अलीगढ़: भाजपा नेता ने एएमयू प्रवेश परीक्षा में उर्दू अनिवार्य होने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है. भाजपा नेता ने मांग की है कि प्रवेश परीक्षा से उर्दू की अनिवार्यता को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि गैर इस्लामिक छात्र से कुरान और हदीस से संबंधित प्रश्नों को पूछा जाता है, जबकि एएमयू में प्रवेश के लिए सभी धर्मों के लोग फॉर्म भरते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छठी, नौवीं और 11वीं की प्रवेश परीक्षा में इस्लामिक कल्चर से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं. भाजपा के पूर्व जिला संयोजक डॉ. निशित शर्मा ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि एएमयू में प्रवेश परीक्षा के लिए आयोजित एंट्रेंस पेपर में इस्लामिक कल्चर अनिवार्य विषय है. इससे ऐसा लगता है कि इस्लाम के अवैध प्रचार-प्रसार को छात्रों पर अधिरोपित किया जा रहा है. साइंस स्ट्रीम में प्रवेश के लिए 10 अंक इस्लामिक स्टडीज संबंधी प्रश्न अनिवार्य है. वही कॉमर्स और ह्यूमेनटीज में भी सीरत-ए-रसूल, कुरान और हदीस के साथ ही मुसलमानों का भारत में इतिहास, औरंगजेब और टीपू सुल्तान से संबंधित विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं.
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डॉक्टर निशित शर्मा ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हर धर्म का छात्र प्रवेश के लिए आवेदन करता है और इस प्रकार का इस्लामिक पाठ्यक्रम अनिवार्य करना भारतीय संविधान और कानून प्रक्रिया के विरुद्ध है. डॉ. निशित शर्मा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मांग की है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 11वीं कक्षा के प्रवेश परीक्षा से इस्लामिक पाठ्यक्रम को हटाया जाए. डॉक्टर निशित शर्मा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीडीएस कर चुके हैं. इस्लामिक कल्चर हटाए जाने को लेकर उन्होंने सांसद सतीश गौतम और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तारिक मंसूर से भी किया है.
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डॉ. निशित शर्मा ने बताया कि किसी भी संप्रदाय के छात्र को एएमयू में एडमिशन लेना है तो उसे इस्लामिक कल्चर का विषय अनिवार्य रूप से पढ़ना है, क्योंकि प्रवेश परीक्षा में इससे संबंधित प्रश्नों का उत्तर उसे देना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ऑफिशियल वेबसाइट पर प्रवेश परीक्षा के लिए जो प्रोस्पेक्टस दिया है, उसमें साइंस स्ट्रीम के लिए भी 10 प्रश्न इस्लामिक कल्चर से पूछे जाने की बात लिखी है. आर्ट और कॉमर्स की एंट्रेंस परीक्षा में भी कुरान हदीस की पढ़ाई के साथ औरंगजेब और टीपू सुल्तान को महिमामंडित करते हुए सवाल पूछे जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस्लाम से संबंधित शिक्षा उसे पढ़ना अनिवार्य है, जिससे लगता है कि इस्लाम का प्रचार किया जा रहा है और छात्रों पर इस्लाम थोपा जा रहा है. इससे हिंदू या अन्य धर्म के छात्रों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इसलिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर इस्लामिक कल्चर विषय को प्रवेश परीक्षा से हटाने की मांग की है.