अलीगढ़ः एएमयू में पिछले साल 15 दिसंबर को हुई हिंसक घटना को लेकर छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल कर काला दिवस मनाया है. इस दौरान छात्रों ने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की. कार्यक्रम का आयोजन एएमयू स्टूडेंट कोर्डिनेशन कमेटी ने किया था.
CAA और NRC के विरोध में हिंसक प्रदर्शन
15 दिसंबर 2019 को CAA और NRC का विरोध हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. जिसमें उपद्रव होने पर पुलिस ने छात्रों की पिटाई की थी. उसके बाद इस घटना में 26 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिन्हें छोड़ने के लिए अलीगढ़ शहर में प्रदर्शन किया गया था. इंटरनेट सेवाएं कई दिनों तक बंद रखी गई थी. इतना ही नहीं स्कूल और कॉलेज को भी बंद कर दिया गया था.
![15 दिसम्बर की घटना पर निकाला कैंडल मार्च](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-ali-04-amu-student-candle-march-vis-byte-7203577_15122020212119_1512f_03585_249.jpg)
AMU छात्र आवाज नहीं उठा सकते
एएमयू के छात्र नेताओं ने कहा कि हम अपनी आवाज नहीं उठा सकते. एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि जिस सीएए, एनआरसी को सरकार लागू करना चाहती थी. पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से हिंदू अल्पसंख्यकों को लाने की बात कही थी. 52 लोगों को पाकिस्तान से बुलाया गया था. लेकिन न ही भारत देश में सरकार घर दे पाई और न ही सिटीजनशिप दे पाई. उन्हें कैंप में रखा गया. उसके बाद 52 लोगों को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया.
15 दिसम्बर की घटना का जिम्मेदार कौन ?
पूर्व छात्र जिया अहमद ने कहा कि सरकार के मुखालफत का काम एएमयू से किया गया. जो आज किसानों के आंदोलन के रूप में दिख रहा है. उन्होंने कहा कि जुल्म होते रहे हैं और होते रहेंगे. लेकिन फैसला यह करना है कि हक लेने के लिए अंगारों पर चलना है और हौसला रखिए नया दौर आएगा. छात्रनेता आमिर मिंटोई ने बताया कि पिछले साल 15 दिसंबर की घटना को याद किया जा रहा है. घटना में कई छात्र घायल हुए थे. उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर की घटना का जिम्मेदार कौन है. यह सवाल पूछा गया है. आमिर मिंटोई ने कहा कि छात्रों पर आंसू गैस और गोलियां चलाने वाला जिला प्रशासन था. लेकिन उससे बड़ा जिम्मेदार एएमयू इंतजामियां है. जिसने पुलिस फोर्स को कैंपस में आने की इजाजत दी थी. उन्होंने कहा कि छात्रों की ऐसी क्या खता थी कि फोर्स बुलाई गई.
कैडल मार्च निकाल कर सरकार विरोधी नारे लगाये
एएमयू छात्रों की सभा के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम को दिया गया. प्रॉक्टर ने बताया कि दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. छात्रों और एएमयू प्रशासन के बीच संवाद कायम रहेगा. कोशिश यही रहेगी कि छात्रों की परेशानियों को हमेशा सुना जाए और उसका हल निकालने की कोशिश की जायें. वहीं एएमयू में देर शाम छात्रों की एकता को दिखाने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया. इस दौरान छात्रों ने केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए. छात्रों ने बताया कि 15 दिसंबर की घटना में छात्रों को जो मानसिक और शारीरिक पीड़ा दी गई है. उसका शोक मना रहे हैं और उस गुस्से और गम को प्रदर्शित करने का यह तरीका है .