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समाजवादी पार्टी ने पहली बार एक महिला को बनाया जिलाध्यक्ष, लक्ष्मी धनगर दो साल पहले पार्टी में हुई थीं शामिल - अलीगढ़ जिलाध्यक्ष

अलीगढ़ में पहली बार एक महिला को समाजवादी पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. इससे पहले सभी पुरुष जिलाध्यक्ष थे. लक्ष्मी धनगर को अलीगढ़ की कमान दी गई है. सपा ने लक्ष्मी धनगर को जिलाध्यक्ष बनाकर धनगर समाज को साधने की कोशिश की है.

समाजवादी पार्टी
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Published : Apr 8, 2023, 12:11 PM IST

अलीगढ़: पहली बार एक महिला को समाजबादी पार्टी ने जिले की कमान सौपी है. इससे पहले सभी जिलाध्यक्ष पुरुष रहे हैं. लक्ष्मी धनगर को अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. बहुत कम समय में ही लक्ष्मी धनगर ने राजनीति की बुलन्दियों को छू लिया है. 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ी और 90 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं. इससे पहले अलीगढ़ में यादव समाज का कब्जा रहता था. लेकिन, इस बार बदलाव किया गया है. अलीगढ़ में सपा जिलाध्यक्ष का पद कई महीनों से खाली चल रहा था.

इससे पहले अलीगढ़ में राकेश यादव और गिरीश यादव जिलाध्यक्ष थे. हालांकि, जिलाध्यक्ष बनने की होड़ में कई नेताओं ने आवेदन किया था. इनमें सपा के कई दिग्गज नेता शामिल थे. लेकिन, अबकी कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी आलाकमान किसी गैर यादव को जिलाध्यक्ष बनाएगी. इस बार एक महिला लक्ष्मी धनगर को जिलाध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी ने चौंका दिया. अलीगढ़ में बघेल व धनगर समाज को साधने और पार्टी से जुड़ने का रास्ता भी खोला है. अब देखना यह कि लक्ष्मी धनगर बघेल समाज को कितना पार्टी से जोड़ पाएंगी और पार्टी के अंदर गुटबाजी करने वालों को कैसे साथ लेकर आगे बढ़ेगी.

जानकार बताते हैं कि बहुत सोच समझ कर धनगर समाज की महिला को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. क्योंकि, समाजवादी पार्टी सामाजिक ताने-बाने को अच्छी तरह समझती है और 2024 लोकसभा चुनाव निकट है. उससे पहले नगर पंचायत के चुनाव भी होने हैं. सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने बताया कि जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे बहुत शिद्दत से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी लोगों को साथ में लेकर काम करेंगे. जो भी सीनियर लीडर हैं, सबको सम्मान के साथ पार्टी को लेकर आगे बढ़ेगी.

लक्ष्मी धनगर जमीनी स्तर की नेता है. बहुत कम समय में ही उन्होंने राजनीति की बुलंदियों को छू लिया. 2019 में राजनीति में उतरी और निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा. 2019 लोकसभा चुनाव में 9 हजार वोट मिले थे और चौथे नंबर पर रही थीं. इसके बाद 16 जनवरी 2021 को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और 2022 में छर्रा विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. 90 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहीं. लक्ष्मी धनगर मैनपुरी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों में रही. अलीगढ़ के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी महिला को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. लक्ष्मी सिंह धनगर ने टीकाराम महाविद्यालय से एमए किया है. लक्ष्मी अखिल भारतीय धनगर समाज महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

यह भी पढ़ें: योग सिखाने कासगंज पहुंचे बाबा रामदेव, रामचरित मानस को लेकर ये कहा

अलीगढ़: पहली बार एक महिला को समाजबादी पार्टी ने जिले की कमान सौपी है. इससे पहले सभी जिलाध्यक्ष पुरुष रहे हैं. लक्ष्मी धनगर को अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. बहुत कम समय में ही लक्ष्मी धनगर ने राजनीति की बुलन्दियों को छू लिया है. 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ी और 90 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं. इससे पहले अलीगढ़ में यादव समाज का कब्जा रहता था. लेकिन, इस बार बदलाव किया गया है. अलीगढ़ में सपा जिलाध्यक्ष का पद कई महीनों से खाली चल रहा था.

इससे पहले अलीगढ़ में राकेश यादव और गिरीश यादव जिलाध्यक्ष थे. हालांकि, जिलाध्यक्ष बनने की होड़ में कई नेताओं ने आवेदन किया था. इनमें सपा के कई दिग्गज नेता शामिल थे. लेकिन, अबकी कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी आलाकमान किसी गैर यादव को जिलाध्यक्ष बनाएगी. इस बार एक महिला लक्ष्मी धनगर को जिलाध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी ने चौंका दिया. अलीगढ़ में बघेल व धनगर समाज को साधने और पार्टी से जुड़ने का रास्ता भी खोला है. अब देखना यह कि लक्ष्मी धनगर बघेल समाज को कितना पार्टी से जोड़ पाएंगी और पार्टी के अंदर गुटबाजी करने वालों को कैसे साथ लेकर आगे बढ़ेगी.

जानकार बताते हैं कि बहुत सोच समझ कर धनगर समाज की महिला को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. क्योंकि, समाजवादी पार्टी सामाजिक ताने-बाने को अच्छी तरह समझती है और 2024 लोकसभा चुनाव निकट है. उससे पहले नगर पंचायत के चुनाव भी होने हैं. सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने बताया कि जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे बहुत शिद्दत से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी लोगों को साथ में लेकर काम करेंगे. जो भी सीनियर लीडर हैं, सबको सम्मान के साथ पार्टी को लेकर आगे बढ़ेगी.

लक्ष्मी धनगर जमीनी स्तर की नेता है. बहुत कम समय में ही उन्होंने राजनीति की बुलंदियों को छू लिया. 2019 में राजनीति में उतरी और निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा. 2019 लोकसभा चुनाव में 9 हजार वोट मिले थे और चौथे नंबर पर रही थीं. इसके बाद 16 जनवरी 2021 को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और 2022 में छर्रा विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. 90 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहीं. लक्ष्मी धनगर मैनपुरी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों में रही. अलीगढ़ के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी महिला को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. लक्ष्मी सिंह धनगर ने टीकाराम महाविद्यालय से एमए किया है. लक्ष्मी अखिल भारतीय धनगर समाज महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

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