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अलीगढ़ के रिंकू ने दिलाई कोलकाता को जीत, कभी घरों में सिलेंडर की डिलीवरी कर पिता उठाते थे बेटे का खर्च

राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 23 गेंद में 42 रन की नाबाद पारी खेल कोलकाता नाइट राइडर्स को 7 विकेट से जीत दिलाने वाले अलीगढ़ के क्रिकेटर रिंकू सिंह को सोमवार को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया. वहीं, पिछले पांच मैच में मिली हार के बाद रिंकू सिंह की विस्फोटक बल्लेबाजी के बदौलत केकेआर को जीत नसीब हुई.

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Published : May 3, 2022, 7:50 AM IST

अलीगढ़ के रिंकू ने दिलाई कोलकाता को जीत
अलीगढ़ के रिंकू ने दिलाई कोलकाता को जीत

अलीगढ़: राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 23 गेंद में 42 रन की नाबाद पारी खेल कोलकाता नाइट राइडर्स को 7 विकेट से जीत दिलाने वाले अलीगढ़ के क्रिकेटर रिंकू सिंह को सोमवार को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया. वहीं, पिछले पांच मैच में मिली हार के बाद रिंकू सिंह की विस्फोटक बल्लेबाजी के बदौलत केकेआर को जीत नसीब हुई. हालांकि, इस हरफनमौला क्रिकेटर ने न केवल बल्लेबाजी, बल्कि अपनी बेहतरीन फील्डिंग से भी टीम प्रबंधन व खिलाड़ियों का दिल जीतने का काम किया. रिंकू सिंह छोटे शहर से आईपीएल में आए हैं. वो पिछले 5 साल से लगातार क्रिकेट की बुलंदियों को छूने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन यह पहला मौका है, जब आईपीएल में रिंकू ने अपने शानदार बल्लेबाजी से न सिर्फ टीम को जीत दिलाई बल्कि मैन ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम कर लिया.

वहीं, कप्तान श्रेयस अय्यर के आउट होने के बाद वो मैदान में आए थे और उन्हें कप्तान ने साफ कहा था कि मैच फिनिश करके आना है. जिसके बाद रिंकू ने अपनी धुआंधार पारी से कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिलाई. साथ ही अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरें. वहीं, रिंकू सिंह के पिता खानचंद्र सिंह अलीगढ़ में गैस सिलेंडर बांटकर परिवार का जीवन यापन करते थे और कठिन परिस्थितियों में अपने बेटे का किसी तरह से क्रिकेट खर्च उठाते थे. इतना ही नहीं बहुत मुश्किल से उन्होंने रिंकू को बाइक खरीदकर दी थी. जिस बाइक से वो स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए जाते थे.

इधर, लगातार पांच हार के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स ने जीत हासिल की है. रिंकू सिंह ने नीतीश राणा के साथ मिलकर शानदार पारी खेली और राजस्थान रॉयल्स के 153 रन के टारगेट का पीछा करते हुए आखरी ओवर में तीन विकेट खोकर जीत हासिल की. चौथे विकेट के लिए रिंकू सिंह ने 23 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाए. रिंकू सिंह ने अपनी पारी में 6 चौके और एक छक्का जड़ा. राजस्थान रॉयल्स के पास विश्व स्तर के गेंदबाज ट्रेंट बौल्ट, रविचंद्रन अश्विन, यजुवेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज हैं. लेकिन रिंकू सिंह ने सभी का डटकर सामना किया. वहीं, फील्डिंग में भी उन्होंने दो कैच लपके, जिससे उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी की नीतियों ने किया कमाल, उत्तर प्रदेश में घटी बेरोजगारी दर

कामयाबी की डगर: 24 साल के रिंकू सिंह के लिए आईपीएल का सफर आसान नहीं था. पांच भाई बहनों में रिंकू तीसरे नंबर पर है. रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे. वहीं, रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता है तो दूसरा भाई कोचिंग सेंटर में नौकरी करता है. रिंकू सिंह भी नौवीं में फेल हो गए थे. पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण रिंकू को अच्छी नौकरी भी नहीं मिल पा रही थी. खैर, जब रिंकू ने अपने भाई से नौकरी दिलवाने की बात कही तो वो अपने साथ ले गया और अपने मालिक से बात कर रिंकू को झाड़ू लगाने के काम पर लगवा दिया.

लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी रिंकू का क्रिकेट जारी रहा और साल 2015 में उनके पिता ने 5 लाख रुपये का लोन लिया. रिंकू सिंह ने यूपी की अंडर-19 टीम में खेलने पर मिलने वाले मामूली दैनिक भत्ते और क्रिकेट से मिले पैसों से परिवार का कर्ज चुकाया. वहीं, 2017 में आईपीएल की नीलामी में रिंकू को पंजाब ने 10 लाख में खरीदा था. लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने रिंकू सिंह को 80 लाख रुपये में खरीदा था.

इस साल भी नीलामी में रिंकू को 55 लाख रुपये मिले. हालांकि, अभी तक मैदान में उनकी फील्डिंग के करतब देखने को मिले थे. लेकिन पिछले दो मैचों में रिंकू सिंह ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए कमाल कर दिया और 5 मैचों में कोलकाता नाइट राइडर्स की हार के बाद जीत दिलाई. वहीं, रिंकू सिंह के मैन ऑफ द मैच बनने पर अलीगढ़ में खुशी की लहर है. किक्रेट कोच अजय शर्मा ने बताया कि रिंकू सिंह अच्छा क्रिकेट खेलते हैं. अलीगढ़ की जमीन से क्रिक्रेट की बारिकियां सीखी हैं और आईपीएल में अच्छा कर रहे हैं.

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अलीगढ़: राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 23 गेंद में 42 रन की नाबाद पारी खेल कोलकाता नाइट राइडर्स को 7 विकेट से जीत दिलाने वाले अलीगढ़ के क्रिकेटर रिंकू सिंह को सोमवार को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया. वहीं, पिछले पांच मैच में मिली हार के बाद रिंकू सिंह की विस्फोटक बल्लेबाजी के बदौलत केकेआर को जीत नसीब हुई. हालांकि, इस हरफनमौला क्रिकेटर ने न केवल बल्लेबाजी, बल्कि अपनी बेहतरीन फील्डिंग से भी टीम प्रबंधन व खिलाड़ियों का दिल जीतने का काम किया. रिंकू सिंह छोटे शहर से आईपीएल में आए हैं. वो पिछले 5 साल से लगातार क्रिकेट की बुलंदियों को छूने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन यह पहला मौका है, जब आईपीएल में रिंकू ने अपने शानदार बल्लेबाजी से न सिर्फ टीम को जीत दिलाई बल्कि मैन ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम कर लिया.

वहीं, कप्तान श्रेयस अय्यर के आउट होने के बाद वो मैदान में आए थे और उन्हें कप्तान ने साफ कहा था कि मैच फिनिश करके आना है. जिसके बाद रिंकू ने अपनी धुआंधार पारी से कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिलाई. साथ ही अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरें. वहीं, रिंकू सिंह के पिता खानचंद्र सिंह अलीगढ़ में गैस सिलेंडर बांटकर परिवार का जीवन यापन करते थे और कठिन परिस्थितियों में अपने बेटे का किसी तरह से क्रिकेट खर्च उठाते थे. इतना ही नहीं बहुत मुश्किल से उन्होंने रिंकू को बाइक खरीदकर दी थी. जिस बाइक से वो स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए जाते थे.

इधर, लगातार पांच हार के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स ने जीत हासिल की है. रिंकू सिंह ने नीतीश राणा के साथ मिलकर शानदार पारी खेली और राजस्थान रॉयल्स के 153 रन के टारगेट का पीछा करते हुए आखरी ओवर में तीन विकेट खोकर जीत हासिल की. चौथे विकेट के लिए रिंकू सिंह ने 23 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाए. रिंकू सिंह ने अपनी पारी में 6 चौके और एक छक्का जड़ा. राजस्थान रॉयल्स के पास विश्व स्तर के गेंदबाज ट्रेंट बौल्ट, रविचंद्रन अश्विन, यजुवेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज हैं. लेकिन रिंकू सिंह ने सभी का डटकर सामना किया. वहीं, फील्डिंग में भी उन्होंने दो कैच लपके, जिससे उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला.

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कामयाबी की डगर: 24 साल के रिंकू सिंह के लिए आईपीएल का सफर आसान नहीं था. पांच भाई बहनों में रिंकू तीसरे नंबर पर है. रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे. वहीं, रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता है तो दूसरा भाई कोचिंग सेंटर में नौकरी करता है. रिंकू सिंह भी नौवीं में फेल हो गए थे. पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण रिंकू को अच्छी नौकरी भी नहीं मिल पा रही थी. खैर, जब रिंकू ने अपने भाई से नौकरी दिलवाने की बात कही तो वो अपने साथ ले गया और अपने मालिक से बात कर रिंकू को झाड़ू लगाने के काम पर लगवा दिया.

लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी रिंकू का क्रिकेट जारी रहा और साल 2015 में उनके पिता ने 5 लाख रुपये का लोन लिया. रिंकू सिंह ने यूपी की अंडर-19 टीम में खेलने पर मिलने वाले मामूली दैनिक भत्ते और क्रिकेट से मिले पैसों से परिवार का कर्ज चुकाया. वहीं, 2017 में आईपीएल की नीलामी में रिंकू को पंजाब ने 10 लाख में खरीदा था. लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने रिंकू सिंह को 80 लाख रुपये में खरीदा था.

इस साल भी नीलामी में रिंकू को 55 लाख रुपये मिले. हालांकि, अभी तक मैदान में उनकी फील्डिंग के करतब देखने को मिले थे. लेकिन पिछले दो मैचों में रिंकू सिंह ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए कमाल कर दिया और 5 मैचों में कोलकाता नाइट राइडर्स की हार के बाद जीत दिलाई. वहीं, रिंकू सिंह के मैन ऑफ द मैच बनने पर अलीगढ़ में खुशी की लहर है. किक्रेट कोच अजय शर्मा ने बताया कि रिंकू सिंह अच्छा क्रिकेट खेलते हैं. अलीगढ़ की जमीन से क्रिक्रेट की बारिकियां सीखी हैं और आईपीएल में अच्छा कर रहे हैं.

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