अलीगढ़: विश्वास कहें या अंधविश्वास... आधुनिक युग में भी मेडिकल से मृत घोषित किये गए बच्चे को जिंदा करने के लिए लिए तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक करने का मामला सामने जिले में आया है. इगलास तहसील के एक गांव में के बच्चे को सांप काटने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद भी 3 जिलों के बायगीरों द्वारा बच्चे को बचाने की कोशिश की गई. जिसे लेकर गांव में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हो गए.
इगलास तहसील क्षेत्र के गांव कारस निवासी चंद्रपाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बुधवार की दोपहर उनका 6 वर्षीय भतीजा गेंद खेल रहा था. इसी दौरान गेंद घर में लगे कूलर के नीचे चली गई. कूलर के नीचे से गेंद उठाते समय उसे एक सांप ने काट लिया. सांप काटने की सूचना पर आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इगलस में भर्ती कराया गया. जहां हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे जैन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. वहां चिकित्सकों द्वारा मना करने के बाद उसे गांव लेकर आ गए. जहां गांव के बाहर बायगीरों द्वारा बच्चे को बचाने के लिए 24 घंटे प्रयास किया गया. लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. इस दौरान वहां क्षेत्र के हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई.
बायगीर रंजीत लवानिया ने बताया कि एक बच्चे को सर्प ने काट लिया था. अस्पताल से चिकित्सकों द्वारा बच्चे को घर भेज दिया था. बच्चे के परिजनों द्वारा उनके पास आकर दिखाया. काफी झाड़ फूंक के बाद भी बच्चे को नहीं बचाया जा सका. बायगीर ने बताया कि सांप काटने वाले व्यक्ति के सिर पर तुरंत मिट्टी रख देनी चाहिए या मुट्ठी में मिट्टी भरकर बंद कर देनी चाहिए. उसके बाद जहां सर्प ने काटा है, उसे किसी बायगीर को दिखाना चाहिए. इसके अलावा सांप काटने वाली जगह पर पट्टी बांधकर किसी चिकित्सक को दिखाना चाहिए. इससे जहर शरीर में नहीं फैलेगा और उसकी जान बच जाएगी.
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