अलीगढ़ : 11 साल लंबे इंतजार के बाद अलीगढ़ में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज शुरु हो पाया है. मायावती शासन के समय में इस राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की नींव रखी गई थी. अखिलेश सरकार के समय में बिल्डिंग बन के तैयार हो गई थी लेकिन चालू नहीं किया गया था. वहीं अब योगी सरकार ने अलीगढ़ और गोरखपुर के होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को मान्यता दी है. वर्ष 2019-20 सत्र में दोनों ही मेडिकल कॉलेजों को सौ-सौ सीटों पर प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है. इन सीटों का इसी सत्र में आयुष यू जी काउंसलिंग से आवंटन किया जाएगा.
- पश्चिमी यूपी में मुरादाबाद के बाद अलीगढ़ में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज आरंभ किया गया है.
- यहां बीएचएमएस पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति मिलने से प्रदेश में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.
- वही सीटों की संख्या कुल 775 हो गई है. इससे छात्र-छात्राओं को निजी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं लेना पड़ेगा.
- मार्च 2018 में प्रोफेसर योगेंद्र सिंह माहुर अलीगढ़ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का पद संभाला.
- इसके बाद यहां शिक्षकों, चिकित्सकों मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होने पर ओपीडी का भी शुभारंभ किया गया.
- इसमें प्रतिदिन 300 से 400 मरीज होम्योपैथी विधा का लाभ लेने पहुंच रहे हैं.
प्रो योगेद्रं सिंह ने सीएम योगी को जताया आभार
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर योगेंद्र सिंह माहुर ने होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की अनुमति मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है. किसी भी शैक्षणिक संस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग छात्र होता है जो कि शीघ्र ही इस परिसर में दिखाई देंगे. यहां छात्र व छात्राओं के लिए कैंपस में ही अलग-अलग हॉस्टल की भी व्यवस्था है. प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के सभी विभागों को सुसज्जित किया जा चुका है. बीएचएमएस पाठ्यक्रम में छात्र छात्राओं के प्रवेश हेतु मेडिकल कॉलेज पूर्ण तैयार है. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सत्र 2019 - 20 के लिए बीएचएमएस की 100 सीटों के लिए अनुमति दे दी है. इन सीटों पर इसी सत्र में आयुष यू जी काउंसलिंग द्वारा आवंटन किया जाएगा. होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की नींव सन 2008 में रखी थी. जुलाई 2011 में अस्पताल बनकर तैयार हुआ था.