अलीगढ़: जिले में बिजली संशोधन बिल के खिलाफ सोमवार को बिजली कर्मियों ने काला दिवस मनाया. बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर और कर्मचारियों ने अपने कार्य को जारी रखते हुए, दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, कार्यालय पर ही प्रदर्शन किया. साथ ही उनका कहना है कि निजीकरण के लिए लाये जा रहे बिल का हम विरोध करते हैं, इसलिए आज हम प्रदर्शन कर रहे हैं.
विद्युत कर्मचारी संघ ने जताई आपत्ति
संयुक्त कर्मचारी विद्युत संघर्ष समिति व राज्य विद्युत परिषद ने इसपर निर्णय लेते हुए आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन बिल के निजीकरण से उपभोक्ताओं और खासकर किसानों को परेशानियां होंगी. 300 यूनिट तक बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को बिल के प्रतिगामी परिणामों से अवगत कराने के लिए ये अभियान है. परिषद कर्मियों ने बताया कि बिजली संशोधन बिल 2020 पारित होने के बाद किसान और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में मिल रही सब्सिडी समाप्त हो जाएगी.
राज्य विद्युत परिषद सचिव प्रवीण शाक्य ने दी जानकारी
राज्य विद्युत परिषद के सचिव प्रवीण शाक्य ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं, कि बिजली उद्योग को निजी हाथों में देने के निर्णय को वापस लिया जाए. मौजूदा व्यवस्था में संसाधन उपलब्ध कराया जाए, इससे जनता में और बेहतर आपूर्ति की जा सकेगी. इसी क्रम में चीफ इंजीनियर अलीगढ़ के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हमने ज्ञापन भेजा है.
बिजली संशोधन बिल पारित होने से होगा केंद्र का दखल
उन्होंने बताया कि अगर बिजली संशोधन बिल पारित हो जाता है, तो बिजली के मामले में राज्यों के अधिकार का हनन होगा. टैरिफ तय करने से लेकर बिजली की शेड्यूलिंग तक में केंद्र का दखल होगा. इस बिल में बिजली वितरण का निजीकरण करने हेतु डिस्ट्रीब्यूशन, सब लाइसेंसी और फ्रेंचाइजी के जरिए निजी क्षेत्र को विद्युत वितरण सौंपने की बात शामिल है.