ETV Bharat / bharat

पारसी रीति-रिवाज के साथ हुआ रतन टाटा का अंतिम संस्कार, लेकिन... - RATAN TATA CREMATED

उद्योगपति रतन टाटा का वर्ली स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीके से हटकर हुआ है.

Ratan Tata's last rites performed according to Parsi rituals
पारसी रीति-रिवाज के साथ हुआ रतन टाटा का अंतिम संस्कार (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2024, 7:36 PM IST

मुंबई: उद्योगपति रतन टाटा का वर्ली स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इस दौरान देश की कई हस्तियां मौजूद रहीं. रतन टाटा के अंतिम संस्कार के लिए वर्ली में मुंबई पुलिस और बीएमसी ने खास तैयारियां की थीं. उनका विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया.

इससे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को पारसी रीति-रिवाज के साथ एक ताबूत में श्मशान ले जाया गया और फिर एक शोक सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान टाटा परिवार के सदस्य मौजूद रहे. इसके बाद विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. गौरतलब है कि पारसी रीति-रिवाज के अनुसार शव को जलाने का नियम नहीं है. ऐसे में उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीके से हटकर हुआ है.

कैंडी अस्पताल में निधन
रतन टाटा का लंबी बीमारी के बाद बुधवार (9 अक्टूबर) रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उनके निधन के बाद देश की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इनमें राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे शामिल हैं.

पारसी धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार?
बता दें कि पारसी धर्म मानने वाले शवों को ना जलाते हैं, ना दफनाते हैं और ना ही नदी में बहाते हैं, बल्कि वह मृत शरीर को खुली जगह पर गिद्धों को नोचने के लिए छोड़ देते हैं. इस जगह को 'टॉवर ऑफ साइलेंस' कहा जाता है.

दरअसल, पारसी समुदाय के लोग पृथ्वी, जल और अग्नि को पवित्र मानते हैं, इसलिए समाज के किसी व्यक्ति के मर जाने पर उसकी देह को इन तीनों के हवाले नहीं किया जाता है. इसकी बजाय मृत देह को आसमान के हवाले कर देते हैं.

यह भी पढ़ें- खुले आसमान में छोड़ देते हैं शव, गिद्ध नोंच खाते हैं पार्थिव शरीर, जानें किस धर्म में है यह प्रथा

मुंबई: उद्योगपति रतन टाटा का वर्ली स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इस दौरान देश की कई हस्तियां मौजूद रहीं. रतन टाटा के अंतिम संस्कार के लिए वर्ली में मुंबई पुलिस और बीएमसी ने खास तैयारियां की थीं. उनका विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया.

इससे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को पारसी रीति-रिवाज के साथ एक ताबूत में श्मशान ले जाया गया और फिर एक शोक सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान टाटा परिवार के सदस्य मौजूद रहे. इसके बाद विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. गौरतलब है कि पारसी रीति-रिवाज के अनुसार शव को जलाने का नियम नहीं है. ऐसे में उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीके से हटकर हुआ है.

कैंडी अस्पताल में निधन
रतन टाटा का लंबी बीमारी के बाद बुधवार (9 अक्टूबर) रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उनके निधन के बाद देश की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इनमें राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे शामिल हैं.

पारसी धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार?
बता दें कि पारसी धर्म मानने वाले शवों को ना जलाते हैं, ना दफनाते हैं और ना ही नदी में बहाते हैं, बल्कि वह मृत शरीर को खुली जगह पर गिद्धों को नोचने के लिए छोड़ देते हैं. इस जगह को 'टॉवर ऑफ साइलेंस' कहा जाता है.

दरअसल, पारसी समुदाय के लोग पृथ्वी, जल और अग्नि को पवित्र मानते हैं, इसलिए समाज के किसी व्यक्ति के मर जाने पर उसकी देह को इन तीनों के हवाले नहीं किया जाता है. इसकी बजाय मृत देह को आसमान के हवाले कर देते हैं.

यह भी पढ़ें- खुले आसमान में छोड़ देते हैं शव, गिद्ध नोंच खाते हैं पार्थिव शरीर, जानें किस धर्म में है यह प्रथा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.