अलीगढ़: जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के बाद अधिकारियों में रार छिड़ गई है. दरअसल एनआरएचएम में डेढ़ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर धनराशि का बंदरबांट किया है. न तो निर्माण कार्य नियम के अनुसार किया गया है और न गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर खरीदा गया है.
मामले की जांच में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. स्वास्थ्य विभाग के ही एक प्रधान सहायक ने डीएम को पत्र भेजकर एनआरएचएम के बजट के दुरुपयोग की शिकायत की थी.
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इस प्रकरण के बाद सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने भी एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा और विभागीय प्रधान सहायक विनयकांत अग्निहोत्री के खिलाफ मामलों को आगे लाने का काम किया और विभिन्न अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा का आरोप है कि वैलनेस सेंटरों में टेंडर के बाद से ही मतभेद शुरू हो गए थे. टेंडरों में गड़बड़ी की बात उठी थी. सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था. इस मामले में प्रशासन से भी सीएमओ की शिकायत की गई. वहीं, एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा ने सीएमओ पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया और डीएम से शिकायत की.
सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा पर आया की मौत के बाद उसका वेतन आहरित करने का आरोप लगाया है. इस पर सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग में मची इस रार के बाद कहा जा सकता है कि घोटालों में साथ नहीं देने पर विवाद बढ़ गया है. हालांकि इस विवाद में स्वास्थ्य विभाग के घोटाले दफन हो रहे हैं.
डीएम के निर्देश पर की गई जांच में अनियमितताएं मिलने पर सीएमओ से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
-अनुनय झा, मुख्य विकास अधिकारी