अलीगढ़: जिले में भूमि विवाद से जुड़े मामलों को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. ग्राम सभाओं में सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा, नाली, खडंजा, मेड़, चकरोड अतिक्रमण को लेकर डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं. इसके तहत अवैध कब्जे के मामले में पुलिस और राजस्व टीम मौके पर जाकर निस्तारण करेंगे. पूर्व के भूमि विवादों को संज्ञान में लेते हुए डीएम चन्द्र भूषण सिंह ने सभी एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह भूमि विवाद के मामलों को गंभीरता से निपटाएं.
महत्वपूर्ण तथ्य
- भूमि विवाद से जुड़े मामलों को लेकर अलीगढ़ प्रशासन गंभीर है.
- भारत सरकार ने भूमि सम्बन्धी मामलों को जड़ से समाप्त करने के लिए 'स्वामित्व योजना’ को लागू की है.
- इसके जरिए कोई भी अपने मकान या खेत की डिजिटली तकनीक से मैपिंग कराकर उसका स्वामित्व सरकारी दस्तावेजों में साबित कर सकेगा.
डीएम ने बताया कि भारत सरकार द्वारा भूमि सम्बन्धी मामलों को जड़ से समाप्त करने के लिए 'स्वामित्व योजना’ को लागू किया गया है. इसके माध्यम से किसी भी गांव का किसान या आम व्यक्ति अपने मकान या खेत की डिजिटली तकनीक से मैपिंग कराकर उसका स्वामित्व सरकारी दस्तावेजों में साबित कर सकेगा. ड्रोन तकनीक से होने वाली इस मैपिंग के बाद घरेलू जमीन विवादों की संख्या भी नगण्य रह जाएगी. खेत और मकान की डिजिटल मैपिंग होने से सरकार को भी ग्रामीण अंचलों की सम्पत्तियों की जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी.
डीएम चन्द्र भूषण सिंह ने कहा कि कोरोना संकटकाल में अन्य प्रान्तों और जनपदों से प्रवासी नागरिक अपने गांव वापस आ चुके हैं. ऐसे में भूमि विवाद से जुड़े मामलों में तत्परता दिखाने की आवश्यकता है. कोरोना काल में राजस्वकर्मी खुद को संक्रमण से सुरक्षित रखते हुए नियमित रूप से क्षेत्र में भ्रमण कर ग्रामीणों से डिजिटल तकनीक के माध्यम से संवाद स्थापित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी चकरोड, अतिक्रमण, अवैध कब्जा, मेड़ एवं नाली या अन्य जमीन विवाद है तो मौके पर जाकर पुलिस की मदद से ऐसे प्रकरणों का निस्तारण कराएं.
डीएम ने कहा कि प्रत्येक तहसील में एसडीएम द्वारा सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने में काफी बेहतर कार्य किया गया है, लेकिन अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है. अभी कई स्थानों पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हैं. शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने में लेखपाल अहम भूमिका निभा सकते हैं. कई बार देखने में आता है कि नाली व मेड़ के छोटे-छोटे विवादों में कानून व्यवस्था तक प्रभावित हो जाती है, जिसके कभी-कभी गंभीर परिणाम भी आते हैं.