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कृषि कानून पर किसानों को नहीं है भरोसा, आंदोलन का किया समर्थन

अलीगढ़ में तरुण वैली गेस्ट हाउस में कृषि बिल के समर्थन में भाजपा ने किसान सम्मेलन बुलाकर उन्हें जागरूक करने का काम कर रही है. कृषि कानून के विषय में जानकारी देने के लिए किसानों को दूर दराज इलाकों से बुलाया गया, लेकिन सम्मेलन में केवल राजनीति की ही बात किसानों के सामने रखी गई.

किसान सम्मेलन.
किसान सम्मेलन.
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Published : Dec 17, 2020, 3:20 PM IST

अलीगढ़: कृषि बिल के समर्थन में भाजपा किसान सम्मेलन बुलाकर उन्हें जागरूक करने का काम कर रही है, लेकिन सम्मेलन में पहुंचने वाले किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. सम्मेलन में नेताओं का तो खूब स्वागत किया गया, लेकिन मंच पर बुलाकर किसी भी किसान का सम्मान नहीं करने से किसानों में नाराजगी दिखी. हालांकि सम्मेलन किसान आंदोलन के पहलुओं को बताने के लिए किया गया था. कृषि कानून के विषय में जानकारी देने के लिए किसानों को दूर दराज इलाकों से बुलाया गया, लेकिन सम्मेलन में केवल राजनीति की ही बात किसानों के सामने रखी गई. वहीं सम्मेलन में पहुंचे कुछ लोग किसान आंदोलन का समर्थन करते दिखे.

कानून से किसानों का नहीं होगा भला
अलीगढ़ के तरुण वैली गेस्ट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में हाथरस, एटा, कासगंज के किसानों को भी बुलाया गया. सम्मेलन में आकर कुछ किसान मायूस दिखे और उन्होंने मीडिया के सामने अपनी भड़ास निकाली. किसान विनीत कुमार ने बताया कि इस सरकार में धान का दाम 1700-1800 रुपये कुंतल ही मिला. जबकि पिछली सरकारों में 3400 रुपये तक धान बिक जाता था, जिससे घर का खर्चा चलता था. विनीत ने बताया कि जो कृषि कानून लाया जा रहा है, इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. जो सरकार ने एमएसपी धान की रखी है, उस पर खरीद नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि कानून केवल उद्योगपतियों के लिए लाया जा रहा है, इससे किसानों का भला नहीं होगा.

किसान सम्मेलन.

किसानों को हो रही बांटने की कोशिश
चंडौस के रहने वाले किसान शिव नारायण शर्मा ने भी एमएसपी पर फसल नहीं खरीद होने की समस्या बताई. उन्होंने बताया कि बहुत मेहनत से खेती करते हैं, लेकिन उत्पादन के बाद फसलों का उचित रेट नहीं मिलता है. जिससे घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि सरकार किसान की आवाज नहीं सुनती है. सड़कों पर किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं. सरकार हिल रही है, इसलिए किसानों को बुलाकर सम्मेलन कर रही है.

किसानों को मंच पर बुलाकर नहीं किया गया सम्मानित
गंगीरी कस्बे से आए किसान सुभाष ने बताया कि क्रय केंद्र पर दो महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराया गया था, लेकिन न धान खरीदा गया और न ही टोकन नंबर आया. उन्होंने बताया कि लक्ष्य से ज्यादा धान खरीद लिया गया है, इसलिए अब किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है. वहीं किसानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित नहीं करने पर किसान नाराज दिखे.

अलीगढ़: कृषि बिल के समर्थन में भाजपा किसान सम्मेलन बुलाकर उन्हें जागरूक करने का काम कर रही है, लेकिन सम्मेलन में पहुंचने वाले किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. सम्मेलन में नेताओं का तो खूब स्वागत किया गया, लेकिन मंच पर बुलाकर किसी भी किसान का सम्मान नहीं करने से किसानों में नाराजगी दिखी. हालांकि सम्मेलन किसान आंदोलन के पहलुओं को बताने के लिए किया गया था. कृषि कानून के विषय में जानकारी देने के लिए किसानों को दूर दराज इलाकों से बुलाया गया, लेकिन सम्मेलन में केवल राजनीति की ही बात किसानों के सामने रखी गई. वहीं सम्मेलन में पहुंचे कुछ लोग किसान आंदोलन का समर्थन करते दिखे.

कानून से किसानों का नहीं होगा भला
अलीगढ़ के तरुण वैली गेस्ट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में हाथरस, एटा, कासगंज के किसानों को भी बुलाया गया. सम्मेलन में आकर कुछ किसान मायूस दिखे और उन्होंने मीडिया के सामने अपनी भड़ास निकाली. किसान विनीत कुमार ने बताया कि इस सरकार में धान का दाम 1700-1800 रुपये कुंतल ही मिला. जबकि पिछली सरकारों में 3400 रुपये तक धान बिक जाता था, जिससे घर का खर्चा चलता था. विनीत ने बताया कि जो कृषि कानून लाया जा रहा है, इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. जो सरकार ने एमएसपी धान की रखी है, उस पर खरीद नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि कानून केवल उद्योगपतियों के लिए लाया जा रहा है, इससे किसानों का भला नहीं होगा.

किसान सम्मेलन.

किसानों को हो रही बांटने की कोशिश
चंडौस के रहने वाले किसान शिव नारायण शर्मा ने भी एमएसपी पर फसल नहीं खरीद होने की समस्या बताई. उन्होंने बताया कि बहुत मेहनत से खेती करते हैं, लेकिन उत्पादन के बाद फसलों का उचित रेट नहीं मिलता है. जिससे घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि सरकार किसान की आवाज नहीं सुनती है. सड़कों पर किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं. सरकार हिल रही है, इसलिए किसानों को बुलाकर सम्मेलन कर रही है.

किसानों को मंच पर बुलाकर नहीं किया गया सम्मानित
गंगीरी कस्बे से आए किसान सुभाष ने बताया कि क्रय केंद्र पर दो महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराया गया था, लेकिन न धान खरीदा गया और न ही टोकन नंबर आया. उन्होंने बताया कि लक्ष्य से ज्यादा धान खरीद लिया गया है, इसलिए अब किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है. वहीं किसानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित नहीं करने पर किसान नाराज दिखे.

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