अलीगढ़: नगर निगम प्रशासन ने पिछले 25 वर्षो से सरकारी आवास पर कब्जा जमाएं रिटायर्ड इंजीनियर से मकान खाली करा लिया है. अधिशासी अभियंता रहे गयूर अहमद 1994-95 से नगर निगम में कार्यरत थे. तभी इनको लाल डिग्गी स्थित नगर निगम का सरकारी आवास अलॉट किया गया था.
दूसरे जिले में तबादला और रिटायरमेंट के बाद भी गयूर अहमद ने नगर निगम के सरकारी आवास पर कब्जा जमाए रखा. इतना ही नहीं इंजीनियर ने नजूल की जगह सरकारी निर्माण दिखा कर जमीन का बैनामा भी अपने नाम करा लिया था लेकिन गुरुवार को भारी फोर्स की मौजूदगी में निगम प्रशासन ने आवास को खाली कराया.
निगम आयुक्त एसपी पटेल के निर्देश पर 25 वर्ष से कब्जा जमाए इंजीनियर से लाल डिग्गी स्थित सरकारी मकान खाली करा लिया गया. सहायक नगर आयुक्त रोहित सिंह ने बताया कि शासकीय अभिलेखों के अनुसार गयूर अहमद जब नगर निगम अलीगढ़ में अवर अभियंता के पद पर कार्यरत थे. उस समय उन्हें नगर निगम का यह सरकारी आवास आवंटित किया गया था. यहां से बरेली तबादला होने के बाद भी उन्होंने आवास को खाली नहीं किया था.
सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि गयूर अहमद ने तथ्यों को छिपाते हुए नजूल नीति के अंतर्गत आवास को फ्री होल्ड कराने के लिए आवेदन किया और पैसा जमा किया. जिलाधिकारी अलीगढ़ ने फ्री होल्ड आवास आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया और जमानत धनराशि वापस कर दी. इसके बाद रिटायर्ड इंजीनियर ने उच्च न्यायालय से आवास के संबंध में स्टे ले लिया और इसके बाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में इसे खारिज कर दिया. जिसके बाद गयूर अहमद को कई बार नोटिस जारी किया गया लेकिन उन्होंने सरकारी आवास को खाली नहीं किया.
वहीं रिटायर्ड अधिशासी अभियंता गयूर अहमद ने बताया कि नजूल नीति के तहत जमीन को फ्री होल्ड कराया था. बैनामे का पैसा जमा कर दिया गया था. नगर निगम इसका मालिक नहीं है. उन्होंने बताया कि अचानक बिना सूचना के मकान खाली करा लिया गया. जिसके खिलाफ वो कोर्ट में अपील करेंगे. वहीं सहायक नगर आयुक्त ने बताया गयूर अहमद को 16 लाख रुपये किराया जमा कराए जाने का डिमांड नोटिस भी दिया गया है.