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अलीगढ़ में अब दो और तीन अप्रैल को होगी धर्म संसद...

अलीगढ़ में स्थगित की गई धर्म संसद अब दो व तीन अप्रैल को आयोजित की जाएगी. अखिल भारत हिन्दू महासभा ने इसकी घोषणा की है.

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अलीगढ़ में अब दो और तीन अप्रैल को होगी धर्म संसद...
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Published : Jan 23, 2022, 6:10 PM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ में स्थगित की गई धर्म संसद अब 2 व 3 अप्रैल को आयोजित की जाएगी . रविवार को नौरंगाबाद स्थित अखिल भारत हिंदू महासभा ने अपने कार्यालय पर इसकी घोषणा की.


गौरतलब है कि अलीगढ़ में 22 व 23 जनवरी को होने वाली धर्म संसद को स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद हुई हिंदू महासभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 2 व 3 अप्रैल को धर्म संसद अलीगढ़ में आयोजित की जाएगी. यति नरसिंहानंद व जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) के जेल जाने के बाद धर्म संसद स्थगित की गई थी.

जानकारी देते संत.


हिंदू महासभा कार्यालय पर महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा ने कहा कि जो धर्म संसद आज होनी थी वह अब अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाएगी. इसमें मुख्य मुद्दा राजनीति में संतों को जगह देने का है.

धर्म संसद के दो मुद्दे मुख्य हैं जिसमें पहला है विश्व पटल पर जिहाद का विनाश करना और मानवता की रक्षा हेतू जिहादियों का विध्वंस करना है.

साम, दाम, दंड, भेद किसी भी नीति से जेहादियों का विनाश करना है. दूसरा उद्देश्य है कि संतों को राजनीति में सक्रिय भूमिका हो ताकि देश को हिन्दू राष्ट्र बनाया जाएं. उन्होंने कहा कि हिन्दू कोई धर्म नहीं है बल्कि हिन्दू एक जीवन शैली है.

ये भी पढ़ेंः यूपी में हर बार बदली गठबंधन की गणित...इस बार लगा ये गुणा-भाग

धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य सिंधु सागर महाराज ने कहा कि दो धर्म योद्धा हमारे उत्तराखंड जेल में है. उनको हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया. मीडिया गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा कि योगी जी ने जो साहस उत्तर प्रदेश में दिखाया है.

उससे यहां की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है. अपराधी जेलों में है या उत्तर प्रदेश से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि सन्यासी ही सर्वश्रेष्ठ राजा हो सकता है. सिंधू सागर महाराज ने कहा कि जब हमारे देश हिंदू राष्ट्र में बदल जाएगा तो तमाम तरह की समस्याएं खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा, संस्कृत, संवाद लाने से तमाम तरह की समस्याएं दूर हो जाती है. सिंधू सागर महाराज ने कहा कि धर्म संसद में हेट स्पीच नहीं दी जाती है.

धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य विनोद महाराज ने कहा कि धर्म को आगे बढ़ाने के लिए संख्या की जरूरत होती है इसलिए ज्यादा से ज्यादा संतानें पैदा की जाएं. उन्होंने कहा कि भारत के आम नागरिक की तरह ही संत को भी बच्चे पैदा करना चाहिए और संत को शादी भी करना चाहिए.

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अलीगढ़ : अलीगढ़ में स्थगित की गई धर्म संसद अब 2 व 3 अप्रैल को आयोजित की जाएगी . रविवार को नौरंगाबाद स्थित अखिल भारत हिंदू महासभा ने अपने कार्यालय पर इसकी घोषणा की.


गौरतलब है कि अलीगढ़ में 22 व 23 जनवरी को होने वाली धर्म संसद को स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद हुई हिंदू महासभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 2 व 3 अप्रैल को धर्म संसद अलीगढ़ में आयोजित की जाएगी. यति नरसिंहानंद व जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) के जेल जाने के बाद धर्म संसद स्थगित की गई थी.

जानकारी देते संत.


हिंदू महासभा कार्यालय पर महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा ने कहा कि जो धर्म संसद आज होनी थी वह अब अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाएगी. इसमें मुख्य मुद्दा राजनीति में संतों को जगह देने का है.

धर्म संसद के दो मुद्दे मुख्य हैं जिसमें पहला है विश्व पटल पर जिहाद का विनाश करना और मानवता की रक्षा हेतू जिहादियों का विध्वंस करना है.

साम, दाम, दंड, भेद किसी भी नीति से जेहादियों का विनाश करना है. दूसरा उद्देश्य है कि संतों को राजनीति में सक्रिय भूमिका हो ताकि देश को हिन्दू राष्ट्र बनाया जाएं. उन्होंने कहा कि हिन्दू कोई धर्म नहीं है बल्कि हिन्दू एक जीवन शैली है.

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धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य सिंधु सागर महाराज ने कहा कि दो धर्म योद्धा हमारे उत्तराखंड जेल में है. उनको हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया. मीडिया गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा कि योगी जी ने जो साहस उत्तर प्रदेश में दिखाया है.

उससे यहां की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है. अपराधी जेलों में है या उत्तर प्रदेश से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि सन्यासी ही सर्वश्रेष्ठ राजा हो सकता है. सिंधू सागर महाराज ने कहा कि जब हमारे देश हिंदू राष्ट्र में बदल जाएगा तो तमाम तरह की समस्याएं खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा, संस्कृत, संवाद लाने से तमाम तरह की समस्याएं दूर हो जाती है. सिंधू सागर महाराज ने कहा कि धर्म संसद में हेट स्पीच नहीं दी जाती है.

धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य विनोद महाराज ने कहा कि धर्म को आगे बढ़ाने के लिए संख्या की जरूरत होती है इसलिए ज्यादा से ज्यादा संतानें पैदा की जाएं. उन्होंने कहा कि भारत के आम नागरिक की तरह ही संत को भी बच्चे पैदा करना चाहिए और संत को शादी भी करना चाहिए.

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