापकों में आपसी विवाद का मामला सामने आया. अभिभावकों ने कहा शिक्षा के मंदिर में अध्यापकों की राजनीति से छात्रों की शिक्षा पर असर पड़ता है. प्रदेश सरकार मासूम बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर के साथ डेंगू, डायरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों से बचाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं. हंगामा बढ़ते ही ग्राम प्रधान पति भी मौके पर पहुंच गये. उन्होंने दोनों पक्षों के अध्यापकों से बात की और उनके विवाद को सुलझाने का प्रयास किया ताकि इसका असर बच्चों पर न पड़े.


बता दें कि कम्पोजिट विद्यालय में जूनियर और प्राइमरी दोनों विद्यालय चलते हैं. इसके हेड अलग-अलग होते हैं. प्राइमरी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीता रानी ने बताया कि स्कूल में बच्चों को खाना सही से नहीं मिल रहा है. सब्जी में न तो आलू होती है और न ही सोयाबीन. उन्होंने बताया कि 200 बच्चों पर सब्जी में 10 किलो आलू पड़ते हैं. लेकिन सब्जी केवल पानी की तरह ही बनाई जाती है. उन्होंने बताया कि इस स्थिति में बच्चे भूखे रह जाते हैं. खाना भी कम पड़ जाता है. हालांकि जब नीता रानी ने ऑब्जेक्शन उठाया तो दुबारा खाना बच्चों को दिया जाता है. वहीं शनिवार को भी सब्जी में नाम मात्र का आलू था. जिसको लेकर के बच्चों ने हंगामा खड़ा किया और उनके अभिभावक भी स्कूल पहुंच गयें.

स्कूल में जुटे अभिभावक
स्कूल में जुटे अभिभावक

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कुमार ने पूरे मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार को दी है. बीएसए सतेन्द्र कुमार ने बताया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. बीएसए ने 24 घंटे में खंड शिक्षा अधिकारी से जांच आख्या मांगी है.

पढ़ें- योगी सरकार प्रदेश को बीमारु के तमगे से उबार रही है: जेपी नड्डा

अलीगढ़ : जिले में बेसिक स्कूल में मिड डे मिल में बड़ी खामियां मिल रही है. जिले के ब्लाक अकराबाद में कम्पोजिट विद्यालय में छात्रों के दोपहर के भोजन में कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी बनने पर छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में हंगामा कर दिया. अभिभावकों की शिकायत पर विद्यालय में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक का विवाद सामने आया. ग्राम प्रधान पति ने दोनों पक्षों की बात सुनकर अध्यापकों के विवाद को सुलझाने का प्रयास किया.

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रही हैं. वहीं अकराबाद के सरकारी विद्यालय में मध्यान भोजन में कच्चे चावल व पानी की तरह सब्जी बांटकर छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस तरह के खाने का छात्र-छात्राओं ने हंगामा खड़ा करते हुए खाना खाने से बीमार होने की आशंका भी जताई और खाने के लिए घर चले गए.

बेसिक स्कूल में बंट रहे कच्चे चावल व पानी जैसी सब्जी पर हंगामा

इस बात की जानकारी जब अभिभावकों को हुई तो विद्यालय पहुंच कर प्रधानाध्यापक नीता रानी से शिकायत की. जिसके बाद अध्यापकों में आपसी विवाद का मामला सामने आया. अभिभावकों ने कहा शिक्षा के मंदिर में अध्यापकों की राजनीति से छात्रों की शिक्षा पर असर पड़ता है. प्रदेश सरकार मासूम बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर के साथ डेंगू, डायरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों से बचाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं. हंगामा बढ़ते ही ग्राम प्रधान पति भी मौके पर पहुंच गये. उन्होंने दोनों पक्षों के अध्यापकों से बात की और उनके विवाद को सुलझाने का प्रयास किया ताकि इसका असर बच्चों पर न पड़े.


बता दें कि कम्पोजिट विद्यालय में जूनियर और प्राइमरी दोनों विद्यालय चलते हैं. इसके हेड अलग-अलग होते हैं. प्राइमरी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीता रानी ने बताया कि स्कूल में बच्चों को खाना सही से नहीं मिल रहा है. सब्जी में न तो आलू होती है और न ही सोयाबीन. उन्होंने बताया कि 200 बच्चों पर सब्जी में 10 किलो आलू पड़ते हैं. लेकिन सब्जी केवल पानी की तरह ही बनाई जाती है. उन्होंने बताया कि इस स्थिति में बच्चे भूखे रह जाते हैं. खाना भी कम पड़ जाता है. हालांकि जब नीता रानी ने ऑब्जेक्शन उठाया तो दुबारा खाना बच्चों को दिया जाता है. वहीं शनिवार को भी सब्जी में नाम मात्र का आलू था. जिसको लेकर के बच्चों ने हंगामा खड़ा किया और उनके अभिभावक भी स्कूल पहुंच गयें.

स्कूल में जुटे अभिभावक
स्कूल में जुटे अभिभावक

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कुमार ने पूरे मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार को दी है. बीएसए सतेन्द्र कुमार ने बताया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. बीएसए ने 24 घंटे में खंड शिक्षा अधिकारी से जांच आख्या मांगी है.

पढ़ें- योगी सरकार प्रदेश को बीमारु के तमगे से उबार रही है: जेपी नड्डा

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