अलीगढ़: बाबरी मंडी में हुए उपद्रव में एकतरफा कार्रवाई से हिंदू संगठनों में रोष है. मंगलवार को स्थानीय लोगों ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य पूनम बजाज के घर का घेराव किया. इस दौरान हिंदू जागरण समिति ने मांग की कि बाबरी मंडी में 2 फरवरी 2020 में घायल हुए लोगों की ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद व्यक्तियों की गिरफ्तारी तुरंत की जाए. वहीं बाबरी मंडी में उपद्रव में घायलों को मुआवजा भी दिलाया जाए. ऐसा न होने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी.
दरअसल इस साल के फरवरी महीने में सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही भीड़ ने बाबरी मंडी व तुर्कमान गेट पर हमला कर दिया था. इसका वहां के निवासियों ने विरोध किया और बाबरी मंडी चौकी के पुलिस कर्मियों को उपद्रवियों से बचाया था. उपद्रवियों की तरफ से की गई फायरिंग में कई लोग घायल हुए थे. इस मामले में तीन FIR थाना कोतवाली में दर्ज हुई थी. इसमें कई लोग नामजद किए गए थे. लेकिन पुलिस ने दर्ज मुकदमों में कोई कार्रवाई नहीं की.
पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
हिंदू संगठनों का आरोप है कि दूसरे पक्ष की ओर से की गई FIR में बाबरी मंडी निवासी विनय वार्ष्णेय, सुरेंद्र, त्रिलोकी को जेल भेज दिया गया था. इसमें से सुरेंद्र और त्रिलोकी की जमानत हो चुकी है. वहीं विनय वार्ष्णेय अब भी जेल में बंद हैं. दूसरी ओर उनकी ओर से की गई नामजद रिपोर्ट में दूसरे पक्ष के किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई.
आरोप है कि अलीगढ़ प्रशासन दूसरे पक्ष के लोगों को क्लीन चिट देने की तैयारी में है. दंगे के पीड़ित विशेष समुदाय के व्यक्तियों को मुआवजा भी दिया जा चुका है. लेकिन उनके पक्ष को कोई मुआवजा नहीं मिला है. अलीगढ़ प्रशासन की बाबरी मंडी क्षेत्र में उनके खिलाफ की गई एकतरफा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से आक्रोश पनप रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हिंदू जागरण समिति आंदोलन को बाध्य होगी.