अलीगढ़: शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने प्रशासन की टीम बुलडोजर (Bulldozer reached to demolish mosque in Aligarh) के साथ पहुंची. इस बीच सूचना पर पूर्व सपा विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान भी पहुंच गए. उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत कर समझौता कराया. समझौते की राशि दस लाख रुपए तय हुई. इस पर एसडीएम कोल संजीव ओझा ने बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी.
जानकारी के मुताबिक मामला 2007 का है जब शाहपुर कुतुब इलाके में शंकरलाल ने गाटा संख्या 3082 को दीपक नाम के व्यक्ति को बेच दिया था. फिर उसी जमीन का बैनामा 2010 में अफजाल नाम के व्यक्ति को कर दिया. हालांकि जब जमीन पर दीपक कब्जा करने आए तो विवाद हो गया और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर सोमवार को एसडीएम कोल, तहसीलदार जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंचे. इस जमीन के कुछ हिस्से पर मस्जिद भी बनी है.
जब इसकी जानकारी सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान को हुई तो वह मौके पर पहुंच गए. उन्होंने दोनों पक्षों में समझौता कराया. कहा कि जो भी व्यक्ति जमीन का सही मालिक है वह पैसे ले ले और मस्जिद को न तोड़ा जाए. इस पर दोनों पक्ष राजी हुए. तय हुआ कि दस लाख रुपए का भुगतान जमीन के सही मालिक को किया जाएगा. मौके पर ही चेक भी दे दी गई. समझौता होने पर एसडीएम ने बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी.
वहीं, इस मामले में बताया जा रहा है कि मुकेश नाम के व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है. वह फर्जी बैनामा कराने का काम करता है. मौके पर पहुंचे अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर निर्माण तोड़ा जा रहा है. सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने बताया कि ऐसा कोई आदेश दिखाया नहीं गया.
वहीं, एसडीएम कोल संजीव ओझा ने बताया कि मस्जिद को लेकर कोई मामला नहीं है. गाटा संख्या 3082 पर भू माफियाओं द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया था. इसे हटवाया गया है. उसी के एक हिस्से पर मस्जिद बनाई गई है. दोनों पक्षों में समझौता हो गया है. मस्जिद गलत बैनामे के आधार पर बनी थी. इसे लेकर एफआईआर की गई है. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
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