अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने जेल की चारदीवारी में अपने हाथों का अनोखा हुनर दिखाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश की राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू ने भी उनके हुनर की सराहना की है. कारागार में निरुद्ध बंदियों ने लकड़ी से शंख, शिवलिंग,ओम, बांसुरी और गदा समेत कई ऐसे आइटम बनाए, जो लोगों को पसंद आ रहे हैं. पिछले दिनों यूपी के कारागार और होमगार्ड विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बंदियों द्वारा बनाए गए लकड़ी की शिवलिंग, बांसुरी व ओम की आकृति राष्ट्रपति मुर्मू को भेंट की थी. इसकी पुष्टि जेल सुपरिटेंडेंट बृजेंद्र सिंह यादव ने भी की.
अलीगढ़ के जेल में बंद एक बंदी लकड़ी के प्रोडक्ट बिना किसी मशीनरी सहयोग के बनाकर नाम कमा रहा है. उसकी कारीगरी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जमकर प्रशंसा कर चुके हैं. अलीगढ़ की जेल में लकड़ी से गदा, तलवार, शंख, ऊं, शिवलिंग और बांसुरी जैसी चीजें तैयार की जा रही हैं. बंदियों की ओर बनाए गए ये प्रोडक्ट देश भर में बिक्री के लिए भेजी जा रही हैं. अलीगढ़ में तैयार किए जा रहे यह उत्पाद जिले और प्रदेश के बाहर निकलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मु तक पहुंच चुके हैं. अलीगढ़ में तैयार की गई इन चीजों को उन्हें बतौर उपहार दिया गया, जिसके बाद उन्होंने इसकी तारीफ की.
जेल में तैयार होने वाली वुडन क्राफ्ट के रेट भी फिक्स किए गए हैं. इन क्राफ्ट का बाजार मूल्य 700 से लेकर 1500 रुपये के बीच है. वुडन क्राफ्ट बनाने वाले बंदियों को भी इसके बदले अच्छा पारिश्रामिक मिल रहा है. जिला कारागार में निरुद्ध बंदी दुर्योधन ने बताया कि इस समय वह अलीगढ़ जेल में अभी वुडन फ्लावर पॉट बना रहा है. इससे पहले शिवलिंग, शंख, बांसुरी, सिंहासन और ओम जैसे आइटम बनाए हैं. इन्हें बनाने के लिए 3 लोगों की टीम बनाई गई है.
जेल सुपरिटेंडेंट बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया जिला कारागार में हमारे यहां कुछ बंदी निरूद्ध हुए थे, जिनको वुडन क्राफ्ट के बारे में थोड़ी- बहुत जानकारी थी. जब उनसे बात की गई तो उनके हुनर का पता चला. इसके बाद अलीगढ़ जिला कारागार में काष्ठ उद्योग का प्रारंभ किया गया और बंदियों को नियमित सारी सामग्री उपलब्ध कराई गई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से मिली सराहना के बाद बंदियों का काफी मनोबल बढ़ा है. जिसके बाद इस को और बेहतर तरीके से हुनर दिखा है. उन्होंने बताया कि वुडन क्राफ्ट की बिक्री से जो लाभ होता है, उसके लाभांश बंदियों को भी दिया जाता है.
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