अलीगढ़: आईएएस डॉ. हर्ष मंदर मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पहुंचे. इस दौरान वह मेडिकल कॉलेज जाकर विरोध प्रदर्शन में घायल छात्रों से मुलाकात की. साथ ही एएमयू रजिस्टार आईपीएस अब्दुल हमीद से भी मिले. इस मौके पर डॉ. हर्ष मंदर ने जेएन मेडिकल कॉलेज में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों को नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में संबोधित किया.
डॉ. हर्ष मंदर ने कहा कि मजहब के आधार पर हिंदुस्तान का एक और बंटवारा नहीं होने देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जमीन के आधार पर हुए एक बंटवारे का अंजाम आज भी हम भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब जमीन पर कम दिलों में ज्यादा बंटवारा करना चाहती हैं. सरकार लाखों-करोड़ों दिलों में नफरत का जहर भरना चाहती है, लेकिन सरकार के इस प्रयास को सफल होने नहीं देंगे और हम साथ रहेंगे.
हिंदुस्तान का मजहब से कोई मायने नहीं
ईटीवी भारत से बात करते हुए हर्ष मंदर ने कहा कि मजहब के आधार पर पहली बार कानून बना है, जिसमें एक मजहब के लोगों के आधार अलग है और बाकी मजहब के लिए अलग है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान केवल हिंदुस्तानी है, उसका मजहब से कोई मायने नहीं है.
मुसलमानों पर सिर्फ एक्ट का असर
डॉ. हर्ष मंदर ने नागरिकता संशोधन एक्ट को खतरनाक बताते हुए कहा कि यह साजिश बहुत गंभीर है. अगर सभी लोगों को एक्ट के तहत दस्तावेज दिखाने पड़े तो बहुत मुश्किल होगा और इसका असर सिर्फ मुसलमानों पर होगा. देश को एक बार फिर मजहब के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस एक्ट का विरोध करेंगे और कोई दस्तावेज नहीं देंगे.
एक्ट के जरिए सांप्रदायिक रंग दिया जाए
सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा कि भाजपा सरकार में देश के मुसलमानों के खिलाफ एक जंग सी छिड़ गई है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, वह देश के प्रति मोहब्बत, वफादारी रखने वालों पर सवाल न उठाए. सरकार की कोशिश है कि एक्ट के जरिए सांप्रदायिक रंग दिया जाए, लेकिन हमें एकजुट होकर हिंसा को रोकना है.
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