अलीगढ़: एएमयू अब स्वतंत्रता सेनानियों पर रिसर्च की तैयारी में जुट गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शताब्दी वर्ष समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होकर एएमयू के छात्रों को स्वतंत्रता सेनानियों पर शोध करने का टास्क दिया था. इसमें महिला और पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के नामों का चयन कर रिसर्च करने के लिये कहा गया था. इस प्रक्रिया को एएमयू प्रशासन ने आगे बढ़ाया है. स्वतंत्रता सेनानियों के नामों का चयन कर लिया गया है. इसमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह सहित खान अब्दुल गफ्फार खान, मौलाना शौकत अली, मौलाना मोहम्मद अली, हसरत मोहानी, सैफुद्दीन किचलू, अली सरदार जाफरी, कैप्टन अब्बास अली, शेख मोहम्मद अब्दुल्ला आदि लोगों के नाम शामिल हैं.
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का परिचय
राजा महेंद्र प्रताप सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लेखक, पत्रकार, क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे. हालांकि वह मार्क्सवादी विचारों से प्रभावित थे. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वाचित भारतीय सरकार का गठन किया था. वे स्वदेशी आंदोलनों में शामिल रहे. आजादी के बाद वह सांसद बनें. उन्होंने जनसंघ के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेई को मथुरा में हराया था. राजा महेंद्र प्रताप की पढ़ाई एएमयू से हुई थी. इतना ही नहीं उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अपनी जमीन भी दान में दी थी.
कई स्वतंत्रता सेनानियों का अलीगढ़ से रहा संबंध
जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने बताया कि पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों पर शोध की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है. इस विश्वविद्यालय ने महान स्वतंत्रता सेनानी पैदा किये हैं. जिन्होंने देश की आजादी में प्रमुख भूमिका निभाई है. खान अब्दुल गफ्फार खान, डॉ जाकिर हुसैन, राजा महेंद्र प्रताप, जिन्होंने काबुल में जाकर भारत की अपदस्थ सरकार बनाई. वहीं पूर्ण स्वराज का नारा देने वाले हसरत मोहानी भी एएमयू के छात्र रहे हैं. मौलाना मोहम्मद अली, जिन्होंने गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था और कहा था कि 'मैं अपने देश तब तक वापस नहीं जाऊंगा, जब तक आजादी हासिल नहीं होगी'. उन्होंने बताया कि बड़े-बड़े स्वतंत्रता सेनानियों का अलीगढ़ से संबंध रहा हैं. जिन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया.