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'राम मंदिर से पहले अयोध्या में बने महर्षि वाल्मीकि का भव्य मंदिर' - महाराष्ट्र

अलीगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव श्यौराज जीवन ने अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि मंदिर बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि भगवान राम के जीवन में महर्षि वाल्मीकि का बड़ा योगदान है. उन्होंने ही सीता माता का गर्भावस्था में पालन पोषण किया. लवकुश को योग्य बनाया.

श्यौराज जीवन, राष्ट्रीय सचिव, कांग्रेस.
श्यौराज जीवन, राष्ट्रीय सचिव, कांग्रेस.
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Published : Dec 31, 2020, 3:48 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 6:44 AM IST

अलीगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, महाराष्ट्र के पूर्व प्रभारी और राष्ट्रीय सफाई आयोग के पूर्व सदस्य श्यौराज जीवन ने अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि का मंदिर बनाने की मांग की है. अलीगढ़ के नुमाइश मैदान के करीब धर्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने यह बात कही.

कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का जो फैसला सुनाया है. उसमें महर्षि वाल्मीकि की रामायण में अयोध्या का चार बार जिक्र हुआ, यह इतिहास है. श्यौराज जीवन ने कहा कि पूरे देश का वाल्मीकि एकजुट हो रहा है. जिस दिन वाल्मीकि समाज अंगड़ाई लेगा. उस दिन अयोध्या में भगवान महर्षि वाल्मीकि का भव्य मंदिर बनाना पड़ जाएगा.

उन्होंने कहा कि कुछ जातिवादी लोग हैं, जो महर्षि बाल्मीकि का मंदिर नहीं बनाना चाहते. जब श्रीराम का मंदिर हो सकता है तो महर्षि बाल्मीकि का भी मंदिर बन सकता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि श्रीराम अयोध्या के छोटे से राजा थे, जिन्हें महर्षि वाल्मीकि ने भगवान का दर्जा दिया. श्यौराज जीवन ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने से पहले महर्षि वाल्मीकि का भव्य मंदिर बने.

महर्षि वाल्मीकि ने किया लव-कुश का पालन

उन्होंने बताया कि सीता माता जब गर्भावस्था में थी, तब भगवान श्रीराम ने राज्य से निकाल दिया था. उस दौरान उनकी देखभाल करने वाले महर्षि वाल्मीकि ही थे. उन्होंने ही लव-कुश का पालन किया. राजा राम ब्राह्मण और वैश्य नहीं थे. वह क्षत्रिय समाज की आन-बान-शान थे. महर्षि वाल्मीकि ने ही श्रीराम को भगवान का दर्जा दिया. श्यौराज जीवन ने कहा कि क्षत्रिय समाज के वंशज को बचाने वाले महर्षि वाल्मिकी ही थे. महर्षि बाल्मीकि ने रामायण में श्रीराम को भगवान का दर्जा नहीं दिया होता, तो उन्हें कोई भगवान के रुप में नहीं जानता.

रामलीला से पहले हो महर्षि वाल्मीकि की पूजा

कांग्रेसी नेता शयौराज जीवन ने कहा कि भगवानों के भगवान महर्षि वाल्मीकि का अयोध्या में मंदिर बनना चाहिए, लेकिन सरकार की ऐसी भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि रामलीला हमेशा होती है और रामलीला से पहले महर्षि वाल्मीकि की पूजा होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है. जो समाज के ठेकेदार हैं, वह ऐसा होने नहीं देते हैं.

अलीगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, महाराष्ट्र के पूर्व प्रभारी और राष्ट्रीय सफाई आयोग के पूर्व सदस्य श्यौराज जीवन ने अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि का मंदिर बनाने की मांग की है. अलीगढ़ के नुमाइश मैदान के करीब धर्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने यह बात कही.

कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का जो फैसला सुनाया है. उसमें महर्षि वाल्मीकि की रामायण में अयोध्या का चार बार जिक्र हुआ, यह इतिहास है. श्यौराज जीवन ने कहा कि पूरे देश का वाल्मीकि एकजुट हो रहा है. जिस दिन वाल्मीकि समाज अंगड़ाई लेगा. उस दिन अयोध्या में भगवान महर्षि वाल्मीकि का भव्य मंदिर बनाना पड़ जाएगा.

उन्होंने कहा कि कुछ जातिवादी लोग हैं, जो महर्षि बाल्मीकि का मंदिर नहीं बनाना चाहते. जब श्रीराम का मंदिर हो सकता है तो महर्षि बाल्मीकि का भी मंदिर बन सकता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि श्रीराम अयोध्या के छोटे से राजा थे, जिन्हें महर्षि वाल्मीकि ने भगवान का दर्जा दिया. श्यौराज जीवन ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने से पहले महर्षि वाल्मीकि का भव्य मंदिर बने.

महर्षि वाल्मीकि ने किया लव-कुश का पालन

उन्होंने बताया कि सीता माता जब गर्भावस्था में थी, तब भगवान श्रीराम ने राज्य से निकाल दिया था. उस दौरान उनकी देखभाल करने वाले महर्षि वाल्मीकि ही थे. उन्होंने ही लव-कुश का पालन किया. राजा राम ब्राह्मण और वैश्य नहीं थे. वह क्षत्रिय समाज की आन-बान-शान थे. महर्षि वाल्मीकि ने ही श्रीराम को भगवान का दर्जा दिया. श्यौराज जीवन ने कहा कि क्षत्रिय समाज के वंशज को बचाने वाले महर्षि वाल्मिकी ही थे. महर्षि बाल्मीकि ने रामायण में श्रीराम को भगवान का दर्जा नहीं दिया होता, तो उन्हें कोई भगवान के रुप में नहीं जानता.

रामलीला से पहले हो महर्षि वाल्मीकि की पूजा

कांग्रेसी नेता शयौराज जीवन ने कहा कि भगवानों के भगवान महर्षि वाल्मीकि का अयोध्या में मंदिर बनना चाहिए, लेकिन सरकार की ऐसी भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि रामलीला हमेशा होती है और रामलीला से पहले महर्षि वाल्मीकि की पूजा होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है. जो समाज के ठेकेदार हैं, वह ऐसा होने नहीं देते हैं.

Last Updated : Dec 31, 2020, 6:44 AM IST
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