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किसान आंदोलन के समर्थन में AMU से उठी आवाज - अलीगढ़ हिंदी समाचार

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. एएमयू छात्र नेताओं की तरफ से कहा गया है कि सर सैय्यद अहमद खान दिवस के डिनर पार्टी का फंड और डॉक्टरों का एक कैंप सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए लगाया जाएगा.

किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
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Published : Dec 16, 2020, 2:54 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. एएमयू छात्र नेताओं की तरफ से कहा गया है कि सर सैय्यद अहमद खान दिवस के डिनर पार्टी का फंड और डॉक्टरों का एक कैंप सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए लगाया जाएगा.

किसानों के समर्थन में एएमयू.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे छात्र

कुछ दिनों पहले एएमयू के छात्रों का एक प्रतिनिधि दल किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचा था. एएमयू छात्रों ने कृषि कानून के खिलाफ किसानों का साथ देने का वादा किया है. छात्रों ने सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात की. एएमयू छात्रों ने किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए विचार-विमर्श भी किया. एएमयू छात्रों का कहना है कि सरकार आवाम पर अपने फैसले थोपना चाहती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसानों से राय लिए बिना कृषि कानून थोपना असंवैधानिक है.

किसानों को भोजन कराते छात्र.
किसानों को भोजन कराते छात्र.

'डिनर पार्टी का फंड किसान आंदोलन को देगें'

एएमयू के छात्र किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. कृषि कानून को खत्म करने की मांग एएमयू के बाबा सैय्यद गेट से भी उठी. एक कार्यक्रम के दौरान बाबे सैय्यद गेट पर छात्रों ने कहा कि इस समय जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसमें एएमयू के सभी छात्र किसान भाइयों के साथ खड़े हैं. एएमयू छात्र आमिर ने कहा कि इस बात पर विचार चल रहा है कि सर सैय्यद दिवस पर छात्रों के डिनर पार्टी का जो फंड है, वह किसानों को दिया जाएगा. डॉक्टरों की एक टीम आंदोलन कर रहे किसानों के बीच जाकर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा. इसके लिए जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत चल रही है. किसान बिल वापस लेने के लिए छात्र हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं.

किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
हेल्थ कैंप लगाएंगे एएमयू के डॉक्टर

एएमयू छात्रों ने बताया कि किसान आंदोलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व जामिया के छात्रों के शामिल होने पर टुकड़े-टुकड़े गैंग से जोड़ दिया जाता है. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि किसान आंदोलन को कम्युनल रंग देने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है. छात्र फरहान जुबैरी ने कहा कि मेरे पिता किसान हैं और मैं चाहता हूं कि किसान आंदोलन का हिस्सा बनूं, लेकिन डर लगता है कि किसान आंदोलन में गया, तो मुझे किसान का बेटा न मानकर मुस्लिम लीडर बताकर आंदोलन को कम्युनल रंग दे दिया जाएगा.

कृषि कानून का विरोध करते किसान.
कृषि कानून का विरोध करते किसान.

'पहचान बताने से लगता है डर'

फरहान जुबैरी ने कहा कि अपनी पहचान बताने से डर लगता है. लेकिन किसानों के हक की लड़ाई लड़ूंगा. छात्रों ने कहा कि किसान आंदोलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का भी सहयोग होगा. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एसोसिएशन से बातचीत चल रही है. सिंघु बॉर्डर पर हेल्थ कैंप लगेगा. छात्रनेता आमिर ने कहा कि हम किसान आंदोलन के प्रोटेस्ट का पार्ट बनेंगे. केवल जिंदाबाद या मुर्दाबाद करने के लिए नहीं, बल्कि कुछ कंट्रीब्यूट भी करेंगे. एएमयू छात्रनेता आमिर किसानों के आंदोलन में एएमयू का प्रतिनिधि मंडल लेकर जा चुके हैं.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. एएमयू छात्र नेताओं की तरफ से कहा गया है कि सर सैय्यद अहमद खान दिवस के डिनर पार्टी का फंड और डॉक्टरों का एक कैंप सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए लगाया जाएगा.

किसानों के समर्थन में एएमयू.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे छात्र

कुछ दिनों पहले एएमयू के छात्रों का एक प्रतिनिधि दल किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचा था. एएमयू छात्रों ने कृषि कानून के खिलाफ किसानों का साथ देने का वादा किया है. छात्रों ने सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात की. एएमयू छात्रों ने किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए विचार-विमर्श भी किया. एएमयू छात्रों का कहना है कि सरकार आवाम पर अपने फैसले थोपना चाहती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसानों से राय लिए बिना कृषि कानून थोपना असंवैधानिक है.

किसानों को भोजन कराते छात्र.
किसानों को भोजन कराते छात्र.

'डिनर पार्टी का फंड किसान आंदोलन को देगें'

एएमयू के छात्र किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. कृषि कानून को खत्म करने की मांग एएमयू के बाबा सैय्यद गेट से भी उठी. एक कार्यक्रम के दौरान बाबे सैय्यद गेट पर छात्रों ने कहा कि इस समय जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसमें एएमयू के सभी छात्र किसान भाइयों के साथ खड़े हैं. एएमयू छात्र आमिर ने कहा कि इस बात पर विचार चल रहा है कि सर सैय्यद दिवस पर छात्रों के डिनर पार्टी का जो फंड है, वह किसानों को दिया जाएगा. डॉक्टरों की एक टीम आंदोलन कर रहे किसानों के बीच जाकर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा. इसके लिए जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत चल रही है. किसान बिल वापस लेने के लिए छात्र हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं.

किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे छात्रनेता आमिर.
हेल्थ कैंप लगाएंगे एएमयू के डॉक्टर

एएमयू छात्रों ने बताया कि किसान आंदोलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व जामिया के छात्रों के शामिल होने पर टुकड़े-टुकड़े गैंग से जोड़ दिया जाता है. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि किसान आंदोलन को कम्युनल रंग देने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है. छात्र फरहान जुबैरी ने कहा कि मेरे पिता किसान हैं और मैं चाहता हूं कि किसान आंदोलन का हिस्सा बनूं, लेकिन डर लगता है कि किसान आंदोलन में गया, तो मुझे किसान का बेटा न मानकर मुस्लिम लीडर बताकर आंदोलन को कम्युनल रंग दे दिया जाएगा.

कृषि कानून का विरोध करते किसान.
कृषि कानून का विरोध करते किसान.

'पहचान बताने से लगता है डर'

फरहान जुबैरी ने कहा कि अपनी पहचान बताने से डर लगता है. लेकिन किसानों के हक की लड़ाई लड़ूंगा. छात्रों ने कहा कि किसान आंदोलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का भी सहयोग होगा. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एसोसिएशन से बातचीत चल रही है. सिंघु बॉर्डर पर हेल्थ कैंप लगेगा. छात्रनेता आमिर ने कहा कि हम किसान आंदोलन के प्रोटेस्ट का पार्ट बनेंगे. केवल जिंदाबाद या मुर्दाबाद करने के लिए नहीं, बल्कि कुछ कंट्रीब्यूट भी करेंगे. एएमयू छात्रनेता आमिर किसानों के आंदोलन में एएमयू का प्रतिनिधि मंडल लेकर जा चुके हैं.

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