ETV Bharat / state

Aligarh Muslim University: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विवाद पहुंचा विश्वविद्यालय, क्यूआर कोड के साथ लगे पोस्टर

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विवाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तक पहुंच गया. यहां बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर क्यूआर कोड के साथ लगाए गए. इसकी जानकारी जैसे ही एएमयू प्रशासन को मिली तो पोस्टरों को हटवाया गया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Feb 2, 2023, 11:44 AM IST

Updated : Feb 2, 2023, 3:18 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर क्यूआर कोड के साथ वायरल किए जा रहे हैं. हालांकि, प्रशासन ने कई जगह से पोस्टर फाड़ कर हटाए हैं. पिछले दिनों बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर एएमयू में भी अब विवाद आ गया है. एएमयू कैंपस में कई जगहों पर डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर लगाए गए. इन पोस्टर पर डॉक्यूमेंट्री का क्यूआर कोड भी चस्पा किया गया है. जो भी इसको स्कैन कर रहा है, डॉक्यूमेंट्री खुल रही है.

देशभर में कई विश्वविद्यालयों में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर विवाद हुआ. यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर बनाई गई. जिसे केंद्र सरकार ने बैन कर रखा है. लेकिन, यूनिवर्सिटीज में छात्रों द्वारा इसको दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में इसको लेकर विवाद हो चुका है. वहीं, अब यह विवाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक पहुंचा है.

AMU कैंपस में कई जगह पोस्टर लगाए गए. इसके जरिए छात्रों को मोबाइल फोन पर बीबीसी डॉक्युमेंट्री दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. इस डॉक्यूमेंट्री पर क्यूआर कोड भी लगाया गया है. जो भी इस क्यूआर कोड को स्कैन कर रहा है. डॉक्यूमेंट्री खुलकर सामने आ रही है. हालांकि, अन्य विश्वविद्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के बाद एएमयू में पूरी तरीके से सतर्कता बरती जा रही थी और सुरक्षाकर्मियों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए थे. लेकिन, बीबीसी से संबंधित पोस्टर कब और कैसे चिपकाए गए. इसकी किसी को जानकारी नहीं है. हालांकि, AMU प्रशासन को जब पोस्टर के बारे में जानकारी मिली तो उनको हटाया गया.

इस मामले में एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कुछ आइसोलेटेड जगह थी, जहां पर अंधेरा था. वहां मौका पाकर के कोई बाहरी शरारती तत्व पोस्टर लगाकर चले गए. जैसे ही हमारे सिक्योरिटी गार्ड के नोटिस में यह आया तो उसको फौरन हटा दिया गया. इसमें यूनिवर्सिटी के कोई बच्चे नहीं है. हमारा जो अंदाजा है उसमें कोई बाहर का आदमी है जो मौका पाकर यह काम करके चला गया. बहुत ज्यादा नहीं थे. 24 पोस्टर लगे हुए नजर आए थे. यह पोस्टर स्क्रीनिंग डॉक्यूमेंट्री के बारे में था. हमने देखने की कोशिश की है. सीसीटीवी कैमरे में वह नजर नहीं आ रहा है क्योंकि उस जगह अंधेरा था. इसमें कोई जांच का मसला ही नहीं है. ऐसी कोई बात ही नहीं है. इसके पीछे कोई बाहरी व्यक्ति है.

यह भी पढ़ें: Prayagraj Magh Mela में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने किया संगम स्नान, संतों से करेंगे मुलाकात

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर क्यूआर कोड के साथ वायरल किए जा रहे हैं. हालांकि, प्रशासन ने कई जगह से पोस्टर फाड़ कर हटाए हैं. पिछले दिनों बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर एएमयू में भी अब विवाद आ गया है. एएमयू कैंपस में कई जगहों पर डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर लगाए गए. इन पोस्टर पर डॉक्यूमेंट्री का क्यूआर कोड भी चस्पा किया गया है. जो भी इसको स्कैन कर रहा है, डॉक्यूमेंट्री खुल रही है.

देशभर में कई विश्वविद्यालयों में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर विवाद हुआ. यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर बनाई गई. जिसे केंद्र सरकार ने बैन कर रखा है. लेकिन, यूनिवर्सिटीज में छात्रों द्वारा इसको दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में इसको लेकर विवाद हो चुका है. वहीं, अब यह विवाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक पहुंचा है.

AMU कैंपस में कई जगह पोस्टर लगाए गए. इसके जरिए छात्रों को मोबाइल फोन पर बीबीसी डॉक्युमेंट्री दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. इस डॉक्यूमेंट्री पर क्यूआर कोड भी लगाया गया है. जो भी इस क्यूआर कोड को स्कैन कर रहा है. डॉक्यूमेंट्री खुलकर सामने आ रही है. हालांकि, अन्य विश्वविद्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के बाद एएमयू में पूरी तरीके से सतर्कता बरती जा रही थी और सुरक्षाकर्मियों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए थे. लेकिन, बीबीसी से संबंधित पोस्टर कब और कैसे चिपकाए गए. इसकी किसी को जानकारी नहीं है. हालांकि, AMU प्रशासन को जब पोस्टर के बारे में जानकारी मिली तो उनको हटाया गया.

इस मामले में एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कुछ आइसोलेटेड जगह थी, जहां पर अंधेरा था. वहां मौका पाकर के कोई बाहरी शरारती तत्व पोस्टर लगाकर चले गए. जैसे ही हमारे सिक्योरिटी गार्ड के नोटिस में यह आया तो उसको फौरन हटा दिया गया. इसमें यूनिवर्सिटी के कोई बच्चे नहीं है. हमारा जो अंदाजा है उसमें कोई बाहर का आदमी है जो मौका पाकर यह काम करके चला गया. बहुत ज्यादा नहीं थे. 24 पोस्टर लगे हुए नजर आए थे. यह पोस्टर स्क्रीनिंग डॉक्यूमेंट्री के बारे में था. हमने देखने की कोशिश की है. सीसीटीवी कैमरे में वह नजर नहीं आ रहा है क्योंकि उस जगह अंधेरा था. इसमें कोई जांच का मसला ही नहीं है. ऐसी कोई बात ही नहीं है. इसके पीछे कोई बाहरी व्यक्ति है.

यह भी पढ़ें: Prayagraj Magh Mela में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने किया संगम स्नान, संतों से करेंगे मुलाकात

Last Updated : Feb 2, 2023, 3:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.