ETV Bharat / state

अलीगढ़: काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर, मरीज बेहाल

सांतवें वेतन की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जूनियर डॉक्टरों के काम पर न लौटने से इलाज के अभाव में कई मरीजों की मौत हो गई है. कई मरीजों को घंटों इंतजार के बाद लौटा दिया जाता है, लेकिन इलाज नहीं किया जा रहा है.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी
author img

By

Published : Jun 22, 2019, 8:40 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर शनिवार को भी काम पर नहीं लौटे. पिछले 6 दिनों से जूनियर डॉक्टर लंबी छुट्टी पर हैं. वे सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान इलाज नहीं मिलने से करीब एक दर्जन मरीजों की मौत हो चुकी है. जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी सेवा चालू है, लेकिन आपातकाल स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को वापस लौटा दिया जाता है.

मामले की जानकारी देते रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद.

बुलंदशहर के छतारी से एक्सीडेंट में घायल हुए लोकेश को इलाज नहीं मिला. उसे घंटों इंतजार के बाद लौटना पड़ा. वहीं समाजसेवी इफराहीम ने मांग की है कि जेएन मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवा चालू की जाए, जिससे मरीजों की जान बच सके. डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज में धरना देने की बात भी कही है.

जेएन मेडिकल कॉलेज में कंसलटेंट डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट, इंटर्न और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद है. फिर मरीजों को क्यों वापस लौटाया जा रहा है? क्या सिर्फ 450 जूनियर डॉक्टर के सहारे जेएन मेडिकल कॉलेज चल रहा है. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार जेएन मेडिकल कॉलेज का प्रशासन है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन कार्यालय पर शनिवार को एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद की जूनियर डॉक्टरों के साथ मीटिंग भी हुई.
-इफराहीम, समाजसेवी

सातवें वेतन को लेकर एचआरडी और हेल्थ मिनिस्ट्री में बात चल रही है. जूनियर डॉक्टर अपनी डिमांड जारी रखें, लेकिन गरीब मरीज जो इलाज के लिए आ रहे हैं, उनके लिए इलाज जारी रखें. एसोसिएशन की जनरल बोर्ड मीटिंग में शाम निर्णय हुआ है कि 23 जून को सुबह 8 बजे काम पर वापस लौटेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने अल्टीमेटम दिया है कि एक महीने में सातवां वेतन लागू नहीं किया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल 22 जुलाई को करेंगे.
-अब्दुल हमीद, रजिस्ट्रार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर शनिवार को भी काम पर नहीं लौटे. पिछले 6 दिनों से जूनियर डॉक्टर लंबी छुट्टी पर हैं. वे सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान इलाज नहीं मिलने से करीब एक दर्जन मरीजों की मौत हो चुकी है. जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी सेवा चालू है, लेकिन आपातकाल स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को वापस लौटा दिया जाता है.

मामले की जानकारी देते रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद.

बुलंदशहर के छतारी से एक्सीडेंट में घायल हुए लोकेश को इलाज नहीं मिला. उसे घंटों इंतजार के बाद लौटना पड़ा. वहीं समाजसेवी इफराहीम ने मांग की है कि जेएन मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवा चालू की जाए, जिससे मरीजों की जान बच सके. डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज में धरना देने की बात भी कही है.

जेएन मेडिकल कॉलेज में कंसलटेंट डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट, इंटर्न और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद है. फिर मरीजों को क्यों वापस लौटाया जा रहा है? क्या सिर्फ 450 जूनियर डॉक्टर के सहारे जेएन मेडिकल कॉलेज चल रहा है. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार जेएन मेडिकल कॉलेज का प्रशासन है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन कार्यालय पर शनिवार को एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद की जूनियर डॉक्टरों के साथ मीटिंग भी हुई.
-इफराहीम, समाजसेवी

सातवें वेतन को लेकर एचआरडी और हेल्थ मिनिस्ट्री में बात चल रही है. जूनियर डॉक्टर अपनी डिमांड जारी रखें, लेकिन गरीब मरीज जो इलाज के लिए आ रहे हैं, उनके लिए इलाज जारी रखें. एसोसिएशन की जनरल बोर्ड मीटिंग में शाम निर्णय हुआ है कि 23 जून को सुबह 8 बजे काम पर वापस लौटेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने अल्टीमेटम दिया है कि एक महीने में सातवां वेतन लागू नहीं किया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल 22 जुलाई को करेंगे.
-अब्दुल हमीद, रजिस्ट्रार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर आज भी काम पर वापस नहीं लौटे . पिछले 6 दिनों से जूनियर डॉक्टर मास लीव पर है. और सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान इलाज नहीं मिलने से करीब एक दर्जन मरीजों की मौत हो गई. हालांकि जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी सेवा चालू है. लेकिन आपातकाल स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को वापस लौटा दिया जा रहा है इलाज नहीं किया जा रहा है. बुलंदशहर के छतारी से एक्सीडेंट में घायल हुए लोकेश को इलाज नहीं मिला और घंटों इंतजार के बाद वापस लौटना पड़ा. वहीं समाजसेवी इफराहीम ने मांग की है कि जे एन मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवा चालू की जाए. जिससे मरीजों की जान बच सकें. अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज पर धरना देने की बात भी कही है.


Body:वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अब्दुल्ला आजमी ने कहा कि मास्स लीव पर जाने का नोटिफिकेशन पहले ही दे दिया था और जे एन मेडिकल कॉलेज में कंसलटेंट डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट, इंटर्न व पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद है. तो मरीजों को क्यों वापस लौटाया जा रहा है? क्या सिर्फ 450 जूनियर डॉक्टर के सहारे जे एन मेडिकल कॉलेज चल रहा है. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार जेएन मेडिकल कॉलेज का प्रशासन है. उन्होंने कहा हमारी मांग पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन कार्यालय पर आज एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद की जूनियर डॉक्टरों के साथ मीटिंग भी हुई.


Conclusion:एएमयू रजिस्टर अब्दुल हमीद ने बताया कि मॉस लीव
के 6 दिन हो गए हैं और सातवें वेतन को लेकर एचआरडी व हेल्थ मिनिस्ट्री में बात चल रही है. उन्होंने कहा जूनियर डॉक्टर अपनी डिमांड जारी रखें . लेकिन गरीब मरीज जो इलाज के लिए आ रहे हैं. उनके लिए इलाज जारी रखें . वहीं रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने कहा कि जूनियर डॉक्टर ने भरोसा दिलाया कि सकारात्मक दिशा में निर्णय लेंगे . वहीं डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में शाम निर्णय हुआ है कि 23 जून को सुबह 8 बजे काम पर वापस लौटेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने अल्टीमेटम दिया है कि एक महीने में सातवां वेतन लागू नहीं किया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल 22 जुलाई को करेंगे.

बाईट: लोकेश, पीड़ित मरीज
बाइट: इफरहीम, समाजसेवी
बाइक : अब्दुल हमीद, रजिस्ट्रार ,अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय


आलोक सिंह , अलीगढ़
98378 30535
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.