देश-विदेश में तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ आज अपनी पहचान खोता जा रहा है. समय था कि इसकी मजबूती और बेहतरीन बनावट का हर कोई कायल था, लेकिन चीन से बन के आ रहे तालों ने अलीगढ़ के ताला व्यापारियों की कमर तोड़ दी है.
टेक्नोलॉजी में पिछड़ता यहां का ताला सरकार की अनदेखी के चलते मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है. ताला कारोबारी कभी सरकारी बजट से राहत की उम्मीद करते हैं, तो कभी किसी सरकारी योजना का इंतजार करते हैं. कारोबारी इस उद्योग में सब्सिडी चाहते हैं, लेकिन 18 प्रतिशत जीएसटी ने ताले के कारोबार की जड़े हिलाकर रख दी हैं.
चाइना के सस्ता ताले देश भर में फैल चुका है. चीन के तालों के मुकाबले अलीगढ़ के तालों को अब कोई पूछने वाला नहीं है. इससे मध्यम वर्ग के कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन कागजी घोड़े दौड़ाने के अलावा सरकारी महकमा कोई सुविधा नहीं दे पा रहा है.
तालों की मार्केट में भी डिमांड नहीं है. डिमांड घटने से ताले बनाने वाले लोगों की संख्या में कम होती जा रही है. सरकार की बेरूखी की मार झेल रहे अब इन व्यापारियों को यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट से उम्मीदें जुड़ गई हैं.