अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मोनोग्राम को लेकर उठ रहे विवाद पर एएमयू प्रशासन ने सफाई दी है. कहा गया कि कुरान की आयत वाला मोनोग्राम एएमयू में कहीं प्रयुक्त नहीं होगा.
इस मामले में रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने सर्कुलर जारी किया है. विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि एएमयू के कार्यकारी परिषद के रिजाल्यूशन 4 अक्टूबर 2005 और रिजाल्यूशन संख्या 15, 17 जनवरी 2015 के अनुसार बैठकों के नोटिस, निमंत्रण पत्र, पंपलेट, परीक्षा और टेस्ट उत्तर पुस्तिकाओं, कैलेंडर, फाइल कवर, प्रोजेक्ट और लैब रिपोर्ट, परीक्षा और प्रवेश पत्र, लेटर हेड आदि दस्तावेजों की अल्पकालिक प्रकृति के कारण कुरानी आयत के संभावित अनादर से बचने के लिए कुरानी आयत वाले विश्वविद्यालय के मोनोग्राम का उपयोग नहीं किया जाएगा. ऐसे मामलों में आयत के स्थान पर सर्किल में पांच सितारा वाला मोनोग्राम इस्तेमाल किया जा सकता है.
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हालांकि अब भी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एएमयू डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र, अंतिम वर्ष की मार्कशीट, डीन स्टूडेंट वेलफेयर द्वारा जारी छात्रों के चरित्र प्रमाण पत्र, शेरवानी, बैज, एएमयू ध्वज, भवन, ग्लो और साइन बोर्ड, किताबों, मोनोग्राफ, डायरी, पीजी डिज़र्टेशन और पीएचडी थीसिस पर कुरान की आयत के साथ मोनोग्राम का प्रयोग जारी रहने की बात कही है.
इसके पूर्व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रिटायर प्रोफेसर हामिद अली ने कुरान की आयतों वाला मोनोग्राम इस्तेमाल न करने पर अफसोस जताया था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
कहा कि विश्वविद्यालय से मिलने वाले सर्टिफिकेट पर भी कुरान की आयतें नहीं हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. तारिक मंसूर को पत्र भेजकर कहा था कि इस्लामिक कल्चर को नजरअंदाज किया जा रहा है जो कि अफसोस की बात है. कुलपति को इसके लिए जांच कमेटी बैठानी चाहिए.
रजिस्टर अब्दुल हमीद ने नोटिस जारी कर सभी संबंधित दस्तावेजों में रिजाल्यूशन का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया गया है.
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