अलीगढ़: जिले में इगलास थाना क्षेत्र के हस्तपुर में एससी/एसटी कानून से परेशान फांसी की मांग करने वाले परिवार की हालत बिगड़ गई है. इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे परिवार को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नजरबंद किया गया था. नजरबंद हुई मुन्नी देवी की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया गया.
गौरतलब है कि 2 दिन पहले मेरठ के एक परिवार ने एससी/एसटी मुकदमों से परेशान होकर मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांगी थी. इच्छामृत्यु मांगने वाले परिवार ने अपने घर के बाहर पोस्टर भी चिपकाए थे. मामला संज्ञान में आने के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम योगी ने इच्छा मृत्यु मांगने वाले परिवार को नजरबंद किया था. फिलहाल पुलिस की निगरानी में रह रहीं मुन्नी देवी की हालत बिगड़ने पर अस्पताल में पहुंचाया गया है.
इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे परिवार पर दर्ज हैं एससी/एसटी के 18 मुकदमें
मुन्नी देवी व उसके परिवार पर एससी/एसटी के 18 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. मुन्नी देवी के 3 बेटे अमित, रिंकू व श्री कृष्ण जेल में बंद हैं. मुन्नी देवी का आरोप है कि पुलिस उनके परिवार को परेशान कर रही है. मुन्नी के परिवार की सदस्य राजकुमारी का कहना है कि उसके परिवार पर कई फर्जी मुकदमें दर्ज हैं. जिसकी वजह से उनका परिवार लंबे समय से सलाखों की सजा झेल रहा है. मुकदमा लड़ते-लड़ते घर की जमीन/खेत बिक गए हैं. एसपी ग्रामीण ने बताया कि दूसरे पक्ष ने महिला उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमें की विवेचना की जा रही है.
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पीड़ित पक्ष की राजकुमारी ने आरोप लगाया कि फर्जी मुकदमें दर्ज कराने वाले विष्णु की पुलिस मदद कर रही है. राजकुमारी का कहना है कि उनका परिवार मुकदमों की वजह से काफी परेशान है. उनकी मां ने कई दिनों से खाना नहीं खाया है. मदद के लिए पीड़ित पक्ष ने सीएम योगी को भी पत्र भेजा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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