अलीगढ़: मंडल के कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने मण्डल में 'स्वामित्व योजना' से ग्रामीणों को अवगत कराते हुए कहा है कि इस योजना के तहत सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर एक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी. इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म हो जाएंगे. इस मैपिंग में राज्यों के पंचायती राज्य, राजस्व विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग शामिल होंगे.
मैपिंग के आधार पर डिजिटल नक्शा बनाया जाएगा. इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इससे शहरों की तरह गांवों में भी लोग बैंकों से लोन ले सकेंगे. गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आबादी क्षेत्र के समुचित भू-अभिलेख तैयार करने के लिये भारत सरकार ने बीते 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर 'स्वामित्व' योजना का शुभारंभ किया. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस योजना की देखरेख एवं समीक्षा के लिये जनपद स्तर पर समिति बनाई गई है. इसके ‘स्वामित्व योजना’ के तहत ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण एवं भू-अभिलेख तैयार करने की कार्रवाई प्रभावी ढंग से होगी.
31 मार्च 2021 तक योजना होगी पूर्ण
अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने ‘स्वामित्व योजना’ के उद्देश्यों की जानकारी दी. योजना के तहत ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त दिलाने के लिये उनकी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए, उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान की जाएगी. ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेख तैयार कर संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को कम किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत 30 अगस्त 2020 तक सर्वेक्षण कार्य पूरा करते हुए 25 दिसम्बर 2020 तक ग्रामीणों को 'संपत्ति अधिकार प्रलेख' वितरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. 31 मार्च 2021 तक इस योजना को पूर्ण कर लिया जाएगा. उन्होंने अलीगढ़ मण्डल में ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से अपील की है कि वह ‘स्वामित्व योजना’ के तहत गठित अपने जनपद से संबंधित जिला स्तरीय समिति से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.