अलीगढ़: जिले में एक रिटेल शॉप को कैरी बैग का पैसा लेना महंगा पड़ गया. जिला उपभोक्ता फोरम ने मामले में शिकायत के बाद रिटेल शॉप पर जुर्माना लगाया है. अब रिटेल शॉप को कैरी बैग के 3 रुपये चार्ज करने के बदले 1.25 लाख रुपए उपभोक्ता को देने होंगे. इसके पहले भी कई नामचीन कंपनियों के साथ ऐसा विवाद हो चुका है. उन्हें उपभोक्ता को भारी जुर्माना चुकाना पड़ा था.
दरअसल, अकराबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले शमीम अहमद 22 जनवरी 2019 किशनपुर तिराहा स्थित विशाल मेगा मार्ट पर कपड़ा खरीदने गए. वहां उन्होंने 510 रुपए की दो टी-शर्ट खरीदी थीं. रिटेल शॉप ने बिल में कैरी बैग के तीन रुपये जोड़ दिए. शमीम अहमद के अनुसार, उन्हें कैरी बैग की जरूरत नहीं थी. उन्होंने बैग के रुपए वापस करने को कहा. लेकिन, विशाल मेगा स्टोर की तरफ से मना कर दिया गया. इसे लेकर विवाद भी हुआ. लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद शमीम ने जिला उपभोक्ता विवाद आयोग में विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधक के खिलाफ वाद दायर किया था. आयोग के अध्यक्ष और न्यायाधीश हसनैन कुरैशी और सदस्य आलोक उपाध्याय की पीठ ने इसकी सुनवाई की.
पेशकार विजेंद्र सिंह और डीएमई राजीव वार्ष्णेय की ओर से कहा गया कि रिटेल शॉप ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने इसमें कोई गलती नहीं की है. करीब 4 साल से अधिक समय के बाद मंगलवार को आयोग ने वादी शमीम अहमद के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए विशाल मेगा मार्ट पर 1.25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. इसमें 25 हजार रुपए शमीम अहमद को मानसिक उत्पीड़न और वाद व्यय के लिए देने के लिए कहा गया. इसके साथ ही एक लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया गया. क्योंकि, वादी शमीम अहमद ने अपनी दलील में सभी उपभोक्ता के साथ कैरी बैग के पैसे चार्ज करने की बात कही थी.
जिला उपभोक्ता विवाद आयोग में पेशकार विजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर कैरी बैग पर कंपनी का नाम लिखा है, तो उसके रुपए नहीं लिए जा सकते. इसको लेकर आयोग ने वादी के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए रिटेल चेन स्टोर विशाल मेगा मार्ट पर 25 हजार रुपए वाद बतौर व्यय और मानसिक उत्पीड़न के लिए देने को कहा है. वहीं, उपभोक्ताओं का शोषण करने को लेकर एक लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया गया है.
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