नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया. यूपी सीएम रहते हुए उनके सख्त रवैये की वजह से अपराधियों के बीच उनका खौफ रहता था. यह खौफ केवल यूपी तक सीमित नहीं था. दिल्ली एनसीआर से लेकर हरियाणा तक के अपराधियों में यह खौफ दिखता था. उन्हें पता था कि अगर, कल्याण सिंह की नजर उन पर पड़ी तो उनका बचना मुश्किल होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के हीरो रहे हैं. यूपी सीएम रहते हुए वह एक कुशल नेता के रूप में उभरे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. उनकी तरफ से पुलिस को साफ आदेश थे कि अपराधी बचने नहीं चाहिए. इसकी वजह से अपराधी या तो गिरफ्तार होते थे या मुठभेड़ में मारे जाते थे.
अपराधियों को उत्तर प्रदेश में राजनीतिक संरक्षण मिलना बंद हो गया था. उनके भीतर तत्कालीन मुख्यमंत्री का खौफ इस कदर भरा था कि वह प्रदेश छोड़कर दिल्ली एवं हरियाणा की तरफ फरार हो गए थे, लेकिन उस समय की पुलिस दिल्ली एवं हरियाणा तक भी अपराधियों को नहीं छोड़ती थी.
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वर्ष 1992 में हरियाणा के फरीदाबाद में डाकू जय भगवान का आतंक था. वह बड़े-बड़े कारोबारियों से रंगदारी मांगता था. लेकिन यूपी में जिस तरीके से अपराधियों के खिलाफ तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह एक्शन ले रहे थे, इससे उसका काम भी प्रभावित हुआ. कारोबारियों ने उसे रंगदारी देना बंद कर दिया था.
उसके द्वारा रंगदारी मांगने का एक पत्र जब तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह को कहीं से मिला तो उन्होंने पुलिस को उसके पीछे लगाया. कुछ ही समय बाद जय भगवान उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया था.
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