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अब मातृ दुग्ध बैंक से अनाथ नवजात शिशुओं को मिल सकेगा दूध - aligarh latest news

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में देह दान कर्तव्य संस्था ने पहली बार मातृ दुग्ध बैंक खोलने की घोषणा की है. नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध की उपलब्धता जेएन मेडिकल कालेज में होगी. इस संस्था में अगर कोई मां स्वेच्छा से दूध दान करना चाहे तो वह एकत्र करके मेडिकल कॉलेज को दे सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Oct 24, 2020, 9:35 PM IST

अलीगढ़: जिले में अब कोई अनाथ नवजात शिशु स्तनपान के लिए नहीं तड़पेगा. देह दान कर्तव्य संस्था ने अलीगढ़ में पहली बार मातृ दुग्ध बैंक खोलने की घोषणा की है. नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध की उपलब्धता जेएन मेडिकल कालेज में होगी. यह संस्था पहले से ही देहदान, नेत्रदान, रक्तदान जैसे मानवीय कार्य कर रही है. अब यह संस्था मां के दूध को एकत्र करने का अभियान चलाएगी. जिससे किसी भी अनाथ नवजात शिशु की मां का दूध न मिलने पर मृत्यु नहीं होगी.

अलीगढ़ में बना मातृ दुग्ध बैंक.

कुपोषित नवजात शिशुओं को मिलेगा नवजीवन
देहदान संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर एसके गौड़ ने बताया कि जिन नवजात शिशुओं की माताओं की मौत हो जाती है. उनको मां का दूध नहीं मिल पाता है. इस संबंध में जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बैठक की और विशेषज्ञों से इस संबंध में बात हुई. उन्होंने बताया कि जेएन मेडिकल कॉलेज में मातृ दुग्ध बैंक बनें. जिसमें अगर कोई मां स्वेच्छा से दूध दान करना चाहे तो वह एकत्र करके मेडिकल कॉलेज को दे सकती है. ऐसी स्थिति में कुपोषित नवजात शिशुओं को नवजीवन मिल सकेगा और उनके लिए यह दूध अमृत की तरह काम करेगा.

डॉक्टर एसके गौड़ ने बताया कि जन्म के 5-6 महीने तक मां का दूध नवजात शिशु के लिए बहुत जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि दो घंटे तक दूध को बिना फ्रीजर के भी रखा जा सकता है. इसके बाद फ्रीजर में रखने के 2 से 3 दिन तक यह चल सकेगा. उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं को सूखा रोग, दस्त और अन्य संक्रामक बीमारियों से मां के दूध से ही बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो नवजात बच्चे मां का दूध पीते हैं उनकी इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है. ऐसे नवजात शिशु भविष्य में स्वस्थ और बुद्धिमान बनते हैं. उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चों के लिए एंटीबायोटिक का भी काम करता है, इसलिए सभी माओं को संदेश है कि पैदा होते ही नवजात शिशु को दूध जरूर पिलाएं.

स्तनपान से वंचित रखना हो सकता है जानलेवा
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल शाहिद सिद्दीकी ने भी देहदान संस्था के इश प्रयास को सराहा है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मातृ दुग्ध बैंक जेएन मेडिकल कॉलेज में खोला जाएगा. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि जन्म के बाद नवजात बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग या स्तनपान से वंचित रखना जानलेवा हो सकता है. जन्म के समय जिन बच्चों का वजन कम होता है, उनके लिए मां का दूध उपलब्ध कराने से सेहत के साथ अनेक प्रकार से संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है.

अलीगढ़: जिले में अब कोई अनाथ नवजात शिशु स्तनपान के लिए नहीं तड़पेगा. देह दान कर्तव्य संस्था ने अलीगढ़ में पहली बार मातृ दुग्ध बैंक खोलने की घोषणा की है. नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध की उपलब्धता जेएन मेडिकल कालेज में होगी. यह संस्था पहले से ही देहदान, नेत्रदान, रक्तदान जैसे मानवीय कार्य कर रही है. अब यह संस्था मां के दूध को एकत्र करने का अभियान चलाएगी. जिससे किसी भी अनाथ नवजात शिशु की मां का दूध न मिलने पर मृत्यु नहीं होगी.

अलीगढ़ में बना मातृ दुग्ध बैंक.

कुपोषित नवजात शिशुओं को मिलेगा नवजीवन
देहदान संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर एसके गौड़ ने बताया कि जिन नवजात शिशुओं की माताओं की मौत हो जाती है. उनको मां का दूध नहीं मिल पाता है. इस संबंध में जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बैठक की और विशेषज्ञों से इस संबंध में बात हुई. उन्होंने बताया कि जेएन मेडिकल कॉलेज में मातृ दुग्ध बैंक बनें. जिसमें अगर कोई मां स्वेच्छा से दूध दान करना चाहे तो वह एकत्र करके मेडिकल कॉलेज को दे सकती है. ऐसी स्थिति में कुपोषित नवजात शिशुओं को नवजीवन मिल सकेगा और उनके लिए यह दूध अमृत की तरह काम करेगा.

डॉक्टर एसके गौड़ ने बताया कि जन्म के 5-6 महीने तक मां का दूध नवजात शिशु के लिए बहुत जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि दो घंटे तक दूध को बिना फ्रीजर के भी रखा जा सकता है. इसके बाद फ्रीजर में रखने के 2 से 3 दिन तक यह चल सकेगा. उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं को सूखा रोग, दस्त और अन्य संक्रामक बीमारियों से मां के दूध से ही बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो नवजात बच्चे मां का दूध पीते हैं उनकी इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है. ऐसे नवजात शिशु भविष्य में स्वस्थ और बुद्धिमान बनते हैं. उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चों के लिए एंटीबायोटिक का भी काम करता है, इसलिए सभी माओं को संदेश है कि पैदा होते ही नवजात शिशु को दूध जरूर पिलाएं.

स्तनपान से वंचित रखना हो सकता है जानलेवा
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल शाहिद सिद्दीकी ने भी देहदान संस्था के इश प्रयास को सराहा है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मातृ दुग्ध बैंक जेएन मेडिकल कॉलेज में खोला जाएगा. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि जन्म के बाद नवजात बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग या स्तनपान से वंचित रखना जानलेवा हो सकता है. जन्म के समय जिन बच्चों का वजन कम होता है, उनके लिए मां का दूध उपलब्ध कराने से सेहत के साथ अनेक प्रकार से संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है.

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