अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोशल मीडिया पर एएमयू की छात्रा को उसके साथी छात्र की ओर से हिजाब पहनाने और धमकाने के मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच बिठा दी है. तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच करते हुए यह तय करेगी कि छात्रा की ओर से लगाए गए आरोप कितने सही हैं. रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी. इस कमेटी में असिस्टेंट प्रॉक्टर डॉ. अनवारुल हक, डॉ. पुष्पिता सरकार और डॉ. शीबा मंजूर शामिल हैं.
इस मामले में एएमयू प्राक्टर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि जांच टीम को तीन दिन में रिपोर्ट देनी है. छात्र या छात्रा दोनों में से कोई कैंपस में नहीं है. दोनों का ईमेल व फोन के जरिए पक्ष लिया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, सोशल मीडिया में एएमयू का हिजाब प्रकरण उस समय हाईलाइट हुआ, जब छात्रा की ओर से एसएसपी को शिकायत की गई थी. एएमयू से बीटेक कर रही छात्रा की शिकायत के मामले में थाना सिविल लाइन में आईटी एक्ट के तहत छात्र रहमत दानिश के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. एएमयू से बीटेक कर रही छात्रा की शिकायत के बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
सीएए व एनआरसी कानून के खिलाफ एएमयू में प्रदर्शन हो रहा था, तब उसने कानून का सोशल मीडिया पर समर्थन किया था. इसको लेकर कुछ लोग छात्रा का सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं. छात्र दानिश पर आरोप है कि उसने छात्रा को सोशल मीडिया पर चेतावनी दी है कि अगर वह यहां रह कर पढ़ेगी, तो यहां के तौर तरीकों से चलना होगा. छात्र ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि जब विश्वविद्यालय खुलेगा तो हम हिजाब पहनाना सिखा देंगे.
वहीं इस मामले को राज्य महिला आयोग ने संज्ञान में लिया है. थाना सिविल लाइन पुलिस भी अब पत्र लिखकर छात्र के बारे में जानकारी मांगी है. सोशल मीडिया पर छात्र की फेसबुक आईडी व आईपी ऐड्रेस के आधार पर पुलिस सर्विलांस के जरिए जांच में जुट गई है.
अलीगढ़: AMU छात्रा को हिजाब पहनाने के प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिठायी जांच
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गैर मुस्लिम छात्रा को हिजाब पहनाने की धमकी मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच बिठायी है. जिसमें तीन सदस्यीय कमेटी यह तय करेगी कि छात्रा की ओर से लगाए गए आरोप कितने सही हैं?
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोशल मीडिया पर एएमयू की छात्रा को उसके साथी छात्र की ओर से हिजाब पहनाने और धमकाने के मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच बिठा दी है. तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच करते हुए यह तय करेगी कि छात्रा की ओर से लगाए गए आरोप कितने सही हैं. रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी. इस कमेटी में असिस्टेंट प्रॉक्टर डॉ. अनवारुल हक, डॉ. पुष्पिता सरकार और डॉ. शीबा मंजूर शामिल हैं.
इस मामले में एएमयू प्राक्टर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि जांच टीम को तीन दिन में रिपोर्ट देनी है. छात्र या छात्रा दोनों में से कोई कैंपस में नहीं है. दोनों का ईमेल व फोन के जरिए पक्ष लिया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, सोशल मीडिया में एएमयू का हिजाब प्रकरण उस समय हाईलाइट हुआ, जब छात्रा की ओर से एसएसपी को शिकायत की गई थी. एएमयू से बीटेक कर रही छात्रा की शिकायत के मामले में थाना सिविल लाइन में आईटी एक्ट के तहत छात्र रहमत दानिश के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. एएमयू से बीटेक कर रही छात्रा की शिकायत के बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
सीएए व एनआरसी कानून के खिलाफ एएमयू में प्रदर्शन हो रहा था, तब उसने कानून का सोशल मीडिया पर समर्थन किया था. इसको लेकर कुछ लोग छात्रा का सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं. छात्र दानिश पर आरोप है कि उसने छात्रा को सोशल मीडिया पर चेतावनी दी है कि अगर वह यहां रह कर पढ़ेगी, तो यहां के तौर तरीकों से चलना होगा. छात्र ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि जब विश्वविद्यालय खुलेगा तो हम हिजाब पहनाना सिखा देंगे.
वहीं इस मामले को राज्य महिला आयोग ने संज्ञान में लिया है. थाना सिविल लाइन पुलिस भी अब पत्र लिखकर छात्र के बारे में जानकारी मांगी है. सोशल मीडिया पर छात्र की फेसबुक आईडी व आईपी ऐड्रेस के आधार पर पुलिस सर्विलांस के जरिए जांच में जुट गई है.