अलीगढ़ : जिले के एक दंपत्ति रामलला को भेंट करने के लिए 400 किलो का ताला तैयार कर रहे थे. उनकी इच्छा थी कि राम मंदिर बन जाने पर वे इसे अयोध्या लेकर जाएंगे. इस बीच पति की मौत हो गई. अब पत्नी ने पति की इच्छा के अनुरूप इस ताले को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर को सौंप दिया. ताले का बाकी बचा काम पूराकर इसे अयोध्या भिजवाने की अपील की है.
जिले के सुरेंद्र नगर निवासी सत्य प्रकाश शर्मा पूरे मनोयोग से रामलला के लिए 400 किलो का विशालकाय ताला तैयार कर रहे थे. उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी भी इसमें सहयोग कर रहीं थीं. सत्य प्रकाश शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुके थे. उनके खास हुनर की पीएम और सीएम ने तारीफ की थी. वह 22 जनवरी से पहले अयोध्या राम मंदिर को इस विशालकाय ताले को सौंपना चाहते थे. ताले के निर्माण में करीब दो लाख रुपये खर्च हो चुके थे. ताले पर भगवान राम की तस्वीर भी उकेरी जा चुकी थी. रामभक्त भी इस खास ताले को लेकर काफी उत्साहित थे. इस बीच 11 दिसंबर 2023 को दिल का दौरा पड़ने से सत्य प्रकाश शर्मा का निधन हो गया. इससे उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई.
पति की इच्छा को पूरा करने के लिए रुक्मिणी देवी ने सोमवार को इस ताले को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर एवं हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. अन्नपूर्णा भारतीपुरी को सौंप दिया. कहा कि पति की मौत के बाद अब वह इस ताले का बाकी बचा काम पूरा कराने में असमर्थ हैं. लिहाजा इसे लेकर जाएं, इसका निर्माण पूरा कराकर इसे अयोध्या पहुंचा कर पति की इच्छा पूरी करें. महामंडलेश्वर ने उन्हें बाकी बचा काम पूरा कर अयोध्या पहुंचाने का भरोसा दिया. कहा वह स्वयं 22 तारीख को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जा रहीं हैं. ताले का काफी काम अभी बाकी है. कारीगर लगा दिए गए हैं. वे दिन-रात काम करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा से पहले इसे पूरा कराकर हर हाल में अयोध्या पहुंचा दिया जाएगा. वे खुद ताले को साथ लेकर जाएंगी.
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