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अलीगढ़: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की नई पेंशन योजना लागू होने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और इसके जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Aug 20, 2019, 7:54 AM IST

शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन

अलीगढ़: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्या को लेकर के मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है. शिक्षक नई पेंशन योजना के खिलाफ है और इसके जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

  • सोमवार को कलेक्ट्रेट में शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की 14 सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है.
  • केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए दिया गया बजट प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय किया जाए.
  • पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्त की आयु, सेवा शर्तें, वेतनमान एवं भत्ते केंद्र के समान ही रखे जाएं.
  • केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए दिया गया बजट प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय किया जाएं.
    शिक्षकों की समस्याओं की जानकारी देते डा. राजेश सिंह चौहान

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रमुख मांगें-
मिड-डे-मील की व्यवस्था शिक्षकों द्वारा निष्पादित किए जाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है. इसलिए मिड-डे-मील की व्यवस्था के लिए पृथक प्रणाली रखी जाए. प्रत्येक विद्यालय में एक केयर टेकर की नियुक्ति की जाए. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अभिभावकों की भी जवाबदेही तय की जाए. प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को चिकित्सकीय भत्ता एवं अस्पताल में भर्ती करने की सुविधा केंद्र की भांति सभी राज्यों में प्रदान की जाए. प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों को विधान परिषद में मत देने का अधिकार दिया जाए.

ये भी पढ़ें:- सुलतानपुर: चीनी मिल को कोजन प्लांट की सौगात, कचरे से बनेगी बिजली

पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर शिक्षकों ने बड़े आंदोलन किये हैं, लेकिन सरकार नहीं मान रही है. हम सरकार से अपना हक लेना चाहते हैं. कोई दबाव नहीं बनाना चाहते हैं जो हमारे पुराने शिक्षक हैं उन्हें पेंशन दी जा रही है. जबकि जो नए शिक्षक हैं उन्हें पेंशन से अलग रखा गया है. सरकार को इस में एकरूपता बनाए रखना चाहिए.
-डॉ. राजेश सिंह चौहान,जिलाध्यक्ष,राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

अलीगढ़: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्या को लेकर के मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है. शिक्षक नई पेंशन योजना के खिलाफ है और इसके जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

  • सोमवार को कलेक्ट्रेट में शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की 14 सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है.
  • केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए दिया गया बजट प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय किया जाए.
  • पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्त की आयु, सेवा शर्तें, वेतनमान एवं भत्ते केंद्र के समान ही रखे जाएं.
  • केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए दिया गया बजट प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय किया जाएं.
    शिक्षकों की समस्याओं की जानकारी देते डा. राजेश सिंह चौहान

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रमुख मांगें-
मिड-डे-मील की व्यवस्था शिक्षकों द्वारा निष्पादित किए जाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है. इसलिए मिड-डे-मील की व्यवस्था के लिए पृथक प्रणाली रखी जाए. प्रत्येक विद्यालय में एक केयर टेकर की नियुक्ति की जाए. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अभिभावकों की भी जवाबदेही तय की जाए. प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को चिकित्सकीय भत्ता एवं अस्पताल में भर्ती करने की सुविधा केंद्र की भांति सभी राज्यों में प्रदान की जाए. प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों को विधान परिषद में मत देने का अधिकार दिया जाए.

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पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर शिक्षकों ने बड़े आंदोलन किये हैं, लेकिन सरकार नहीं मान रही है. हम सरकार से अपना हक लेना चाहते हैं. कोई दबाव नहीं बनाना चाहते हैं जो हमारे पुराने शिक्षक हैं उन्हें पेंशन दी जा रही है. जबकि जो नए शिक्षक हैं उन्हें पेंशन से अलग रखा गया है. सरकार को इस में एकरूपता बनाए रखना चाहिए.
-डॉ. राजेश सिंह चौहान,जिलाध्यक्ष,राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

Intro:अलीगढ़ : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्या को लेकर के मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है.  शिक्षक नई पेंशन योजना के खिलाफ है और इसके जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं. सोमवार को कलेक्ट्रेट में शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की 14 सूत्री मांगों को मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष डा. राजेश सिंह चौहान ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर शिक्षकों ने बड़े आंदोलन किये हैं. लेकिन  सरकार नहीं मान रही है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपना हक लेना चाहते हैं. कोई दबाव नहीं बनाना चाहते.उन्होंने कहा कि जो हमारे पुराने शिक्षक है उन्हें पेंशन दी जा रही है. जबकि जो नए शिक्षक हैं उन्हें पेंशन से अलग रखा गया है. सरकार को इस में एकरूपता बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पेंशन सबकी खत्म कर दें. माननीय विधायक व सांसद की भी पेंशन खत्म होनी चाहिए. हम अपनी पेंशन की मांग नहीं करेंगे. उन्होंने  बताया कि एनपीएस से शिक्षकों को घाटा है एनपीएस में शिक्षक का पैसा शिक्षक को ही दे रहे हैं








Body: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजेश सिंह ने कहा कि पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्त की आयु, सेवा शर्ते, वेतनमान एवं भत्ते केंद्र के समान ही रखे जाएं. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह मुक्त रखा जाए. प्राथमिक विद्यालयों में कक्षावार शिक्षक दिए जाएं.  केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के लिए दिया गया बजट प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय किया जाएं.


Conclusion:राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रमुख मांग

 मिड डे मील की व्यवस्था शिक्षकों द्वारा निष्पादित किए जाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता हैं. इसलिए मिड डे मील की व्यवस्था के लिए पृथक प्रणाली रखी जाए. प्रत्येक विद्यालय में एक केयर टेकर की नियुक्ति की जाएं.  शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अभिभावकों की भी जवाबदेही तय की जाएं. प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को चिकित्सकीय भत्ता एवं अस्पताल में भर्ती करने की सुविधा केंद्र की भांति सभी राज्यों में प्रदान की जाएं.  प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों को विधान परिषद में मत देने का अधिकार दिया जाएं.
 बाइट - डा राजेश सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535
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