अलीगढ़: एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार विरोध जारी है. गुरुवार शाम को छात्रों ने डक प्वाइंट से लेकर बाबे सैयद गेट तक मोबाइल टॉर्च की रोशनी के साथ CAA का विरोध किया. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं आरएसएस और भाजपा सरकार से आजादी के नारे भी लगाए गए.
एएमयू के छात्रों ने सीएए के विरोध में किया प्रदर्शन
एएमयू के छात्रों का प्रोटेस्ट मार्च कैंपस के अंदर ही रहा. वहीं कैंपस के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात है. एएमयू के 1200 छात्रों के खिलाफ धारा 144 के तहत सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर छात्रों ने विरोध जताया. एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा कि छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सोमवार को कैंडल मार्च पीस का संदेश देने के लिए निकाला गया था, जो धारा 144 का उल्लंघन नहीं करती है. यह मुकदमा सिर्फ छात्रों को डराने के लिए दर्ज किया गया है. भाजपा डराने की सियासत कर रही है. कभी लव जिहाद, ट्रिपल तलाक और अब एनआरसी, सीएए के नाम पर डराया जा रहा है. एनपीआर, एनआरसी को लागू कर पब्लिक को गुमराह करने का प्रथम चरण है.
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तानाशाह के रास्ते पर चल रही सरकार
छात्र आरिफ ने बताया कि यह विरोध जुल्म के खिलाफ है. इस समय हिंदुस्तान की सरकार तानाशाही के रास्ते पर चल रही है, लेकिन वह भूल गए कि इस देश में सुप्रीम कोर्ट और संविधान भी है. वह गैर कानूनी तरीके से नागरिकता संशोधन कानून को लादना चाहते हैं, जो हमें मंजूर नहीं है.
कैंपस के अंदर नहीं लागू होती धारा 144
छात्र नेता कुंवर अखलाक अहमद ने कहा कि कैंपस के अंदर छात्रों पर धारा 144 लागू नहीं होती. जब हम कैंपस में हजारों लोग एक साथ बैठ कर पढ़ सकते हैं तो कैंपस में कहीं भी निकल सकते हैं. मुकदमा बेबुनियाद हैं. नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध कर रहे लोगों की प्रॉपर्टी सीज करना गलत है.
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