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RSS और भाजपा की नजदीकियों से AMU कुलपति तारिक मंसूर अब बनेंगे MLC

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Published : Apr 2, 2023, 11:54 AM IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंजूर भाजपा कोटे से एमएलसी हो सकते हैं. इनका नाम राज्यपाल के पास भेजा गया है.

कुलपति तारिक मंसूर
कुलपति तारिक मंसूर

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति भाजपा के कोटे से एमएलसी बनेंगे. मुख्यमंत्री की सहमति से यूपी सरकार द्वारा राज्यपाल के पास भेजे गए नाम में एक नाम कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर का है. जो इस समय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. हालांकि, इनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है. एमएलसी के लिए भेजा गया यह नाम काफी चौंकाने वाला भी है. एएमयू कुलपति को एमएलसी बनाकर भाजपा एक दूरगामी मैसेज देना चाहती है.

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को यहां तक पहुंचने में आरएसएस से नजदीकिय काम आई हैं. पिछले दिनों भी मोहन भागवत के कार्यक्रम में कुलपति पहुंचे थे. इस दौरान आरएसएस नेताओं से करीबी संबंधों के बारे में लोगों को पता चला. हालांकि, कुलपति बनने के बाद 5 साल का कार्यकाल आसान नहीं था. इस दौरान छात्रों के कई आंदोलन को सख्ती से दबाया. खासतौर से इनके कार्यकाल में सीएए-एनआरसी का आंदोलन कैंपस में भड़का था. जिसे कुलपति ने छात्रों के साथ बातचीत कर लंबे समय तक चले धरने को हटवाया था.

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज से 1978 में एमबीबीएस किया. उसके बाद 1982 में एमएस भी यहीं से किया. इतना ही नहीं इसके बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल रजिस्ट्रार के रूप में एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाया. 1983 से 1985 तक जेएन मेडिकल कॉलेज के सीएमओ बने. सऊदी अरब में भी जाकर काम किया. इसके बाद 2002 से 2013 तक प्रोफेसर रहे. वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमएस के पद पर रहे. गेम्स कमेटी के भी अध्यक्ष काफी समय तक रहे. इसके बाद 2017 से अब तक एएमयू के कुलपति हैं. प्रोफेसर तारिक मंसूर कुलपति के साथ ही एएमयू के छात्र भी रहे, जिससे इनको यहां हर एक चीज की गहरी जानकारी है. कहा यह भी जा रहा है कि कुलपति प्रोफेसर तारीख मंसूर दूसरा कार्यकाल भी पाना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा ने उनके एमएलसी बनाने पर मोहर लगाई है.

कुलपति डॉ. तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ था. इससे पहले केवल लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के तौर पर एएमयू में भाषण दिया था. छात्रों के विरोध के बीच एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 2020 में कराया गया था. इसके साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुलपति तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही एएमयू पहुंचे. इससे पहले भाजपा का कोई मुख्यमंत्री एएमयू नहीं आया था. हालांकि, 1988 में कांग्रेस के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी एएमयू आए थे.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कई हस्तियां राजनीति में निकली है. इसमें एक बड़ा नाम आरिफ मोहम्मद खान का है. इसके साथ ही एमए फातमी केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बने थे. वहीं, सरवर हुसैन बुलंदशहर से सांसद बने थे. एएमयू के छात्रसंघ अध्यक्ष नफीस अहमद बलरामपुर से विधायक हैं. इसके साथ ही बड़ा नाम आजम खान का है. जो एएमयू में छात्रसंघ सचिव रहे. इसके साथ ही डॉ जाकिर हुसैन राष्ट्रपति पद तक पहुंचे. वहीं, हामिद अंसारी भी यहीं से निकलकर उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे.

यह भी पढ़ें: पर्यटन मंत्री ने अखिलेश यादव को दी सलाह, बोले- चुनाव जीतना है तो जमीन पर उतरकर करें काम

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति भाजपा के कोटे से एमएलसी बनेंगे. मुख्यमंत्री की सहमति से यूपी सरकार द्वारा राज्यपाल के पास भेजे गए नाम में एक नाम कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर का है. जो इस समय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. हालांकि, इनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है. एमएलसी के लिए भेजा गया यह नाम काफी चौंकाने वाला भी है. एएमयू कुलपति को एमएलसी बनाकर भाजपा एक दूरगामी मैसेज देना चाहती है.

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को यहां तक पहुंचने में आरएसएस से नजदीकिय काम आई हैं. पिछले दिनों भी मोहन भागवत के कार्यक्रम में कुलपति पहुंचे थे. इस दौरान आरएसएस नेताओं से करीबी संबंधों के बारे में लोगों को पता चला. हालांकि, कुलपति बनने के बाद 5 साल का कार्यकाल आसान नहीं था. इस दौरान छात्रों के कई आंदोलन को सख्ती से दबाया. खासतौर से इनके कार्यकाल में सीएए-एनआरसी का आंदोलन कैंपस में भड़का था. जिसे कुलपति ने छात्रों के साथ बातचीत कर लंबे समय तक चले धरने को हटवाया था.

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज से 1978 में एमबीबीएस किया. उसके बाद 1982 में एमएस भी यहीं से किया. इतना ही नहीं इसके बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल रजिस्ट्रार के रूप में एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाया. 1983 से 1985 तक जेएन मेडिकल कॉलेज के सीएमओ बने. सऊदी अरब में भी जाकर काम किया. इसके बाद 2002 से 2013 तक प्रोफेसर रहे. वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमएस के पद पर रहे. गेम्स कमेटी के भी अध्यक्ष काफी समय तक रहे. इसके बाद 2017 से अब तक एएमयू के कुलपति हैं. प्रोफेसर तारिक मंसूर कुलपति के साथ ही एएमयू के छात्र भी रहे, जिससे इनको यहां हर एक चीज की गहरी जानकारी है. कहा यह भी जा रहा है कि कुलपति प्रोफेसर तारीख मंसूर दूसरा कार्यकाल भी पाना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा ने उनके एमएलसी बनाने पर मोहर लगाई है.

कुलपति डॉ. तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ था. इससे पहले केवल लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के तौर पर एएमयू में भाषण दिया था. छात्रों के विरोध के बीच एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 2020 में कराया गया था. इसके साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुलपति तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही एएमयू पहुंचे. इससे पहले भाजपा का कोई मुख्यमंत्री एएमयू नहीं आया था. हालांकि, 1988 में कांग्रेस के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी एएमयू आए थे.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कई हस्तियां राजनीति में निकली है. इसमें एक बड़ा नाम आरिफ मोहम्मद खान का है. इसके साथ ही एमए फातमी केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बने थे. वहीं, सरवर हुसैन बुलंदशहर से सांसद बने थे. एएमयू के छात्रसंघ अध्यक्ष नफीस अहमद बलरामपुर से विधायक हैं. इसके साथ ही बड़ा नाम आजम खान का है. जो एएमयू में छात्रसंघ सचिव रहे. इसके साथ ही डॉ जाकिर हुसैन राष्ट्रपति पद तक पहुंचे. वहीं, हामिद अंसारी भी यहीं से निकलकर उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे.

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