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AMU कुलपति ने कहा, 'जेएन मेडिकल कॉलेज के संक्रमित होने की खबर निराधार'

अलीगढ़ जेएन मेडीकल कॉलेज पर कुछ राजनीतिज्ञों द्वारा कोरोना का संक्रमण रोग फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इस बात पर AMU कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, यह निराधार हैं.

AMU कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर.
AMU कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर.
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Published : Apr 27, 2020, 7:06 PM IST

अलीगढ़: एएमयू के मेडिकल कॉलेज को कुछ राजनीतिज्ञों द्वारा कोरोना का संक्रमण रोग फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इस बात का एएमयू प्रशासन ने से खण्डन किया है. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर खुद एक डॉक्टर हैं और उन्होंने कोरोना रोग से लड़ने के लिए एक वृह्द रणनीति तैयार की है. एएमयू का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अग्रणी मेडिकल कॉलेज है.

इसमें कोरोना के अब तक लगभग चार हजार से अधिक मुफ्त टेस्ट किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलोजी विभाग के डॉक्टर 24 घंटे कार्य करके दो सौ से अधिक टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं.

विभिन्न जनपदों से कोरोना जांच के लिए आते हैं सैंपल
जेएन मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ के अलावा आगरा, मथुरा, बुलंदशहर, हाथरस, मुरादाबाद, संभल, एटा, कासगंज, रामपुर एवं अन्य जनपदों के टेस्ट सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं. ट्रामा सेंटर में कार्यरत डॉक्टर एवं स्वास्थयकर्मियों को पीपीई किट प्रदान किये गये हैं. कुलपति ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के संक्रमित होने की खबर निराधार एवं सत्यता से परे है. क्योंकि यहां के 80 से अधिक डॉक्टर एवं स्वास्थयकर्मियों के टेस्ट कराये गये हैं, सभी नेगेटिव मिले हुए हैं. इसके अतिरिक्त पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में भर्ती 5 मरीजों की जांच की गयी, वह सब निगेटिव पाये गये.

प्राइवेट अस्पताल से आए थे रोगी
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि संक्रमण के जितने भी रोगी गंभीर अवस्था में आये थे. उनका तुरन्त उपचार कराना जरूरी था. जांच के बाद ही कोरोना होने या न होने का पता चलता है. रिपोर्ट आते ही तुरंत जिला प्रशासन को सूचित कर दिया जाता है. इसके अतिरिक्त कोरोना का जो भी रोगी मेडिकल कॉलेज में आया, उसका पहले इलाज शहर के किसी प्राइवेट अस्पताल में हुआ था. किस प्राइवेट अस्पताल से कोरोना फैल रहा है. यह जांच का विषय है.

एल-2 कोविड-19 अस्पताल का दिया गया है दर्जा
कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए एएमयू प्रशासन कटिबद्ध है. एएमयू के एनेस्थीसिया विभाग और डॉ. जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज विभाग के दो शिक्षकों ने एक प्रोटेक्शन बॉक्स विकसित किया है, जिसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण का इलाज करने वाले डाक्टरों को सुरक्षित करना है. मेडिकल कॉलेज के हृदय रोगी हैल्प लाइन नम्बर 7599-050-505 एवं प्रसूति रोग के गंभीर मरीजों के लिए दो हेल्प लाइन नम्बर 9719-287-391 एंव 9887-430-520 जारी किये गये हैं. मेडिकल कॉलेज को एल-2 कोविड-19 अस्पताल का दर्जा भी दिया गया है.

अलीगढ़: एएमयू के मेडिकल कॉलेज को कुछ राजनीतिज्ञों द्वारा कोरोना का संक्रमण रोग फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इस बात का एएमयू प्रशासन ने से खण्डन किया है. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर खुद एक डॉक्टर हैं और उन्होंने कोरोना रोग से लड़ने के लिए एक वृह्द रणनीति तैयार की है. एएमयू का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अग्रणी मेडिकल कॉलेज है.

इसमें कोरोना के अब तक लगभग चार हजार से अधिक मुफ्त टेस्ट किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलोजी विभाग के डॉक्टर 24 घंटे कार्य करके दो सौ से अधिक टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं.

विभिन्न जनपदों से कोरोना जांच के लिए आते हैं सैंपल
जेएन मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ के अलावा आगरा, मथुरा, बुलंदशहर, हाथरस, मुरादाबाद, संभल, एटा, कासगंज, रामपुर एवं अन्य जनपदों के टेस्ट सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं. ट्रामा सेंटर में कार्यरत डॉक्टर एवं स्वास्थयकर्मियों को पीपीई किट प्रदान किये गये हैं. कुलपति ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के संक्रमित होने की खबर निराधार एवं सत्यता से परे है. क्योंकि यहां के 80 से अधिक डॉक्टर एवं स्वास्थयकर्मियों के टेस्ट कराये गये हैं, सभी नेगेटिव मिले हुए हैं. इसके अतिरिक्त पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में भर्ती 5 मरीजों की जांच की गयी, वह सब निगेटिव पाये गये.

प्राइवेट अस्पताल से आए थे रोगी
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि संक्रमण के जितने भी रोगी गंभीर अवस्था में आये थे. उनका तुरन्त उपचार कराना जरूरी था. जांच के बाद ही कोरोना होने या न होने का पता चलता है. रिपोर्ट आते ही तुरंत जिला प्रशासन को सूचित कर दिया जाता है. इसके अतिरिक्त कोरोना का जो भी रोगी मेडिकल कॉलेज में आया, उसका पहले इलाज शहर के किसी प्राइवेट अस्पताल में हुआ था. किस प्राइवेट अस्पताल से कोरोना फैल रहा है. यह जांच का विषय है.

एल-2 कोविड-19 अस्पताल का दिया गया है दर्जा
कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए एएमयू प्रशासन कटिबद्ध है. एएमयू के एनेस्थीसिया विभाग और डॉ. जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज विभाग के दो शिक्षकों ने एक प्रोटेक्शन बॉक्स विकसित किया है, जिसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण का इलाज करने वाले डाक्टरों को सुरक्षित करना है. मेडिकल कॉलेज के हृदय रोगी हैल्प लाइन नम्बर 7599-050-505 एवं प्रसूति रोग के गंभीर मरीजों के लिए दो हेल्प लाइन नम्बर 9719-287-391 एंव 9887-430-520 जारी किये गये हैं. मेडिकल कॉलेज को एल-2 कोविड-19 अस्पताल का दर्जा भी दिया गया है.

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