अलीगढ़: जनपद पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने रविवार देर रात गरीबों के बच्चे चोरी करने वाले गिरोह (Child Kidnapping Gang) के 16 लोगों को गिरफ्तार किया है साथ ही चोरी हुए पांच बच्चों को भी बरामद किया है. गिरोह में 5 महिलाएं भी शामिल हैं. यह लोग बच्चों को चुराकर नि:संतान दंपतियों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक में बेचा करते थे.
बीते रविवार रात थाना महुआखेड़ा पुलिस टीम बोरना तिराहे पर चेकिंग अभियान चला रही थी. तभी पुलिस को मुखबिर से बच्चा चोरी करने वाले गैंग के बारे में जानकारी मिली थी. पुलिस ने शक होने पर बाइक सवार तीन लोगों को रोकने का प्रयास किया तो तीनों ने भागने की कोशिश की. पुलिस ने तीनों को घेरकर पकड़ लिया. पूछताछ करने पर तीनों ने अपना नाम दुर्योधन, अनिल और शुभम बताया. अभियुक्तों से पूछताछ करने पर तीनों ने बच्चा चोरी की बात कबूल की और बताया कि बच्चों को वह पैसों के लिए बेच देते हैं. बदमाशों की जानकारी पर प्रभारी निरीक्षक थाना महुआखेड़ा फोर्स के साथ रवाना हुए और गंगा नगर कॉलोनी थाना गांधीपार्क निवासी बबली के घर से 2 बच्चे, बाबा कॉलोनी आकाश के घर से एक बच्चा, एक बच्चा खैर से संजय गोयल के घर से और एक बच्चा देहलीगेट से जाहिद के घर से बरामद किया.
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बच्चा चुराने वाले व उनको मध्यस्था कर बेचने वाले और खरीदने वाले ऐसे पूरे गैंग का पर्दाफाश किया गया है. यह एक अंतर्राज्यीय गैंग हैं. इसमें से 16 लोगों को अब तक पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही 5 बच्चे अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं. यह बच्चे पिछले 7 माह के अंदर अलग-अलग जनपदों से चोरी किए गए थे. इस गैंग के प्रमुख दुर्योधन, अनिल और शिवम है. दुर्योधन जनपद एटा का रहने वाला है, अनिल साहिबाबाद का रहने वाला है और शिवम जनपद हाथरस के हसायन का रहने वाला है. ये तीनों अपराधी इस गैंग के सरगना है.
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एसएसपी ने बताया कि तीनों अक्सर रात में अकेले घर के बाहर जो बच्चे होते थे या कहीं पर सो रहे होते थे उनको चुरा लेते थे. इस गिरोह में कुछ महिलाएं हैं जिनका एक पूरा गिरोह है. इन महिलाओं के नाम बबली, नेहा, रश्मि, चांदनी और रेखा हैं. इनके माध्यम से नि:संतान दंपति को बेचा जाता था. इसके बदले में 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक उनसे ले लिया करते थे. इसमें दो बच्चे गाजियाबाद से चोरी हुए थे और एक बच्चा साहिबाबाद से चोरी हुआ था. वहीं, तीन बच्चे जनपद अलीगढ़ के विभिन्न थाना क्षेत्रों से चोरी हुए थे. चोरी हुए बच्चों की पहचान के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का पुलिस द्वारा सहारा लिया जा रहा है और पुलिस की पूरी टीम जिसने गुड वर्क किया है उसको प्रोत्साहन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा.
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने हाल फिलहाल में ही ऑपरेशन खुशी शुरू किया था. इसमें गुमशुदा बच्चों के लिए टीमें गठित की गईं थीं. वहीं, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Human Trafficking Unit) का भी पुनर्गठन करके उसको जनपद में थाने का दर्जा दिलाया गया था. इस काम में पुलिस अधीक्षक नगर की क्राइम टीम, थाना महुआखेड़ा की पुलिस टीम और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Human Trafficking Unit) के साथ-साथ सर्विलांस टीम का विशेष योगदान रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बच्चों की बरामदगी व अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने वाली टीम को इनाम स्वरूप प्रशस्ति पत्र व 25 हजार नकद पुरस्कृत देने की घोषणा की है.