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रमजान का पहला दिन छोटा और आखिरी होगा सबसे बड़ा रोजा

माना जा रहा है कि इस बार रमजान का महीना सात मई से शुरू होगा. इस हिसाब से छह जून को ईद-उल-फितर हो सकती है. अगर पांच मई को चांद दिख गया तो छह मई को पहला रोजा हो सकता है वरना सात मई को ही पहला रोजा होगा. रमजान मुस्लिम समाज के लोगों के लिए पाक महीना होता है.

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Published : May 5, 2019, 12:11 AM IST

Updated : May 5, 2019, 8:17 PM IST

जानकारी देते मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना जाहिद हुसैन.

अलीगढ़ : इस बार रमजान का महीना सात मई से शुरू होना माना जा रहा है. इस हिसाब से छह जून को ईद-उल-फितर हो सकती है. इस बार रमजान महीने में 15 घंटे से ज्यादा लंबे समय का रोजा होगा और इसमें पांच जुमा (शुक्रवार) होंगे.

जानकारी देते मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना जाहिद हुसैन.
जानें, क्या है इस रमजान में खास
  • चौथे जुमे को एहतियातन जुमा अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी.
  • अगर पांच मई को चांद दिख गया तो छह मई को पहला रोजा हो सकता है. वरना सात मई को ही पहला रोजा होगा. इस तरह कहा जा सकता है कि सोमवार या मंगलवार से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा.
  • रमजान मुसलमानों के लिए मुबारक महीना होता है.
  • लोग सुबह से लेकर शाम तक भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.

जानें, रोजों के बारे में

  • पहले रोजे की सहरी सुबह तीन बजकर 58 मिनट तक होगी जबकि शाम सात बजे इफ्तार का वक्त होगा.
  • जैसे जैसे दिन गुजरते जाएंगे. वैसे-वैसे सहरी के समय में कमी होती जाएगी और इफ्तार का वक्त बढ़ता जाएगा.
  • 26वें रोजे की सहरी सुबह तीन बजकर 45 मिनट तक होगी और इफ्तार का वक्त शाम सात बजकर 20 मिनट होगा.
  • इस हिसाब से यह 15 घंटे 35 मिनट का सबसे लंबा रोजा होगा.
  • 29 रोजा होने के अनुमान पर चौथे शुक्रवार को अलविदा की नमाज होगी वरना, पांच जून को अलविदा की नमाज होगी और छह जून को ईद मनाई जाएगी.
  • आखिरी पांच रोजों की अवधि साढ़े 15 घंटे से अधिक की होगी जबकि पहले रोजे की अवधि 14 घंटा 58 मिनट होगी.
  • मुस्लिम इलाकों में रमजान की तैयारी शुरू हो गई है.
  • इस दौरान रोजेदारों को शिद्दत की गर्मी से भी जूझना पड़ेगा.


इस महीने में खास बात यह है कि रोजेदार गरीबों की मदद करते हैं. खाने-पीने से लेकर के कपड़े तक लोगों को दान करते हैं. इस बार सबसे छोटा पहला रोजा होगा और सबसे लंबा आखिरी रोजा होगा . इसमें चंद मिनटों का फर्क होता है . धूप सख्त होगी. मौसम भी गर्म है. लेकिन इसी मौसम में अल्लाह की खास इनायत और रहमत लोगों की मदद करती है. लोग रोजा रखकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.

-मौलाना जाहिद हुसैन , धर्मगुरु

अलीगढ़ : इस बार रमजान का महीना सात मई से शुरू होना माना जा रहा है. इस हिसाब से छह जून को ईद-उल-फितर हो सकती है. इस बार रमजान महीने में 15 घंटे से ज्यादा लंबे समय का रोजा होगा और इसमें पांच जुमा (शुक्रवार) होंगे.

जानकारी देते मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना जाहिद हुसैन.
जानें, क्या है इस रमजान में खास
  • चौथे जुमे को एहतियातन जुमा अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी.
  • अगर पांच मई को चांद दिख गया तो छह मई को पहला रोजा हो सकता है. वरना सात मई को ही पहला रोजा होगा. इस तरह कहा जा सकता है कि सोमवार या मंगलवार से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा.
  • रमजान मुसलमानों के लिए मुबारक महीना होता है.
  • लोग सुबह से लेकर शाम तक भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.

जानें, रोजों के बारे में

  • पहले रोजे की सहरी सुबह तीन बजकर 58 मिनट तक होगी जबकि शाम सात बजे इफ्तार का वक्त होगा.
  • जैसे जैसे दिन गुजरते जाएंगे. वैसे-वैसे सहरी के समय में कमी होती जाएगी और इफ्तार का वक्त बढ़ता जाएगा.
  • 26वें रोजे की सहरी सुबह तीन बजकर 45 मिनट तक होगी और इफ्तार का वक्त शाम सात बजकर 20 मिनट होगा.
  • इस हिसाब से यह 15 घंटे 35 मिनट का सबसे लंबा रोजा होगा.
  • 29 रोजा होने के अनुमान पर चौथे शुक्रवार को अलविदा की नमाज होगी वरना, पांच जून को अलविदा की नमाज होगी और छह जून को ईद मनाई जाएगी.
  • आखिरी पांच रोजों की अवधि साढ़े 15 घंटे से अधिक की होगी जबकि पहले रोजे की अवधि 14 घंटा 58 मिनट होगी.
  • मुस्लिम इलाकों में रमजान की तैयारी शुरू हो गई है.
  • इस दौरान रोजेदारों को शिद्दत की गर्मी से भी जूझना पड़ेगा.


इस महीने में खास बात यह है कि रोजेदार गरीबों की मदद करते हैं. खाने-पीने से लेकर के कपड़े तक लोगों को दान करते हैं. इस बार सबसे छोटा पहला रोजा होगा और सबसे लंबा आखिरी रोजा होगा . इसमें चंद मिनटों का फर्क होता है . धूप सख्त होगी. मौसम भी गर्म है. लेकिन इसी मौसम में अल्लाह की खास इनायत और रहमत लोगों की मदद करती है. लोग रोजा रखकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.

-मौलाना जाहिद हुसैन , धर्मगुरु

Intro:अलीगढ़ : इस बार रमजान का महीना 7 मई से शुरू होना माना जा रहा है . इस हिसाब से 6 जून को ईद उल फितर हो सकती है . इस बार रमजान महीने में 15 घंटे से ज्यादा लंबे समय का रोजा होगा और इसमें 5 जुमा (शुक्रवार) होंगे. वहीं चौथे जुमे को एहतियातन जुमा अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी. अगर 5 मई को चांद दिख गया. तो 6 मई को पहला रोजा हो सकता है. वरना 7 मई को ही पहला रोजा होगा. इस तरह कहा जा सकता है कि सोमवार या मंगलवार से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और यह मुसलमानों के लिए मुबारक महीना होता है. जिसमें सारे मुसलमान अल्लाह के मेहमान होते हैं . लोग सुबह से लेकर शाम तक भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.


Body:पहले रोजे की शहरी सुबह 3:58 बजे तक होगी. जबकि शाम 7:00 बजे इफ्तार का वक्त होगा. जैसे जैसे दिन गुजरते जाएंगे. वैसे-वैसे शहरी के समय में कमी होती जाएगी और इफ्तार का वक्त बढ़ता जाएगा. 26वें रोजे की शहरी सुबह 3:45 बजे तक होगी और इफ्तार का वक्त शाम 7:20 बजे होगा. इस हिसाब से यह 15 घंटे 35 मिनट का सबसे लंबा रोजा होगा. इस रमजान के महीने में 5 जुमे पड़ेंगे. अगर 7 मई को पहला रोजा हुआ तो पहले शुक्रवार को दूसरा रोजा, दूसरे शुक्रवार को नवाँ रोजा, तीसरे को 16 वा रोजा, चौथे को 23वाँ रोजा और पांचवे शुक्रवार को तीसवा रोजा होगा. 29 रोजा होने के अनुमान पर चौथे शुक्रवार को अलविदा की नमाज होगी. वरना, 5 जून को अलविदा की नमाज होगी और 6 जून को ईद मनाई जाएगी. हालांकि 6 मई को चांद दिख गया तो 7 मई को पहला रोजा होगा.


Conclusion:सबसे लंबा रोजा 15 घंटे 33 मिनट का होगा. जोकि माह ए रमजान का आखरी रोजा होगा. आखरी 5 रोजों की अवधि साढे 15 घंटे से अधिक की होगी .जबकि पहले रोजे की अवधि 14 घंटा 58 मिनट होगी. रमजान का महीना 30 दिन का हुआ तो . आखिरी रोजा 4 जून को रखा जाएगा. हालांकि मुस्लिम इलाकों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है. इस बार 24 घंटे में रोजेदारों को करीब 15 घंटे से अधिक समय तक भूखे प्यासे रहकर खुदा की इबादत करनी होगी. लेकिन इस दौरान रोजेदारों को शिद्दत की गर्मी से भी जूझना पड़ेगा. धर्मगुरु मौलाना जाहिद हुसैन ने बताया कि इस महीने में खास बात यह है कि रोजेदार गरीबों की मदद करते हैं. खाने-पीने से लेकर के कपड़े तक लोगों को दान करते हैं. उन्होंने बताया इस बार सबसे छोटा पहला रोजा होगा और सबसे लंबा आखिरी रोजा होगा . इसमें चंद मिनटों का फर्क होता है .मौलाना जाहिद ने बताया कि धूप सख्त होगी. मौसम भी गर्म है. लेकिन इसी मौसम में अल्लाह की खास इनायत और रहमत लोगों की मदद करती है. और लोग रोजा रखकर अल्लाह की रजा हासिल करते हैं.

बाइट: मौलाना जाहिद हुसैन , धर्मगुरु

आलोक सिंह, अलीगढ़
98378 30535
Last Updated : May 5, 2019, 8:17 PM IST
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