अलीगढ : अलीगढ़ में जमा बिजली बिल के घोटाले के विरोध में लाल डिग्गी स्थित बिजली कार्यालय पर हफ्ते भर से चल रहा किसानों का धरना सोमवार को लिखित समाधान के साथ स्थगित हो गया. धरना स्थल पर आयोजित पंचायत में धरना संयोजन समिति और अधीक्षण अभियंता धर्मेन्द्र सारस्वत (Superintending Engineer Dharmendra Saraswat) के साथ एक घंटे भारी नोंकझोंक भरी बहस चली. किसानों की सभी मांगों पर बिन्दुवार चर्चा के बाद अधीक्षण अभियंता ने लिखित समाधान की सहमति जताई.
किसान पंचायत के दौरान लिखित समाधान पेश किया गया. लिखित समाधान में किसी भी बकायेदार विद्युत उपभोक्ता के बिजली कनेक्शन को नहीं काटा जायेगा. बकायेदार विद्युत उपभोक्ताओं के वसूली के संबंध में एकमुश्त समाधान योजना के अंतर्गत समस्त उपभोक्ताओं को नोटिस के माध्यम से उनके बकाये बिल से अवगत कराया जायेगा. नोटिस में मूलधन व ब्याज अलग-अलग दर्शायी जायेगी.
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समाधान के अनुसार अधीक्षण अभियंता ने रसीद बुक घोटाले से संबंधित जिन उपभोक्ताओं का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, उनके भुगतान को अग्रिम आदेश तक स्थगित करने का आश्वासन दिया गया, जब तक कि घोटाले से संबंधित जांच पूर्ण न हो जाये. साथ ही प्रभावित उपभोक्ताओं को विवादित धनराशि को छोड़कर यदि कोई उपभोक्ता विद्युत बिल जमा कराना चाहे तो जमा करा सकते हैं.
पंचायत में लिखित समाधान पर किसानों ने सहमति जताई. बाकी मुद्दों पर निर्णय के लिए धरना संयोजन समिति की बैठक हुई, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक शशिकान्त के अलावा किसान संगठनों के नेता शामिल रहे.
समिति ने धरना तब तक स्थगित किया जब तक जांच रिपोर्ट न आ जाए. पंचायत से पहले किसान नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने विभागीय जांच पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिलाधिकारी के नाम सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय (City Magistrate Office) में प्रतिवेदन भी दिया. वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अवध प्रांत के संयोजक संतोष परिवर्तक के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव कार्यालय में इस घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग रखी. वहीं, जबरन जमा करायी गई रकम वापसी की कार्रवाई की मांग रखी. पंचायत में इन दोनों मांगों के लिए आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया. लिखित समाधान से पहले पंचायत में तमाम किसान नेताओं ने सभा को संबोधित किया.
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