अलीगढ़ : पंख जो स्वतंत्रता का बोध कराते हैं, बिना किसी बंदिश के आसमान में उड़ते हैं. कुछ ऐसा ही संदेश एएमयू में फाइन आर्ट की स्टूडेंट आफरीन परिंदों के पंख पर कलाकारी करके दे रही हैं. वह चाहती हैं कि लड़कियां ख्वाब सजाएं और उन्हें साकार करें. जिस तरीके से परिंदे खुले आसमान में ऊंची उड़ान भरते हैं, ऐसे ही लड़कियां आगे बढ़ें.
आफरीन रामपुर की रहने वाली हैं और एएमयू में फाइन आर्ट की स्टूडेंट हैं. वह पक्षियों के पंख पर उम्दा कलाकारी करने का हुनर रखती हैं. परिंदों के पंख पर कलाकारी के लिए छोटी सी उम्र में अच्छा नाम कमाया है. उनके हाथ से बने पोट्रेट को एएमयू के मूसा डाकरी म्यूजियम और रामपुर स्थित रजा लाइब्रेरी में सजाया गया है.
आफरीन खान ने चील, कबूतर, कौआ, मोर व गौरैया आदि के पंखों पर इंदिरा गांधी, मदर टैरेसा, कल्पना चावला, किरण बेदी, मैरी कॉम के पोर्ट्रेट बनाकर प्रदर्शित कर चुकी हैं. यह सभी महिलाएं हैं, जो अपने अपने क्षेत्र में शीर्ष पर रही हैं और महिलाओं के सम्मान को बुलंदियों पर पहुंचाया है. आफरीन परिंदों के पंखों को जगह-जगह जाकर एकत्र करती हैं और अपने हुनर को पंख पर प्रदर्शित करती हैं.
आफरीन कहती है कि पंख का मतलब फ्रीडम है और पंख के सहारे चिड़िया खुले आकाश में उड़ सकती है. वह कहीं भी जा सकती है. वह स्वतंत्रता का प्रतीक है. जो आगे बढ़ना सिखाती है. आफरीन ने कहा कि मेरा काम कागजों पर या कैनवस तक ही सीमित नरहे, इसलिएमैं हर तरह का आर्ट वर्क करना चाहती हूं और पक्षियों के पंख को देखकर इससे प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि जो आशाएं है वह बुलंदियों तक उड़ान भरें.
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आफरीन खान ने ए आर रहमान, जावेद अख्तर, राज्यपाल राम नाईक, पूर्व मंत्री आजम खान से लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता तकाकी काजिता तक के पोर्ट्रेट परिंदों के पंख पर बना कर उन्हें भेंट कर चुकी हैं. आफरीन पीएम नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोर्टेट भी बना चुकी हैं, लेकिन अभी उन्हें भेंट नहीं किया है.