अलीगढ़: अलीगढ़ जनपद में बीते तीन दिन पूर्व हुई लगतार मूसलाधार बारिश से कृषि में हुए नुकसान का जिला अधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने सर्वे कराया है, सबसे ज्यादा जिले की इगलास और खैर तहसील के किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. जिसमें बारिश के चलते लगभग 29,1,42 किसान प्रभावित हुए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा जिले की इगलास, अतरौली और खैर तहसील में किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.
दरअसल, अलीगढ़ जनपद में बीते रविवार और सोमवार को लगातार हुई बारिश होने की वजह से जिले भर में 92125.99 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान इगलास, अतरौली और खैर तहसील क्षेत्र में हुआ है. किसानों का बारिश से हुए नुकसान का जिला प्रशासन ने सर्वे कराकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में किसानों को 12 करोड़ 36 लाख 9 हजार 307 रुपए का मुआवजा भी प्रस्तावित किया गया है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.
बतादें, बीते रविवार और सोमवार को जिले में भारी वर्षा एवं तेज हवाओं से धान किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा था बारिश व तेज हवाओं के चलते खेतों में कटी पड़ी हुई फसल तो बर्बाद हुई ही, साथ ही खड़ी फसल की बालियां भी गिर गई. जिसका डीएम सेल्वा कुमारी जे. के आदेश पर राजस्व और कृषि विभाग की पिछले दो दिनों से नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई है.
बारिश से किसानों के हुए नुकसान पर जिला कृषि अधिकारी रामप्रवेश पटेल ने बताया इस समय धान की फसल अपनी कटाई पर चल रही है. जिसमें 40 परसेंट से ऊपर फसल कट चुकी है और 60 परसेंट फसल कटकर किसानों के घर पर जा चुकी है. जिसमें किसानों का नुकसान हुआ है उसमें हमारे क्षेत्रीय कर्मचारी फसल बीमा योजना अंतर्गत उनका व्यक्तिगत दावे का फार्म भरा रहे हैं और उसका प्लाट से प्लाट सर्वे किया जाएगा, कि उसमें कितना नुकसान हुआ है. उसके बाद व्यक्तिगत जो छतिपूर्ति हुई है किसान बीमा योजना के अंतर्गत लाभ दिलाया जाएगा. जिले की जो खैर और इगलास तहसील है, वहां पर किसानों का ज्यादा नुकसान हुआ है.
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उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर 85 हजार हेक्टेयर धान है उसमें से 50 परसेंट के लगभग कट चुका था, बाकी जो बचा था उसमें ज्यादा नुकसान हुआ है. इस समय जो फसल बीमा में किसानों की संख्या है उसमें साढ़े सोलह हजार लोग हैं. अभी उनका सर्वे करा रहे हैं वैसे जनपद में 2011 की जनगणना के अनुसार ढाई लाख किसान हैं, जिसके बाद जो सर्वे हुआ था उसमें 2 लाख 89 हजार किसान आए थे. इसमें काफी मात्रा में किसान प्रभावित हुए हैं.