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छलका किसान नेता का दर्द, कहा- कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं हमारा ज्ञापन

अलीगढ़ में किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने प्रशासन को किसानों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उनका दर्द छलक उठा और उन्होंने शिकायत की कि उनके दिए ज्ञापनों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है.

अलीगढ़
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Published : Dec 2, 2020, 7:52 PM IST

अलीगढ़ : प्रशासन को ज्ञापन सौंपते समय किसान नेता भानु प्रताप सिंह का दर्द छलक उठा. एसीएम के सामने ही कह दिया कि आप लोग ज्ञापन कूड़े के ढेर में डाल देते हैं. उन्होंने कहा कि 20 बार ज्ञापन दे चुका हूं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. वहीं एसीएम रंजीत सिंह ने कहा कि सारे ज्ञापन नियमों के अनुसार शासन को भेजे जाते हैं और जहां से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि डेली दो ज्ञापन जरूर मिल जाते हैं और इसका रिकॉर्ड रखा जाता है और कोई भी व्यक्ति कार्यालय चलकर रिकॉर्ड चेक कर सकता है.


'रिकॉर्ड में दर्ज होता है हर ज्ञापन'

एसीएम रंजीत सिंह ने किसान नेता चौधरी भानु प्रताप सिंह को बताया कि प्रशासन को दिए जाने वाले हर ज्ञापन का रिकॉर्ड रखा जाता है और इस रिकॉर्ड को कोई भी दफ्तर आकर देख सकता है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर दिया गया ज्ञापन स्थानीय स्तर या स्टेट लेवल की बात नहीं है. यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है और किसानों की भावनाओं को ऊपर तक अवगत कराया जाता है. बाकी निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है.

'ज्ञापन का नहीं मिलता कोई रिप्लाई'
किसान नेता चौधरी भानु प्रताप सिंह राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष भी हैं. वह अभी तक करीब 20 से अधिक बार ज्ञापन प्रशासन को सौंप चुके हैं. इस बार ज्ञापन सौंपते समय उनकी पीड़ा छलक आयी और उन्होंने प्रशासन से शिकायत की कि उनके दिए ज्ञापन पर कोई जवाब नहीं मिलता. उनका कहना था कि आज तक किसी भी ज्ञापन का कोई रिप्लाई नहीं आया है जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गलत है.

अलीगढ़ : प्रशासन को ज्ञापन सौंपते समय किसान नेता भानु प्रताप सिंह का दर्द छलक उठा. एसीएम के सामने ही कह दिया कि आप लोग ज्ञापन कूड़े के ढेर में डाल देते हैं. उन्होंने कहा कि 20 बार ज्ञापन दे चुका हूं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. वहीं एसीएम रंजीत सिंह ने कहा कि सारे ज्ञापन नियमों के अनुसार शासन को भेजे जाते हैं और जहां से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि डेली दो ज्ञापन जरूर मिल जाते हैं और इसका रिकॉर्ड रखा जाता है और कोई भी व्यक्ति कार्यालय चलकर रिकॉर्ड चेक कर सकता है.


'रिकॉर्ड में दर्ज होता है हर ज्ञापन'

एसीएम रंजीत सिंह ने किसान नेता चौधरी भानु प्रताप सिंह को बताया कि प्रशासन को दिए जाने वाले हर ज्ञापन का रिकॉर्ड रखा जाता है और इस रिकॉर्ड को कोई भी दफ्तर आकर देख सकता है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर दिया गया ज्ञापन स्थानीय स्तर या स्टेट लेवल की बात नहीं है. यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है और किसानों की भावनाओं को ऊपर तक अवगत कराया जाता है. बाकी निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है.

'ज्ञापन का नहीं मिलता कोई रिप्लाई'
किसान नेता चौधरी भानु प्रताप सिंह राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष भी हैं. वह अभी तक करीब 20 से अधिक बार ज्ञापन प्रशासन को सौंप चुके हैं. इस बार ज्ञापन सौंपते समय उनकी पीड़ा छलक आयी और उन्होंने प्रशासन से शिकायत की कि उनके दिए ज्ञापन पर कोई जवाब नहीं मिलता. उनका कहना था कि आज तक किसी भी ज्ञापन का कोई रिप्लाई नहीं आया है जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गलत है.

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