अलीगढ़: तीन साल पहले अलीगढ़ में 200 रुपये की उधारी मांगने पर हत्या (Man get life term for murder over Rs 200 in Aligarh) कर दी गयी थी. मंगलवार को इस मामले में आरोपी को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई. यह वारदात गंगीरी इलाके में 3 वर्ष पहले हुई थी. यह फैसला एडीजे प्रथम संजीव कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनाया.
दो सौ रुपये उधार मांगने पर हत्या: गंगीरी के खालसा मोहल्ले में 3 वर्ष पहले 200 रुपये उधारी मांगने पर युवक की चाकू से गोद कर हत्या के दोषी को सजा सुनाई गई है. खास बात यह है कि इस मामले में कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था. कोर्ट ने मौत से पहले दिये गये बयान को आधार मानकर दोषी करार दिया और मामले में सजा सुनाई है. साथ में 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
चश्मदीद गवाह नहीं मिला: अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी जेपी राजपूत के अनुसार घटना 8 मई 2020 की देर रात्रि की है. वादी मुकदमा महेश चंद के अनुसार उसके घर के ठीक सामने उसकी मौसी का बेटा टीटू अपने मकान में रहता था. घटना वाली रात उसकी ओर से बचाओ - बचाओ की आवाज आई. जब वे मौके पर पहुंचे, तो पाया की टीटू के शरीर पर चाकू के कई प्रहार थे और वह खून से लथपथ था.
टीटू जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती था: टीटू को जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. वहां पूछताछ में उसने बताया कि मोहल्ले के ही जगदीश ने दो सौ की उधारी मांगने पर उसे चाकू से प्रहार कर जख्मी किया था. यही, बयान उसने विवेचक को भी दिया. बाद में टीटू की मौत हो गई. वहीं, पुलिस ने हत्या की धाराओं में चार्जसीट दायर की. इस घटना में नौ गवाह पेश किए गये, लेकिन कोई भी चश्मदीद साक्षी नहीं था.
मृतक के मृत्यु पूर्व बयान पर सुनाई सजा: बचाव पक्ष की ओर से इसी बात को आधार बनाकर मुकदमे को झूठा बताने का प्रयास किया गया. लेकिन अभियोजन अधिवक्ता ने विवेचक को दिए गए बयान को मृत्यु पूर्व बयान मानने की दलील दी. इसे अदालत ने माना और इसी बयान को मृत्यु पूर्व बयान मानकर जगदीश को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. (Crime News UP)