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अलीगढ़: स्वास्थ्य विभाग में घोटालों के बाद अधिकारियों में मची रार

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Published : Nov 29, 2019, 8:48 PM IST

यूपी के अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग एनआरएचएम में हुए डेढ़ करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके बाद अधिकारियों में रार मच गई है.

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सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर मांगा जवाब.

अलीगढ़: जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के बाद अधिकारियों में रार छिड़ गई है. दरअसल एनआरएचएम में डेढ़ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर धनराशि का बंदरबांट किया है. न तो निर्माण कार्य नियम के अनुसार किया गया है और न गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर खरीदा गया है.

मामले की जांच में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. स्वास्थ्य विभाग के ही एक प्रधान सहायक ने डीएम को पत्र भेजकर एनआरएचएम के बजट के दुरुपयोग की शिकायत की थी.

सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर मांगा जवाब.
जांच में पता चला कि 2018 में बायो मेडिकल वेस्ट कलेक्शन सेंटर के निर्माण के लिए 48 लाख रुपए का बजट जारी हुआ था. इसमें 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर तीन-तीन लाख रुपए में शेड बनने थे. इन्हें लोक निर्माण विभाग आरईडी और साथ ही अन्य सरकारी निर्माणदायी संस्थाओं को बनवाना था. अधिकारियों ने यह काम मेसर्स सुशील कुमार कांट्रेक्टर को दे दिया, जो नियमों के खिलाफ था. वहीं, 2018 में ही 30 उपकेंद्र को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाने के लिए 50 लाख रुपए का फर्नीचर और उपकरण जेम पोर्टल से खरीदे गए. इन सामानों को जब स्टोर में भेजा गया, तो स्टोरकीपर ने महंगा और घटिया सामान बताकर लेने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें: सोनभद्र: 81 बच्चों में बांटा गया था 1 लीटर दूध, शिक्षामित्र पर FIR, एक शिक्षक सस्पेंड
इस प्रकरण के बाद सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने भी एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा और विभागीय प्रधान सहायक विनयकांत अग्निहोत्री के खिलाफ मामलों को आगे लाने का काम किया और विभिन्न अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा का आरोप है कि वैलनेस सेंटरों में टेंडर के बाद से ही मतभेद शुरू हो गए थे. टेंडरों में गड़बड़ी की बात उठी थी. सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था. इस मामले में प्रशासन से भी सीएमओ की शिकायत की गई. वहीं, एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा ने सीएमओ पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया और डीएम से शिकायत की.

सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा पर आया की मौत के बाद उसका वेतन आहरित करने का आरोप लगाया है. इस पर सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग में मची इस रार के बाद कहा जा सकता है कि घोटालों में साथ नहीं देने पर विवाद बढ़ गया है. हालांकि इस विवाद में स्वास्थ्य विभाग के घोटाले दफन हो रहे हैं.

डीएम के निर्देश पर की गई जांच में अनियमितताएं मिलने पर सीएमओ से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
-अनुनय झा, मुख्य विकास अधिकारी

अलीगढ़: जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के बाद अधिकारियों में रार छिड़ गई है. दरअसल एनआरएचएम में डेढ़ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर धनराशि का बंदरबांट किया है. न तो निर्माण कार्य नियम के अनुसार किया गया है और न गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर खरीदा गया है.

मामले की जांच में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. स्वास्थ्य विभाग के ही एक प्रधान सहायक ने डीएम को पत्र भेजकर एनआरएचएम के बजट के दुरुपयोग की शिकायत की थी.

सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर मांगा जवाब.
जांच में पता चला कि 2018 में बायो मेडिकल वेस्ट कलेक्शन सेंटर के निर्माण के लिए 48 लाख रुपए का बजट जारी हुआ था. इसमें 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर तीन-तीन लाख रुपए में शेड बनने थे. इन्हें लोक निर्माण विभाग आरईडी और साथ ही अन्य सरकारी निर्माणदायी संस्थाओं को बनवाना था. अधिकारियों ने यह काम मेसर्स सुशील कुमार कांट्रेक्टर को दे दिया, जो नियमों के खिलाफ था. वहीं, 2018 में ही 30 उपकेंद्र को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाने के लिए 50 लाख रुपए का फर्नीचर और उपकरण जेम पोर्टल से खरीदे गए. इन सामानों को जब स्टोर में भेजा गया, तो स्टोरकीपर ने महंगा और घटिया सामान बताकर लेने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें: सोनभद्र: 81 बच्चों में बांटा गया था 1 लीटर दूध, शिक्षामित्र पर FIR, एक शिक्षक सस्पेंड
इस प्रकरण के बाद सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने भी एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा और विभागीय प्रधान सहायक विनयकांत अग्निहोत्री के खिलाफ मामलों को आगे लाने का काम किया और विभिन्न अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा का आरोप है कि वैलनेस सेंटरों में टेंडर के बाद से ही मतभेद शुरू हो गए थे. टेंडरों में गड़बड़ी की बात उठी थी. सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था. इस मामले में प्रशासन से भी सीएमओ की शिकायत की गई. वहीं, एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा ने सीएमओ पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया और डीएम से शिकायत की.

सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा पर आया की मौत के बाद उसका वेतन आहरित करने का आरोप लगाया है. इस पर सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग में मची इस रार के बाद कहा जा सकता है कि घोटालों में साथ नहीं देने पर विवाद बढ़ गया है. हालांकि इस विवाद में स्वास्थ्य विभाग के घोटाले दफन हो रहे हैं.

डीएम के निर्देश पर की गई जांच में अनियमितताएं मिलने पर सीएमओ से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
-अनुनय झा, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में घोटाले के बाद अधिकारियों में रार छिड़ गई है. दरअसल एनआरएचएम में डेढ़ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर धनराशि का बंदरबांट कर दिया. न तो निर्माण कार्य नियमों से हुआ. और ना गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर खरीदा गया. इस मामले में शिकायत पर डीएम ने सीडीओ अनुनय झा से जांच कराई. तो भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ. सीडीओ ने सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा. स्वास्थ्य विभाग के ही एक प्रधान सहायक ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर एनआरएचएम के बजट के दुरुपयोग की शिकायत की थी. सीडीओ की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई. 






Body:जांच में पता चला कि 2018 में बायो मेडिकल वेस्ट कलेक्शन सेंटर के निर्माण के लिए 48 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था. जिसमें 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर तीन तीन लाख रुपए में शेड बनने थे. इन्हें लोक निर्माण विभाग.आरईडी  व अन्य सरकारी निर्माणदाई संस्था द्वारा बनवाना था. अधिकारियों ने यह काम मेसर्स सुशील कुमार कांट्रेक्टर को दे दिया. जो नियमों के खिलाफ था. वही 2018 में ही 30 उपकेंद्र को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाने के लिए 50 लाख रुपये का फर्नीचर व उपकरण जेम पोर्टल से खरीदे गये. इन सामानों को जब स्टोर में भेजा गया. तो स्टोरकीपर में लेने से इनकार कर दिया.क्यो कि इसे मंहगा व घटिया सामान बताया गया. वहीं सीएमओ ने सीधे सामान को स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजने का आदेश दे दिया. वही सीडीओ अनुनय झा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जांच में अनियमितताएं मिलने पर सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है .
 


Conclusion:इस  प्रकरण के बाद सीएमओ डा एमएल अग्रवाल ने भी एसीएमओ डॉ पीके शर्मा व विभागीय प्रधान सहायक विनयकांत अग्निहोत्री के खिलाफ मामलों को आगे लाने का काम किया और विभिन्न अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया. एसीएमओ डॉ पीके शर्मा का आरोप है कि वैलनेस सेंटरों में टेंडर के बाद से ही मतभेद शुरू हो गए थे. टेंडरों में गड़बड़ी की बात उठी थी. समान की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था. इस मामले में प्रशासन से भी सीएमओ की शिकायत की गई. वही एसीएमओ डॉ पीके शर्मा ने सीएमओ पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया और डीएम से शिकायत की. हालांकि विनयकांत अग्निहोत्री ने सीएमओ को नोटिस का जवाब दिया. वही नोटिस के बाद एसीएमओ का मोबाइल बंद है. सीएमओ  डा एमएल अग्रवाल ने एसीएमओ डॉ पीके शर्मा पर आया की मौत के बाद उसका वेतन आहरित करने का आरोप लगाया है. इस पर सीएमओ डॉ एमएल अग्रवाल ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग में मची इस रार के बाद कहा जा सकता है कि घोटालों में साथ नहीं देने पर विवाद बढ़ गया है. हालांकि इस विवाद में स्वास्थ्य विभाग के घोटाले दफन हो रहे हैं. 

बाइट -  अनुनय झा , मुख्य विकास अधिकारी , अलीगढ़

आलोक सिंह, अलीगढ़ 
9837830535


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